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इरफान खान: हीरो और विलेन की सीमाओं से परे फैंस के दिलों पर राज करने वाला सुपरस्टार

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 7, 2024, 5:08 PM IST

Updated : Jan 7, 2024, 7:45 PM IST

Irrfan Khan Birth Anniversary: 'हमेशा-हमेशा भरी रहने वाली वो बड़ी-बड़ी आंखें, वो खनकदार आवाज, वो साफ तल्लफुज और जिंदगी की उथलपुथल का सटीक प्रदर्शन... यही तो थे इरफान...' इरफान खान एक ऐसा नाम जिसने फिल्मों में एक्टिंग की परिभाषा ही बदल कर रख दी. एक ऐसा सितारा जिसने चाहे हीरो का किरदार निभाया हो या विलेन का लोगों ने उन्हें केवल एक अभिनेता के रूप में ही देखा है. अपनी शानदार एक्टिंग से फैंस के दिलों पर राज करने वाले इरफान खान आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनकी फिल्मों के जरिए वे आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं. आइए आपको रुबरु करवाते हैं उनके कुछ ना भुलने वाले किरदारों से...

Irrfan khan
इरफान खान

मुंबई: हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में सफल होने के कई पैमाने हैं, किसी एक्टर को कैसा कैरेक्टर मिला, उसके हिस्से में कैसे डायलॉग आए या फिल्म में उसका स्क्रीन टाइम कितना था. लेकिन भारत ही नहीं दुनिया भर में बहुत कम ऐसे एक्टर या कलाकार हुए जो इन सबके परे जाकर दर्शकों की दिलों में बस गये. भारत में दशकों तक 'सुपर स्टार हीरो' को सफल अभिनेताओं के रूप में देखा जाता रहा. वहीं, नेगेटिव कैरेक्टर प्ले करने वाले अभिनेताओं को वास्तविक जीवन में भी 'नफरत' का सामना करना पड़ा. फिर हिंदी सिनेमा का दौर बदला और पर्दे पर नजर आये इरफान. हिंदी सिनेमा को 'हासिल' हुआ एक ऐसा अभिनेता जिसने कैमरे से आंखें मिलाईं और सीधे दर्शकों के दिलों में घर कर लिया.

हीरो-विलेन की इमेज से परे सितारा
यह कहना अतिशियोक्ति भी हो तो भी कहना जरूरी है कि हिंदी सिनेमा में इरफान की पहचान 'हीरो' या 'विलेन' से परे जाकर एक मंझे हुए कलाकार के रूप में बनी. वह चाहे किसी साधारण व्यक्ति का किरदार हो या किसी गैंगस्टर का दर्शकों ने उनके किरदार से ज्यादा उनके अभिनय पर प्यार दिखाया. 'हासिल', 'मकबूल', 'द किलर', 'डेड लाइन : सिर्फ 24 घंटे की', 'नॉक आउट' 'पजल' और सात खून माफ जैसी फिल्मों में इरफान के किरदार या तो ग्रे थे या निगेटिव... लेकिन इन फिल्मों को देखकर किसी दर्शक ने कभी ये नहीं कहा कि हिंदी सिनेमा को एक नया विलेन मिल गया है.

नेगेटिव किरदार की भी हुई सराहना
इरफान ने इन किरदारों को भी इस तरह निभाया की दर्शकों के मन में उनके लिए एक अलग जगह बन गई. यह इरफान की बड़ी-बड़ी आंखों और शानदार एक्टिंग स्किल का ही कमाल था कि दर्शकों को उनका ग्रे शेड कैरेक्टर भी खासा पसंद आया. ये कहना गलत नहीं होगा कि इरफान ने अपनी एक्टिंग के दम पर जिंदगी और किरदारों के ग्रे शेड को सिल्वर स्क्रीन पर नई चमक दी.

बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड का सफर
इरफान खान ने बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक अपने अभिनय का लोहा मनवाया है. सलाम बॉम्बे में एक छोटे से रोल से शुरू हुआ उनका सफर 'हासिल' ,'मकबूल', 'लाइफ इन अ मेट्रो', 'पान सिंह तोमर', 'द लंच बॉक्स', 'पीकू', 'तलवार', 'हिंदी मीडियम', 'अंग्रेजी मीडियम' जैसी बॉलीवुड फिल्मों में यादगार रहेगा. इसके साथ ही उन्होंने 'द अमेजिंग स्पाइडर मैन', 'लाइफ ऑफ पाई', ज्यूरेसिक वर्ल्ड जैसी फिल्मों के जरिये उन्होंने अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है.

अपने 30 साल के एक्टिंग करियर में इरफान को अपने अभिनय कौशल के लिए भारत के चौथे सर्वश्रेष्ठ सीवीलियन अवॉर्ड पद्म श्री से नवाजा गया. इसके साथ ही उन्हें नेशनल अवॉर्ड, फिल्मफेयर अवॉर्ड, एशियन फिल्म अवॉर्ड और लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से भी नवाजा गया है. लेकिन इन सब अवॉर्ड्स से ऊपर है इरफान के लिए फैंस के दिलों में प्यार. इरफान भारतीय सिनेमा का एक सितारा जो भी कभी ओझल नहीं होगा.

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हीरो-विलेन की इमेज से परे सितारा
यह कहना अतिशियोक्ति भी हो तो भी कहना जरूरी है कि हिंदी सिनेमा में इरफान की पहचान 'हीरो' या 'विलेन' से परे जाकर एक मंझे हुए कलाकार के रूप में बनी. वह चाहे किसी साधारण व्यक्ति का किरदार हो या किसी गैंगस्टर का दर्शकों ने उनके किरदार से ज्यादा उनके अभिनय पर प्यार दिखाया. 'हासिल', 'मकबूल', 'द किलर', 'डेड लाइन : सिर्फ 24 घंटे की', 'नॉक आउट' 'पजल' और सात खून माफ जैसी फिल्मों में इरफान के किरदार या तो ग्रे थे या निगेटिव... लेकिन इन फिल्मों को देखकर किसी दर्शक ने कभी ये नहीं कहा कि हिंदी सिनेमा को एक नया विलेन मिल गया है.

नेगेटिव किरदार की भी हुई सराहना
इरफान ने इन किरदारों को भी इस तरह निभाया की दर्शकों के मन में उनके लिए एक अलग जगह बन गई. यह इरफान की बड़ी-बड़ी आंखों और शानदार एक्टिंग स्किल का ही कमाल था कि दर्शकों को उनका ग्रे शेड कैरेक्टर भी खासा पसंद आया. ये कहना गलत नहीं होगा कि इरफान ने अपनी एक्टिंग के दम पर जिंदगी और किरदारों के ग्रे शेड को सिल्वर स्क्रीन पर नई चमक दी.

बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड का सफर
इरफान खान ने बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक अपने अभिनय का लोहा मनवाया है. सलाम बॉम्बे में एक छोटे से रोल से शुरू हुआ उनका सफर 'हासिल' ,'मकबूल', 'लाइफ इन अ मेट्रो', 'पान सिंह तोमर', 'द लंच बॉक्स', 'पीकू', 'तलवार', 'हिंदी मीडियम', 'अंग्रेजी मीडियम' जैसी बॉलीवुड फिल्मों में यादगार रहेगा. इसके साथ ही उन्होंने 'द अमेजिंग स्पाइडर मैन', 'लाइफ ऑफ पाई', ज्यूरेसिक वर्ल्ड जैसी फिल्मों के जरिये उन्होंने अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है.

अपने 30 साल के एक्टिंग करियर में इरफान को अपने अभिनय कौशल के लिए भारत के चौथे सर्वश्रेष्ठ सीवीलियन अवॉर्ड पद्म श्री से नवाजा गया. इसके साथ ही उन्हें नेशनल अवॉर्ड, फिल्मफेयर अवॉर्ड, एशियन फिल्म अवॉर्ड और लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से भी नवाजा गया है. लेकिन इन सब अवॉर्ड्स से ऊपर है इरफान के लिए फैंस के दिलों में प्यार. इरफान भारतीय सिनेमा का एक सितारा जो भी कभी ओझल नहीं होगा.

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Last Updated : Jan 7, 2024, 7:45 PM IST
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