नई दिल्ली : हिन्दी सिनेमा के सुपर स्टार राजेश खन्ना अपने आखिरी समय में अपनी फिल्म का एक डायलॉग कहा करते थे... 'इज्जतें, शोहरतें, उल्फतें, चाहतें, सब कुछ इस दुनिया में रहता नहीं, आज मैं हूं जहां, कल कोई और था, ये भी एक दौर है, वो भी एक दौर था'...यह डायलॉग उनके दामाद अक्षय कुमार के जीवन पर भी सटीक बैठता है. हर किसी का एक दौर होता है. यह हमेशा एक सा नहीं रहता है. वह बदलता जाता है. यह परिवर्तन सबको स्वीकार करना चाहिए.
- अक्षय कुमार अपना जन्मदिन (Akshay Kumar Birthday) 9 सितंबर को मनाने जा रहे हैं. इसी बीच दर्शक उनकी लेटेस्ट फिल्म कठपुतली को देखकर तरह तरह के रिएक्शन दे रहे हैं. कुछ लोगों का मानना है कि यह फिल्म काफी पसंद आएगी और उनके 100 करोड़ वाले क्लब में शामिल होगी. अक्षय कुमार के जन्मदिन पर ईटीवी भारत के पाठकों को अक्षय कुमार के निजी व फिल्मी जीवन की कुछ खास बातें बताने की कोशिश करते हैं.
- अक्षय कुमार का पूरा नाम राजीव हरी ओम भाटिया है और वह 9 सितंबर 1967 को वह अमृतसर में पैदा हुए थे. अक्षय कुमार नई दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में अपना बचपन बिताने के बाद मुंबई चले गए और डॉन बॉस्को स्कूल तथा गुरु नानक खालसा कॉलेज में अपनी पढ़ाई पूरी की.
- अक्षय कुमार ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट बताए जाते हैं. मार्शल आर्ट में उनकी गहरी रुचि थी. इसीलिए वह मार्शल आर्ट सीखने के लिए बैंकाक भी गए थे और खाली समय में वहां पर वेटर की नौकरी भी की थी.
- अक्षय कुमार को एक्टर बनने के लिए एक फोटोग्राफर ने कहा था. उनके शरीर व चेहरे को देखकर कहा थी कि वह कितने हैंडसम दिखते हैं, उन्हें मॉडलिंग की दुनिया में जाना चाहिए. उसके बाद वह मुंबई आकर मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण देने लगे और मॉडलिंग में भी हाथ आजमाने लगे.
- अक्षय कुमार को मॉडलिंग में मौका मिलते ही उनकी आर्थिक स्थिति सुधरने लगी. मॉडलिंग के दौरान वह निर्माता निर्देशकों के चक्कर लगाने लगे. एक बार जब उन्हें बैंगलोर एक विज्ञापन की शूटिंग के लिए जाना था तो वह उन्हें फ्लाइट मिस कर चुके थे. लेकिन अपने खाली वक्त का उपयोग करते हुए फिल्म निर्माता के दफ्तर में काम मांगने गए तो शाम को ही प्रमोद चक्रवर्ती की फिल्म 'दीदार' में उन्हें हीरो का रोल मिल गया.
अक्षय कुमार ने बदला अपना नाम (Akshay Kumar Name Change Story)
बताया जाता है कि अक्षय कुमार ने सबसे पहला फिल्म रोल 1987 में महेश भट्ट की फिल्म 'आज' में किया था. इसमें उन्हें कुल 7 सेकंड की भूमिका मिली थी, जिसमें मार्शल आर्ट इंस्ट्रक्टर का रोल निभाया था. यह फिल्म पिट गयी थी. इसी के बाद उन्होंने अपना नाम बदलने का काम किया और राजीव हरीओम भाटिया से अक्षय कुमार हो गए. फिल्म में कुमार गौरव नायक की भूमिका अदा कर रहे थे और उन्होंने ही सबसे पहले अक्षय नाम से पुकारा था, क्योंकि उनको असली नाम पता नहीं था. एक एक्टर के नाम से नया नाम अक्षय सुनकर अच्छा लगा और बांद्रा कोर्ट में जाकर नाम बदलने की कानूनी प्रक्रिया पूरी की और अपना नाम बदल लिया और नए नाम का प्रमाणपत्र अपने साथ लेकर वापस आए.
- अक्षय कुमार जब काम खोज रहे थे तो एक बार वह युवा कलाकारों की तलाश कर रहे राजेश खन्ना के दरवाजे भी गए थे. पर राजेश खन्ना ने दो-तीन घंटे के इंतजार के बाद भी अक्षय से मिले तक नहीं. राजेश खन्ना के ऐसे ही लौट जाने के बाद अक्षय कुमार काफी निराश हुए थे, लेकिन बाद में राजेश खन्ना की बेटी से विवाह करने में सफल हो गए.
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1994 सबसे बेहतरीन साल
हीरो के रूप में रिलीज होने वाली अक्षय कुमार की पहली फिल्म सौगंध थी, जो 1991 में रिलीज हुई थी. अक्षय कुमार जब धीरे-धीरे फिल्मों में पैर जमाने लगे तो उन्होंने एक साथ कई फिल्में साइन की. 1994 उनका सबसे बेहतरीन साल था. इस साल अक्षय कुमार की 11 फ़िल्में रिलीज़ हो गयीं, जिसमें कई फिल्मों ने जबरदस्त कामयाबी हासिल की. उन फिल्मों के नाम हैं.. ऐलान, यह दिल्लगी, जय किशन, मोहरा, मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी, इक्के पर इक्का,अमानत, सुहाग, जख्मी दिल, जालिम, हम हैं बेमिसाल. इसके बाद उन्होंने फिल्मों की संख्या कम कर दी. अब हर साल उनकी तीन से चार फिल्में रिलीज होती हैं.
- रोमांटिक हीरो के रुप में चर्चित रहे अक्षय कुमार को दिलफेंक कलाकार के रूप में जाना जाता है. इनके रोमांस के चर्चे अक्सर मीडिया व फिल्म जगत में सुर्खियों में रहे. पूजा बत्रा, रवीना टंडन, शिल्पा शेट्टी, रेखा सहित तमाम के हिरोइन के साथ इनके रोमांस के किस्से चर्चा में आए थे. बाद में इन्होंने ट्विंकल खन्ना से शादी कर ली. शादी के बाद भी अक्षय कुमार का नाम प्रियंका चोपड़ा के साथ जोड़ा गया, लेकिन ऐसी चर्चा में आई ट्विंकल खन्ना के मना करने के बाद उन्होंने कहा कि प्रियंका के साथ कभी काम नहीं करने का ऐलान कर दिया.
- अक्षय कुमार को खिलाड़ी नाम से ज्यादा प्यार है. अक्षय कुमार की कुल 8 फिल्मों में खिलाड़ी शब्द आया है. इसीलिए अक्षय कुमार को खिलाड़ी कुमार भी कहा जाता है. खिलाड़ी नाम की ज्यादातर फिल्में हिट रहीं. 1992 में खिलाड़ी, 1994 में मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी, 1995 में सबसे बड़ा खिलाड़ी, 1996 में खिलाड़ियों का खिलाड़ी, 1997 मिस्टर एंड मिसेज खिलाड़ी, 1999 में इंटरनेशनल खिलाड़ी, 2000 में खिलाड़ी 420 और 2012 में खिलाड़ी 786 नाम से फिल्में आयीं, जिसमें से कई उनके लिए लिए लकी साबित हुईं. फिल्म खिलाड़ियों के खिलाड़ी में अक्षय कुमार ने अपने नाम पर भी एक गीत तैयार कराया था, जिसमें उन्होंने यह बताने की कोशिश की कि वह बिना किसी गॉडफादर के बॉलीवुड में अपनी जगह बनाई है. इस गीत के बोल हैं.... ना हम अमिताभ, ना दिलीप कुमार, ना किसी हीरो के बच्चे.... हम हैं सीधे-साधे अक्षय अक्षय.
- ऐसा कहा जाता है कि 2000 में फिल्म हेराफेरी जब रिलीज हुई है तो यह फिल्म अक्षय कुमार के फिल्मी करियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हुई. सनी देओल, सुनील शेट्टी, गोविंदा, अक्षय कुमार के कैरियर पर इस दौरान ग्रहण लगने लगा था. हेराफेरी के जरिए कॉमेडी रोल स्वीकार करना शुरू किया और कई सफल कॉमेडी फिल्में की.
- अक्षय कुमार अपनी दिनचर्या और खानपान को भी लेकर काफी संजीदा रहते हैं. वह देर रात तक जागना नहीं पसंद करते हैं. वह अपना कामकाज पूरा करना चाहते हैं और फिटनेस पर भी ध्यान देते हैं.
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बेटे के बारे में भविष्यवाणी (Akshay Kumar Daughter and Son)
अक्षय कुमार के दो बच्चे हैं, जिनको वह मीडिया व फिल्मी चकाचौंध से दूर रखते हैं. उनके बेटे का नाम आरव और बेटी नितारा है. अक्षय के बेटे के बारे में राजेश खन्ना ने भविष्यवाणी की थी कि वह एक ना एक दिन सुपरस्टार बनेगा. फिलहाल वह बच्चों को समय देते हैं और साल में दो बार छुट्टियां मनाने के लिए किसी ऐसे देश या स्थान पर जाते हैं, जहां कोई उनको पहचान ना सके. वहां पर आम लोगों की तरह बच्चों के साथ रहते हैं. वह बच्चों को जमीनी हकीकत दिखाने के लिए ऐसा करते हैं. जिससे बच्चे हर तरह के माहौल में ढल सकें.
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