ग्वालियर। ग्वालियर के युवा डायरेक्टर जितांक गुर्जर की ग्वालियर बेस्ड स्टोरी और यहीं के नवोदित कलाकारों को लेकर बनाई गई फिल्म बासन ने कान्स वर्ल्ड फिल्म फेस्टिबल में इतिहास रच दिया. इस विश्व स्तरीय फिल्म फेस्टिबल में ऑनलाइन भेजी गई बासन फिल्म ने बेस्ट इंडिपेंडेंट फीचर फिल्म केटेगरी के अवॉर्ड अपने नाम कर लिए मूलतः थियेटर से जुड़े जितांक जिले की डबरा तहसील के चिटोली गांव के रहने वाले हैं और ग्वालियर में रहकर थियेटर करते हैं.
एक लाख रुपये जुटाकर बनाई फिल्म बासन: जितांक ने बताया है कि "दफीना (गढ़े हुए खजाने) की खोज में रहने वाले लोगों की मनस्थिति पर एक रोचक कहानी लिखी और इसका स्क्रीनप्ले लिखा. मैंने इस पर फिल्म बनाने की सोची, लेकिन इसके लिए धन जुटाना कठिन था. बाद में इसके लिए स्थानीय कलाकारों को ही तैयार किया, डायरेक्शन की कमान भी खुद ही संभाली, लोकेशन भी ग्वालियर से लगे इलाके पनिहार में खोजी और फिर दोस्तों की मदद से एक लाख जुटाकर फिल्म बनाई."
कान्स वर्ल्ड फिल्म फेस्टिबल में बासन फिल्म को अवॉर्ड: जितांक बताते हैं कि "दोस्तों की मदद से ग्वालियर के ही एक हॉल में ही इसकी स्क्रीनिंग की, फिल्म को सबकी सराहना भी मिली. इसके बाद मैं फिल्म को तमिलनाडु में आयोजित होने वाले अथविकवरुडी फिल्म फेस्टिबल में लेकर गया तो वहां 2 अवॉर्ड जीतकर मेरा हौसला बढ़ा. इस बीच कान्स फिल्म फेस्टिबल के लिए वेबसाइट के जरिए फिल्म की एंट्री मांगी गईं तो मैंने वहां भी अपनी फिल्म और एंट्री भेज दी, लेकिन अचानक जब मुझे अवॉर्ड जीतने की सूचना मिली तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. मैंने कान्स वर्ल्ड फिल्म फेस्टिबल ऑर्गनाइजेशन से सूचना दी कि "बासन को फेस्टिबल में इंडिपेंडेंट बेस्ट फीचर फिल्म केटेगरी में अवॉर्ड मिला है."
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फिल्म बासन को अब तक मिले 5 अवॉर्ड: जितांक की फिल्म बासन को विश्व स्तरीय फिल्म प्रतियोगिता इंडो फ्रेंच इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल में भी 5 अवॉर्ड हासिल हुए हैं, जिनमें- बेस्ट इंडियन फीचर फिल्म, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट स्क्रीन प्ले, बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर,और बेस्ट ट्रेलर का अवॉर्ड शामिल है. जितांक का कहना है कि "मुझे कान्स से इसके सर्टिफिकेट मेल से भेजे गए हैं और आगे दिसंबर में होने वाले फिल्म फेस्टिबल के होने वाले समारोह में बुलाया जाएगा, जिसमें फिल्म की स्क्रीनिंग भी की जाएगी."