नई दिल्ली : आशा भोंसले (Asha Bhosle) हिन्दी फ़िल्मों की मशहूर प्लेबैक सिंगर हैं, जिन्हें प्यार से लोग “आशाजी” के नाम से पुकारते हैं. भारत की महान गायिका लता मंगेशकर की छोटी बहन आशा भोसले के नाम सबसे अधिक गीत गाने के लिए गिनीज वर्ल्ड ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है. उन्होंने शास्त्रीय संगीत, कव्वाली, भजन, गजल और पॉप संगीत सहित हर क्षेत्र में अपनी आवाज़ का जादू बिखेरते हुए कई सालों तक संगीत प्रेमियों के दिल पर राज किया है. आशा भोसले के फिलहाल दक्षिण मुंबई के पेडर रोड क्षेत्र में प्रभुकुंज अपार्टमेंट में रहती हैं. आशा भोसले जोधपुर अंतर्राष्ट्रीय यूनिवर्सिटी की पहली डॉक्टर ऑफ़ लिटरेचर भी थी. आशाजी के जन्मदिन पर उनसे जुड़ी कुछ खास बातों को जानने की कोशिश करते हैं.
भारतीय फिल्म संगीत की महान गायिकाओं में एक आशा भोंसले का जन्म महाराष्ट्र के सांगली में 8 सितम्बर 1933 को मराठी परिवार में हुआ था. उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर एक एक्टर और क्लासिकल गायक थे. आशा भोसले लता मंगेशकर की छोटी बहन हैं. जब वह केवल 9 वर्ष की थीं, तब उनके पिता की मृत्यु हो गयी थी. उसके बाद उनका परिवार पुणे से कोल्हापुर और उसके बाद कोल्हापुर से मुंबई आ गया. कहा जाता है कि परिवार की सहायता के लिए आशा और इनकी बड़ी बहन लता मंगेशकर ने गाना और फिल्मों मे अभिनय करना शुरू कर दिया.
सन् 1943 में आशा भोसले ने अपनी पहली मराठी फिल्म ‘माझा बाळ’ में “चला चला नाव बाळा” गीत गाया था, जिसे दत्ता दवाजेकर के द्वारा संगीतबद्ध किया गया था. इसके साथ ही 1948 में अपनी पहली हिन्दी फिल्म ‘चुनरिया’ का गीत ‘सावन आया…’ हंसराज बहल के लिए गाकर हिन्दी फिल्म संगीत में शुरुआत की. असके बाद सन् 1949 में अपना पहला हिंदी सोलो गाना “रात की रानी” फिल्म में गाया.
आशा भोसले की आवाज में एक खास बात यह है कि उन्होंने शास्त्रीय संगीत, कव्वाली, भजन, गजल और पॉप संगीत हर क्षेत्र में अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा है और हर विधा में उनके गाए गीत लोकप्रिय हुए. आंकड़ों के हिसाब से देखा जाय तो हिंदी के अलावा आशा भोसले 20 अन्य भारतीय और विदेशी भाषाओं में भी गाने गाये हैं. 2011 में आशा भोसले के द्वारा गाए गानों के लिए उनको गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह मिली. बताया जाता है कि उन्होंने अब तक 12,000 से अधिक गाने गाएं हैं. भारत सरकार द्वारा संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के देखते हुए आशा भोसले को सन 2000 में “दादा साहेब फाल्के अवार्ड” और 2008 में “पद्म विभूषण” से सम्मानित किया गया. 2013 में उन्होंने अपनी पहली फिल्म “माई” में अभिनेत्री के रूप में दिखीं थीं, जिसमें उनके किरदार की लोगों ने काफी प्रशंसा की थी.
व्यक्तिगत जीवन (Asha Bhosle Biography and Personal Life)
आशा भोसले के बारे में बताया जाता है कि वह बचपन से काफी चंचल व नटखट स्वभाव की थीं. केवल 16 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी उम्र के दुगुने 31 वर्षीय प्रेमी ‘गणपत राव भोसले’ के साथ घर से भागकर पूरे पारिवारिक की इच्छा के विरूद्ध जाकर शादी कर ली. हालांकि सन् 1960 में दोनों एक दूसरे से अलग होकर तलाक ले लिया. इनके तीन बच्चे हैं और पांच पौत्र हैं. इनका सबसे बड़ा लड़का हेमंत भोसले है. हेमंत ने पायलट के रूप में काम करने के साथ साथ म्यूजिक डायरेक्टर के रुप में काम कर रहे हैं. आशा भोसले जी की बेटी वर्षा पहले मीडिया के लिए कॉलम लिखने का काम किया करती थीं, लेकिन वर्षा ने 8 अक्टूबर 2012 में सुसाइड कर लिया था. आशाजी का सबसे छोटा पुत्र आनन्द भोसले है. आनन्द ने बिजनेस और फिल्म निर्देशन की पढाई करने के बाद आशाजी के कार्यों को देखते हैं.
पहले पति गणपत राव भोसले
गणपत राव लता जी के निजी सचिव थे. वह इनके घर में सबसे घुले मिले थे और लता मंगेशकर के कार्यों को बखूबी अंजाम दे रहे थे. इसी दौरान गणपतराव से आशा भोसले को प्यार हो गया, लेकिन जब घर वालों को इस का पता लगा तो वह शादी के लिए तैयार नहीं हुए. फिर दोनों ने घर से भागकर शादी का फैसला लिया. लेकिन 1960 में आशा भोसले अपने पति एवं उनके भाइयों के बुरे वर्ताव के कारण घर से बाहर निकाल दी गयीं. पारिवारिक हालात ठीक न होने के कारण आशा जी अपनी मां के पास जाने का फैसला किया. मां के घर वह अपने दोनों बच्चों और तीसरे गर्भस्थ शिशु के साथ लौट आयीं. इस दौरान उन्होंने अपने तीनों बच्चों की परवरिश की और गायन भी जारी रखा.
ऐसे हुआ दूसरा विवाह
आशा भोसले 1960 से 1980 के बीच गायकी के क्षेत्र में अपना मुकाम बना चुकी थीं. धीरे धीरे वह संगीतकार राहुल देव वर्मन के करीब आने लगीं थीं. राहुल और आशा दोनों का पहला विवाह असफल साबित हुआ था और दोनों का तलाक हो चुका था. एक बार फिर आशा को अपनी उम्र से लगभग 6 वर्ष बड़े राहुल देव वर्मन से विवाह के लिए राजी होना पड़ा. आशा और राहुल ने अपना यह रिश्ता अंतिम सांसों तक निभाया. राहुल देव वर्मन की 4 जनवरी 1994 को मौत हो गयी.
विदेशों में भी लोकप्रिय हैं आशा
1997 ब्रिटिश लोकप्रिय बैंड ने एक गाना रिलीज़ किया था. यह गाना आशाजी को समर्पित था. यह गाना अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिट हुआ और फरवरी 1998 में यु. के. सिंगल्स चार्ट पे सबसे प्रथम भी रहा. बाद में इस गाने के कई रीमिक्स भी बने.
कई फिल्म फेयर अवार्ड (Asha Bhosle Filmfare Awards)
आशा भोसले के कई गीतों ने तहलका मचाया था, जिसमें से 18 नॉमिनेशन में से 7 फिल्म फेयर अवार्ड जीतने में कामयाब हो गयीं. उन्होंने अपने पहले 2 अवार्ड 1967 और 1968 में जीते थे. 1979 में अवार्ड जीतने के बाद आशाजी ने कहा कि उनका नाम लता मगेशकर के नॉमिनेशन के बाद नॉमिनेट न किया जाय. इसके बाद भी आशा भोसले ने कई अवार्ड जीते. 1996 में आशाजी ने रंगीला अवार्ड भी जीता.
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फिल्म फेयर बेस्ट प्लेबैक अवार्ड (Asha Bhosle Playback Singing Awards)
- 1968-“गरीबो की सुनो…”(दस लाख-* 1966)
- 1969-“परदे मे रहने दो…”(शिखर-*1968)
- 1972- “पिया तु अब तो आजा…”(कारवाँ-* 1971)
- 1973-“दम मारो दम…”(हरे रामा हरे कृष्णा-* 1972)
- 1974-“होने लगी है रात…”(नैना-*1973)
- 1975-“चैन से हमको कभी…”(प्राण जाये पर वचन न जाए-* 1974)
- 1979-”ये मेरा दिल…”(डॉन-*1978)
लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड (Lifetime Achievement Award)
2001-फिल्म फेयर लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में आशा भोसले ने अपना जलवा बरकरार रखा. 2 बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता और बेस्ट प्लेबैक सिंगर बनीं.
- 1981- “दिल चीज क्या है..”(उमरॉव जान)
- 1986 “मेरा कुछ सामान…”(इजाजत)
इसके साथ ही साथ IIFA अवार्ड फॉर बेस्ट फीमेल प्लेबैक भी उनके नाम रहा. 2002- ” राधा कैसे ना जले..” (लगान) के लिए उन्हें यह अवार्ड मिला.
और भी कई अवार्ड
- 1987- नाइटीनेंगल ऑफ एशिया अवार्ड (इंडो पाक एसोसिएशन यू.के.)
- 1989- लता मंगेशकर अवार्ड (मध्य प्रदेश सरकार)
- 1997- स्क्रीन वीडियोकॉन अवार्ड (जानम समझा करो- एल्बम के लिए)
- 1998- दयावती मोदी अवार्ड
- 1999- लता मंगेशकर अवार्ड (महाराष्ट्र सरकार)
- 2000- सिंगर ऑफ द मिलेनियम (दुबई)
- 2000- जी गोल्ड बॉलीवुड अवार्ड (मुझे रंग दे- फिल्म तक्षक के लिए)
- 2001- एम.टी.वी. अवार्ड (कमबख्त इशक – के लिए)
- 2002- बी.बी.सी. लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड (यूके प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर के द्वारा प्रदत)
- 2004- लाईविग लीजेंड अवार्ड (फेडरेशन ऑफ इंडियन चेम्बर ऑग कामर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के द्वारा)
- 2005- एम.टी.वी. ईमीज, बेस्ट फीमेल पॉप ऐक्ट (आज जाने की जिद न करो..)
- 2005- मोस्ट स्टाइलिश पीपुल इन म्यूजिक
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