मुंबई: साउथ डायरेक्टर एसएस राजामौली की फिल्म 'आरआरआर' के गाने नाटू-नाटू ने गोल्डन ग्लोब 2023 (Golden Globes 2023) के बेस्ट गाने का अवॉर्ड अपने नाम कर लिया है. 'नाटू नाटू' गाने के लिए भारत ने अपना पहला गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड जीता है. इसके साथ ही भारतीय फिल्में कई अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड जीतकर देशवासियों का सीना छप्पन इंच का कर चुकी हैं. यहां देखिए लिस्ट-
बिमल रॉय की दो बीघा ज़मीन (1953): दो बीघा जमीन एक भारतीय फिल्म है. 1954 के कान्स फिल्म समारोह में बलराज साहनी और निरूपा रॉय अभिनीत दो बीघा जमीन ने कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते.
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महबूब खान की मदर इंडिया (1957): मदर इंडिया भारत की अब तक की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक है. अंतरराष्ट्रीय सिनेमा में फिल्म को देखा गया और 1958 में कार्लोवी वैरी इंटरनेशनल फिल्म में प्रशंसा मिली. इसके अलावा, यह अकादमी पुरस्कार के लिए भारत का पहला सबमिशन था, जिसके लिए यह नामांकन प्राप्त किया.
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गांधी: बेस्ट कॉस्ट्यूम डिज़ाइन के लिए भानु अथैया ने 1982 के ऐतिहासिक नाटक गांधी के लिए भारत का पहला ऑस्कर जीता. 100 से अधिक फिल्मों में योगदान देने के साथ हीडिजाइनर ने गुरु दत्त, यश चोपड़ा, राज कपूर जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों के साथ काम किया.
मानद पुरस्कार- सत्यजीत रे: भारतीय सिनेमा के क्रांतिकारी फिल्म निर्माता सत्यजीत रे ने उत्कृष्ट फिल्में दीं. फिल्म निर्माता ने भारतीय और बंगाली सिनेमा दोनों के लिए शानदार काम किया और एक से बढ़कर एक फिल्में दीं. उनकी पहली फिल्म पाथेर हैपांचाली है, जिसने 1955 में कान फिल्म समारोह में बेस्ट ह्यूमन डॉक्यूमेंट सहित कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते. 1992 में द एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेजलाइफटाइम अचीवमेंट के लिए रे को मानद ऑस्कर 1992 से सम्मानित किया गया.
सलाम बॉम्बे (1988): मीरा नायर की '1000 बेस्ट एवर मेड' फिल्मों में से एक 1988 की फिल्म कहानी में खूबसूरती से बताती है कि बॉम्बे स्ट्रीट के बच्चे कैसे जीवित रहते हैं औरवे जिस स्थिति में हैं, उसी स्थिति में खत्म हो जाते हैं. फिल्म ने टॉप विदेशी फिल्म के लिए नेशनल बोर्ड ऑफ़ रिव्यू अवार्ड जीता ,कान्स फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन कैमरा एंड ऑडियंस अवार्ड के साथ ही मॉन्ट्रियल वर्ल्ड फिल्म फेस्टिवल में तीन पुरस्कार अपने नाम किया. सलाम बॉम्बे 'द बेस्ट 1,000 मूवीज एवर' की सूची में भी शामिल है.
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मणिरत्नम की दिल से (1998): दिल से एक भारतीय फिल्म है, जिसने कई पुरस्कार जीते हैं. 1998 में रिलीज़ हुई फिल्म ने बर्लिन इंटरनेशनल अवॉर्ड 1999 में नेटपैक अवॉर्ड जीता, एरा न्यू होराइजन्स फिल्म फेस्टिवल और हेलसिंकी इंटरनेशनल मेंइसने छायांकन और पटकथा के लिए पुरस्कार जीते.
रितेश बत्रा की लंचबॉक्स (2013): लंचबॉक्स ने कई स्तरों पर पुरस्कार जीते हैं. फिल्म को 2013 कान्स फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित किया गया था और2013 टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव भी प्रदर्शित किया गया था.
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नागेश कुकुनूर की धनक (2015): धनक ने कई पुरस्कार जीते. नागेश कुकुनूर द्वारा निर्देशित यह फिल्म एक 10 साल की लड़की और उसके अंधे भाई के इर्द-गिर्द घूमती है. इसका प्रीमियर 65वें बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2015 में हुआ था, जहां फिल्म को सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म के लिए क्रिस्टल बियर ग्रां प्री से सम्मानित किया गया.
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विनोथराज पीएस की कूझंगल (2021): कूझंगल ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कारों को अपने नाम किया है. तमिल फिल्म ने अंतरराष्ट्रीय फेस्टिवल रॉटरडैम 2021 के 50 वें संस्करण में टाइगर पुरस्कार जीत चुकी है. बेस्ट फिल्म के लिए दिया गया टाइगर पुरस्कार इस फेस्टिवल का शीर्ष सम्मान है. कूझंगल का अर्थ कंकड़ है, जिसे नयनतारा द्वारा निर्मित तथा विनोद राज पीएस द्वारा निर्देशित किया गया है. यह फिल्म ऑस्कर के लिए भी शॉर्टलिस्ट हो चुकी है.
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