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Adipurush: जानबूझ कर लिखें हैं फिल्म के ऐसे डायलॉग, मनोज मुंतशिर ने अपने अंदाज में जवाब देकर मांगी माफी

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Published : Jun 17, 2023, 4:15 PM IST

Updated : Jun 17, 2023, 5:32 PM IST

हालिया रिलीज फिल्म 'आदिपुरुष' अपने खराब डायलॉग्स और वीएफएक्स की वजह से काफी विरोधों का सामना कर रही है. इसी बीच फिल्म के डायलॉग राइटर मनोज मुंतशिर का एक इंटरव्यू सामने आया है, जिसमें उन्होंने फिल्म को लेकर की जा रही तमाम आलोचनाओं का जवाब देते हुए फिल्म को मनोरंजन की तरह लेने की बात कही है...

manoj muntashir
फिल्म के डायलॉग राइटर मनोज मुंतशिर ने दिया तमाम आलोचनाओं का जवाब

मुंबई: ओम राउत की फिल्म 'आदिपुरुष' रिलीज के बाद से ही विवादों में घिर चुकी है. फिल्म के खराब वीएफएक्स और डायलॉग्स की वजह से इसे काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. वहीं इसमें निभाए गए लीड कैरेक्टर्स को भी ट्रोल किया जा रहा है. वहीं हाल ही में फिल्म के डायलॉग लिखने वाले राइटर मनोज मुंतशिर ने 'आदिपुरुष' में बोले गए डायलॉग्स पर अपनी सफाई दी है. साथ ही साथ लोगों को राम कथा को अपनी लेखनी के हिसाब से आज के माहौल में पेश करने की पहल बतायी है.

फिल्म के खराब डायलॉग्स पर हुआ विवाद
आदिपुरुष के मुख्य किरदारों द्वारा बोले गए डायलॉग्स को सबसे ज्यादा ट्रोल किया जा रहा है. जो कि जाने माने राइटर मनोज मुंतशिर ने लिखे हैं. एक डायलॉग जो कि हनुमान के किरदार द्वारा बोला गया, 'कपड़ा तेरे बाप का, तेल तेरे बाप का, लंका तेरे बाप की... तो जलेगी भी तेरे बाप की'. इसको लेकर भी दर्शकों ने आपत्ति जताई है.

फिल्म के राइटर ने दी अपनी सफाई
हाल ही में मनोज मुंंतशिर का एक इंटरव्यू सामने आया है जिसमें उन्होंने फिल्म को लेकर किए जा रहे तमाम विरोधों और आलोचनाओं का जवाब दिया है उन्होंने कहा, 'मैं यह पहले भी स्पष्ट कर चुका हूं और अब भी बताना चाहता हूं कि हमने रामायण नहीं बनाई है, हम सिर्फ रामायण से इंस्पीरेशन ली है. इसके साथ ही में हमने संपूर्ण रामायण नहीं बनाई है बल्कि उसके सिर्फ एक मुख्य हिस्से को लेकर फिल्म बनाई है. हम सिर्फ आने वाली पीढी को रामायण से अवगत कराना चाहते थे, वो भी आसान भाषा में और वही सोच कर हमने इसे बनाया'.

इसके आगे मनोज मुंतशिर ने अपनी बात रखते हुए कहा, 'सीधी बात करुं तो हमने यह फिल्म बुजुर्गों के लिए नहीं, बच्चों के लिए बनाई है, ताकि वे हमारी पुरातन संस्कृति से अवगत हो सकें. और अगर बड़े-बुजुर्गों की भावना इससे आहत हुई हो तो, मैं इसके लिए माफी मांगता हूं'.

इस फिल्म के कई डायलॉग्स विवादास्पद माने जा रहे हैं..जैसे..

इंद्रजीत जब बजरंग की पूंछ में आग लगवाता है तो कहता है... 'जली ना? अब और जलेगी. बेचारा जिसकी जलती है वही जानता है.' इसके जवाब में बजरंग कहते हैं, 'कपड़ा तेरे बाप का. तेल तेरे बाप का. आग भी तेरे बाप की. और जलेगी भी तेरे बाप की.'

एक सीन में जब अशोक वाटिका में बजरंग से कहता है कि, 'ये तेरी बुआ का बगीचा है क्या, जो हवा खाने चला आया. मरेगा बेटे आज तू अपनी जान से हाथ धोएगा.'

वही एक सीन में लक्ष्मण पर वार करने के बाद इंद्रजीत बोलते हुए दिखता है कि.. 'मेरे एक सपोले ने तुम्हारे इस शेष नाग को लंबा कर दिया. अभी तो पूरा पिटारा भरा पड़ा है.'

इतना ही नहीं विभीषण एक सीन में रावण से कहते हुए सुना जा रहा है कि... 'भैया आप अपने काल के लिए कालीन बिछा रहे हैं.'

यह भी पढ़ें:
Adipurush: रिलीज के पहले ही दिन आदिपुरुष ने बॉक्स ऑफिस पर मचाई धूम, इतना रहा Day 1 का कलेक्शन

मुंबई: ओम राउत की फिल्म 'आदिपुरुष' रिलीज के बाद से ही विवादों में घिर चुकी है. फिल्म के खराब वीएफएक्स और डायलॉग्स की वजह से इसे काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. वहीं इसमें निभाए गए लीड कैरेक्टर्स को भी ट्रोल किया जा रहा है. वहीं हाल ही में फिल्म के डायलॉग लिखने वाले राइटर मनोज मुंतशिर ने 'आदिपुरुष' में बोले गए डायलॉग्स पर अपनी सफाई दी है. साथ ही साथ लोगों को राम कथा को अपनी लेखनी के हिसाब से आज के माहौल में पेश करने की पहल बतायी है.

फिल्म के खराब डायलॉग्स पर हुआ विवाद
आदिपुरुष के मुख्य किरदारों द्वारा बोले गए डायलॉग्स को सबसे ज्यादा ट्रोल किया जा रहा है. जो कि जाने माने राइटर मनोज मुंतशिर ने लिखे हैं. एक डायलॉग जो कि हनुमान के किरदार द्वारा बोला गया, 'कपड़ा तेरे बाप का, तेल तेरे बाप का, लंका तेरे बाप की... तो जलेगी भी तेरे बाप की'. इसको लेकर भी दर्शकों ने आपत्ति जताई है.

फिल्म के राइटर ने दी अपनी सफाई
हाल ही में मनोज मुंंतशिर का एक इंटरव्यू सामने आया है जिसमें उन्होंने फिल्म को लेकर किए जा रहे तमाम विरोधों और आलोचनाओं का जवाब दिया है उन्होंने कहा, 'मैं यह पहले भी स्पष्ट कर चुका हूं और अब भी बताना चाहता हूं कि हमने रामायण नहीं बनाई है, हम सिर्फ रामायण से इंस्पीरेशन ली है. इसके साथ ही में हमने संपूर्ण रामायण नहीं बनाई है बल्कि उसके सिर्फ एक मुख्य हिस्से को लेकर फिल्म बनाई है. हम सिर्फ आने वाली पीढी को रामायण से अवगत कराना चाहते थे, वो भी आसान भाषा में और वही सोच कर हमने इसे बनाया'.

इसके आगे मनोज मुंतशिर ने अपनी बात रखते हुए कहा, 'सीधी बात करुं तो हमने यह फिल्म बुजुर्गों के लिए नहीं, बच्चों के लिए बनाई है, ताकि वे हमारी पुरातन संस्कृति से अवगत हो सकें. और अगर बड़े-बुजुर्गों की भावना इससे आहत हुई हो तो, मैं इसके लिए माफी मांगता हूं'.

इस फिल्म के कई डायलॉग्स विवादास्पद माने जा रहे हैं..जैसे..

इंद्रजीत जब बजरंग की पूंछ में आग लगवाता है तो कहता है... 'जली ना? अब और जलेगी. बेचारा जिसकी जलती है वही जानता है.' इसके जवाब में बजरंग कहते हैं, 'कपड़ा तेरे बाप का. तेल तेरे बाप का. आग भी तेरे बाप की. और जलेगी भी तेरे बाप की.'

एक सीन में जब अशोक वाटिका में बजरंग से कहता है कि, 'ये तेरी बुआ का बगीचा है क्या, जो हवा खाने चला आया. मरेगा बेटे आज तू अपनी जान से हाथ धोएगा.'

वही एक सीन में लक्ष्मण पर वार करने के बाद इंद्रजीत बोलते हुए दिखता है कि.. 'मेरे एक सपोले ने तुम्हारे इस शेष नाग को लंबा कर दिया. अभी तो पूरा पिटारा भरा पड़ा है.'

इतना ही नहीं विभीषण एक सीन में रावण से कहते हुए सुना जा रहा है कि... 'भैया आप अपने काल के लिए कालीन बिछा रहे हैं.'

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Last Updated : Jun 17, 2023, 5:32 PM IST
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