मुंबई: सधी हुई आवाज और आंखों से खौफ पैदा कर देने वाले दिवंगत दिग्गज एक्टर Amrish Puri की 12 जनवरी को पुण्यतिथि है. साल 2005 में अमरीश पुरी का मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में बीमारी के चलते निधन हो गया था. अमरीश पुरी का अभिनय और उनके दमदार डायलॉग आज भी दर्शकों के जहन में हैं. इस मौके पर अमरीश पुरी को याद करते हुए एक नजर डालेंगे उनके उन डायलॉग्स पर, जिनके लिए वह आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं.
मोगैंबो खुश हुआ
अनिल कपूर और श्रीदेवी स्टारर फिल्म 'मिस्टर इंडिया' में अमरीश का डायलॉग 'मोगैंबो खुश हुआ' हिंदी सिनेमा की एक पहचान बन चुका है. 80 और 90 के दशक के लोगों पर इस डायलॉग का सबसे ज्यादा खुमार है. क्योंकि यह फिल्म साल 1988 में रिलीज हुई थी. 'मोगैंबो खुश हुआ' डायलॉग सुनते ही अमरीश पुरी का फिल्म से वो खौफनाक विलेन का चेहरा याद आ जाता है, जिसने फिल्म में खूब तबाही मचाई थी.
जा सिमरन जा
हर नौजवान की जुबां पर हिंदी सिनेमा की शाहरुख खान और काजोल स्टारर सुपरहिट फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' का डायलॉग जा सिमरन जा को भूलना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है.
आओ कभी हवेली पर
श्रीदेवी और ऋषि कपूर स्टारर हिट फिल्म नगीना में अमरीश पुरी ने एक सपेरे का दमदार रोल प्ले किया था, जिसमें उन्हें आओ कभी हवेली पर डायलॉग बोलते हुए देखा गया है. आज घर-घर में यह डायलॉग मशहूर है.
इतने टुकड़े करूंगा कि तू पहचाना नहीं जाएगा
2001 में रिलीज हुई सनी देओल और अमीषा पटेल स्टारर धांसू फिल्म 'गदर' ने फिल्म इंडस्ट्री में तहलका मचा दिया था. इस फिल्म का एक-एक डायलॉग आज भी लोगों की जुबां पर रटा हुआ है. चाहे वो सनी देओल का या अमरीश पुरी का. फिल्म में 'इतने टुकड़े करूंगा कि तू पहचाना नहीं जाएगा' डायलॉग अमरीश पुरी ने सनी देओल को ललकारते हुए बोला था.
कोई भी झूठ इतना महान नहीं होता कि जिसके सामने सिर झुकाया जाए
फिल्म 'झूठ बोले कौआ काटे' से अमरीश पुरी का डायलॉग 'कोई भी झूठ इतना महान नहीं होता कि जिसके सामने सिर झुकाया जाए' लोगों का आज भी याद है.
फिल्म दामिनी
डायलॉग-
ये अदालत है, कोई मंदिर या दरगाह नहीं जहां मन्नतें और मुरादें पूरी होती हैं. यहां धूप बत्ती और नारियल नहीं, बल्कि ठोस सबूत और गवाह पेश किए जाते हैं.
फिल्म दीवाना
डायलॉग- दुनिया की नजर में मरे हुए लोग कभी जिंदा नहीं हुए, नहीं तो जिंदगी परेशान हो जाती.
फिल्म शहंशाह
डायलॉग- टिप बाद में देना तो एक रिवाज है, पहले देना अच्छी सर्विस की गारंटी होती है.
फिल्म इरादा
डायलॉग- गलती एक बार होती है, दो बार होती है, तीसरी बार इरादा होता है.
फिल्म ऐतराज
डायलॉग-आदमी के पास दिमाग हो तो अपना दर्द भी बेच सकता है.
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