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Bappi Lahiri Birth Anniversary: क्या आप जानते हैं गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में क्यों दर्ज है बप्पी दा का नाम?

इंडियन म्यूजिक इंडस्ट्री के 'डिस्को किंग' बप्पी लहरी का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज है. यहां पढ़िए क्यों दर्ज है बप्पी दा का नाम.

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Bappi Lahiri Birth Anniversary
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Published : Nov 27, 2022, 12:59 PM IST

मुंबई: इंडियन म्यूजिक इंडस्ट्री के 'डिस्को किंग' बप्पी लहरी का संगीत उद्योग में योगदान हमारे दिलों में अंकित है. आज बप्पी दा की जयंती है. इस अवसर पर आइए पढ़ते हैं उनके गौरवशाली जीवन के पन्ने. सदाबहार व्यक्तित्व वाले बप्पी दा के पास गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड है. बप्पी दा ने 9,000 से अधिक गाने बनाए और 1986 में बप्पी दा ने 33 फिल्मों में 180 गाने गाए जो उन्हें गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज कराता है.

दरअसल, उनका मशहूर गाना 'जिमी जिम्मी आ जा' 45 विदेशी भाषाओं में डब हुआ. उनका ये गाना वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कराता है. हाल ही में, यह गाना चीन में कोविड लॉकडाउन का विरोध करने के लिए लोगों के लिए नया एंथम बन गया था. इसके साथ ही टिकटॉक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई वीडियो वायरल हुए, जिनमें लॉकडाउन का सामना कर रहे चीनी देश की कठोर शून्य-कोविड नीति पर अपना गुस्सा और हताशा व्यक्त करने के लिए बप्पी दा के ट्रैक का उपयोग करते हुए दिखाई दिए.

इसके साथ ही उनके बारे में एक और बात है कि बप्पी दा 31 जनवरी 2014 को भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह की उपस्थिति में 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भाजपा में शामिल हुए थे उन्हें 2014 में श्रीरामपुर (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया था. हालांकि, संगीतकार अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी से वह हार गए थे.

27 नवंबर, 1952 को जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल में आलोकेश लाहिड़ी के रूप में जन्मे, वे शास्त्रीय संगीत में एक समृद्ध परंपरा वाले परिवार का हिस्सा थे. उनके पिता, अपरेश लहरी एक प्रसिद्ध बंगाली गायक थे और उनकी मां, बंशोरी लहरी एक संगीतकार-गायिका थीं, जो शास्त्रीय संगीत और श्यामा संगीत की अच्छी जानकार थीं. वह इकलौती संतान थे. महज तीन साल की उम्र में बप्पी दा ने टेबल बजाना शुरू किया और सैक्सोफोन और गिटार जैसे विभिन्न वाद्ययंत्र सीखने लगे.

उनके मामा, महान भारतीय गायक किशोर कुमार का उनकी करियर में माता-पिता के साथ बड़ा योगदान था. शुरू में अपने माता-पिता द्वारा प्रशिक्षित होने के बाद, उन्हें 19 साल की उम्र में एक बंगाली फिल्म, 'दादू' (1972) में पहला मौका मिला. पहली हिंदी फिल्म जिसके लिए उन्होंने संगीत तैयार किया, वह 'नन्हा शिकारी' (1973) थी और उनकी पहली हिंदी रचना 'तू ही मेरा चंदा' थी जिसे मुकेश ने गाया था.


साल 2016 की अंत में, बप्पी दा ने डिज्नी की 3डी एनिमेटेड फंतासी साहसिक फिल्म 'मोआना' के हिंदी-डब संस्करण में तमातोआ कैरेक्टर के लिए अपनी आवाज दी थी. फिल्म के लिए, उन्होंने 'शाइनी' के हिंदी संस्करण 'शोना' की रचना की और गाया भी. एनिमेटेड कैरेक्टर के लिए यह उनका पहली बार डबिंग थी. 63वें फिल्मफेयर अवार्ड्स में उन्होंने फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड जीता था.

यह भी पढ़ें- 'जन्नत' से लेकर 'दिल चाहता है' तक प्रपोजल सीन वाली टॉप 5 फिल्में, पिघला देंगी दिल

मुंबई: इंडियन म्यूजिक इंडस्ट्री के 'डिस्को किंग' बप्पी लहरी का संगीत उद्योग में योगदान हमारे दिलों में अंकित है. आज बप्पी दा की जयंती है. इस अवसर पर आइए पढ़ते हैं उनके गौरवशाली जीवन के पन्ने. सदाबहार व्यक्तित्व वाले बप्पी दा के पास गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड है. बप्पी दा ने 9,000 से अधिक गाने बनाए और 1986 में बप्पी दा ने 33 फिल्मों में 180 गाने गाए जो उन्हें गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज कराता है.

दरअसल, उनका मशहूर गाना 'जिमी जिम्मी आ जा' 45 विदेशी भाषाओं में डब हुआ. उनका ये गाना वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कराता है. हाल ही में, यह गाना चीन में कोविड लॉकडाउन का विरोध करने के लिए लोगों के लिए नया एंथम बन गया था. इसके साथ ही टिकटॉक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई वीडियो वायरल हुए, जिनमें लॉकडाउन का सामना कर रहे चीनी देश की कठोर शून्य-कोविड नीति पर अपना गुस्सा और हताशा व्यक्त करने के लिए बप्पी दा के ट्रैक का उपयोग करते हुए दिखाई दिए.

इसके साथ ही उनके बारे में एक और बात है कि बप्पी दा 31 जनवरी 2014 को भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह की उपस्थिति में 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भाजपा में शामिल हुए थे उन्हें 2014 में श्रीरामपुर (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया था. हालांकि, संगीतकार अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी से वह हार गए थे.

27 नवंबर, 1952 को जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल में आलोकेश लाहिड़ी के रूप में जन्मे, वे शास्त्रीय संगीत में एक समृद्ध परंपरा वाले परिवार का हिस्सा थे. उनके पिता, अपरेश लहरी एक प्रसिद्ध बंगाली गायक थे और उनकी मां, बंशोरी लहरी एक संगीतकार-गायिका थीं, जो शास्त्रीय संगीत और श्यामा संगीत की अच्छी जानकार थीं. वह इकलौती संतान थे. महज तीन साल की उम्र में बप्पी दा ने टेबल बजाना शुरू किया और सैक्सोफोन और गिटार जैसे विभिन्न वाद्ययंत्र सीखने लगे.

उनके मामा, महान भारतीय गायक किशोर कुमार का उनकी करियर में माता-पिता के साथ बड़ा योगदान था. शुरू में अपने माता-पिता द्वारा प्रशिक्षित होने के बाद, उन्हें 19 साल की उम्र में एक बंगाली फिल्म, 'दादू' (1972) में पहला मौका मिला. पहली हिंदी फिल्म जिसके लिए उन्होंने संगीत तैयार किया, वह 'नन्हा शिकारी' (1973) थी और उनकी पहली हिंदी रचना 'तू ही मेरा चंदा' थी जिसे मुकेश ने गाया था.


साल 2016 की अंत में, बप्पी दा ने डिज्नी की 3डी एनिमेटेड फंतासी साहसिक फिल्म 'मोआना' के हिंदी-डब संस्करण में तमातोआ कैरेक्टर के लिए अपनी आवाज दी थी. फिल्म के लिए, उन्होंने 'शाइनी' के हिंदी संस्करण 'शोना' की रचना की और गाया भी. एनिमेटेड कैरेक्टर के लिए यह उनका पहली बार डबिंग थी. 63वें फिल्मफेयर अवार्ड्स में उन्होंने फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड जीता था.

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