मुंबई: टीवी इंडस्ट्री की खूबसूरत एक्ट्रेस और 'ससुराल सिमर का', 'लाल इश्क', 'डोली अरमानों की' जैसे शो का हिस्सा रह चुकीं फलक नाज ने नेपोटिज्म पर खुलकर बात की. इस दौरान एक्ट्रेस ने कहा कि वास्तव में नेपोटिज्म पर खुलकर बात करना या उसकी आलोचना करना तो आसान है, लेकिन एक्टर की सफलता और असफलता तो टैलेंट पर ही निर्भर करती है. फलक ने कहा कि उन्हें इंडस्ट्री में बड़ा ब्रेक पाने के लिए लगातार संघर्ष करना पड़ा और यह संघर्ष कनेक्शन पर बेस्ड नहीं था.
अपने शुरुआती संघर्ष के दिनों के बारे में बात करते हुए फलक ने कहा कि ईमानदारी से कहूं तो जब मैं पहली बार यहां आयी थी तो मेरा कोई कनेक्शन नहीं था. यहां पहुंचने के बाद, मैंने गूगल पर प्रोडक्शन हाउस देखा और टेलीफोन डायरेक्टरी में नंबर पाया. इसके बाद मैं सीधे प्रोडक्शन हाउस गई, अपना परिचय दी और धीरे-धीरे कनेक्शन बना पाई. 'अदालत' फेम एक्ट्रेस ने कहा कि मेरा मानना है कि नेटवर्किंग और रेफरेंस ज्यादा मायने नहीं रखते क्योंकि अगर आपके पास टैलेंट है तो यह खुद बोलता है.
नेपोटिज्म के बारे में बात करते हुए 'बिग बॉस ओटीटी 2' कंटेस्टेंट ने कहा कि 'नेपोटिज्म आम है, लेकिन मेरा मानना है कि आज के दर्शक, चाहे बड़े पर्दे पर हो या टीवी पर, काफी समझदार हैं. वे टैलेंट को महत्व देते हैं, जैसा कि रणबीर कपूर जैसे अभिनेताओं ने दिखाया है, जिन्होंने फिल्मी परिवार से होने के बावजूद अपनी एक्टिंग से दुनिया भर में पहचान हासिल की. फलक ने कहा कि सफलता का दोष केवल नेपोटिज्म पर मढ़ना सही नहीं है, कई अभिनेता स्ट्रांग फैमिली से आते हैं. फैमिली कनेक्शन कई फील्ड्स में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जैसे डॉक्टरों या वकील का परिवार होना.
उन्होंने कहा कि एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में नेपोटिज्म की आलोचना करना आसान है क्योंकि वहां थोड़ा विरोध है, लेकिन वास्तव में, सफलता व्यक्तिगत प्रतिभा पर निर्भर करती है. 'राधाकृष्ण' अभिनेत्री का यह भी मानना है कि अगर आपको कोई मजबूत कैरेक्टर या अवसर मिलता है जो आपको पसंद है, तो यह थोड़ा रिस्क वाला है. उन्होंने कहा कि मैंने खुद इसका अनुभव किया है, कभी-कभी, एक्टर्स को बजट की कमी या अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन अगर कैरेक्टर आकर्षक है, तो मैं मौका देती हूं. फलक ने कहा कि सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आप कैसे काम करते हैं. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि जब आप में अपने काम के प्रति जुनून होता है तो आप फोकस करने लगते हैं. काम करने का उत्साह बनाए रखना जरूरी है.