मुंबई: 26 नवंबर को दिवंगत बॉलीवुड एक्टर विक्रम चंद्रकांत गोखले की पहली पुण्यतिथी है. इस मौके पर महाराष्ट्र गर्वनमेंट ने उनके नाम पर अंधेरी वेस्ट में एक सड़क का नाम रखने का फैसला किया है. नेशनल अवॉर्ड विनर विक्रम गोखले फिल्म इंडस्ट्री को कई सफल और यादगार फिल्में दी हैं. यह सड़क सिने एंड टेलीविजन आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (सीआईएनटीएए) और सीए़डब्ल्यूटी के नए हेडक्वार्टर के पास है. जिसका उद्घाटन पिछले महीने हुआ था, और जो कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल की ओर जाती है.
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दिवंगत एक्टर की पत्नी वृषाली विक्रम गोखले, बॉलीवुड और मराठी फिल्म हस्तियों और राजनीतिक नेताओं की मौजूदगी में रविवार को सड़क का नामकरण करेंगे. गोखले, जिनका पिछले वर्ष 77 वर्ष की आयु में निधन हो गया, सीआईएनटीएए के पूर्व अध्यक्ष (2017-2022) थे. उन्होंने सीआईएनटीएए कलाकारों के कल्याण में बहुत बड़ा योगदान दिया था. यहां तक कि प्रीमियर एसोसिएशन को एक एकड़ जमीन भी दान में दी थी.
सीआईएनटीएए के महासचिव अमित बहल ने कहा कि, 'गोखले को एसोसिएशन और मराठी फिल्म उद्योग दोनों के लिए उनके जबरदस्त अभिनय और मानवीय पहल के लिए याद किया जाएगा'. पिछले 110 वर्षों से चार पीढ़ियों से अभिनय कर रहे कलाकारों के परिवार से आने वाले, गोखले भारतीय फिल्म उद्योग की पहली महिला अभिनेत्री दुर्गाबाई कामत-गोखले के परपोते थे, जिनकी 1997 में 117 वर्ष की आयु में पुणे में मृत्यु हो गई थी.
दुर्गाबाई को 'मोहिनी भस्मासुर' (1913) में पहली फीमेल एक्ट्रेस के रूप में लिया गया था. यह भारतीय सिनेमा के पितामह धुंडीराज गोविंद फाल्के उर्फ दादा साहब फाल्के द्वारा बनाई गई दूसरी फिल्म थी, जिन्होंने अपनी पहली फीचर फिल्म 'राजा हरिश्चंद्र' (1913) के साथ इतिहास रचा था'. संयोग से, दुर्गाबाई की बेटी कमला उसी फिल्म ("मोहिनी भस्मासुर") में पहली महिला बाल अभिनेत्री बनीं, और माँ-बेटी की जोड़ी को 110 साल पहले फिल्मों में महिलाओं के अभिनय का चलन शुरू करने का श्रेय दिया जाता है, जिसे तब वर्जित माना जाता था.
मंच, टेलीविजन और फिल्मों के दिग्गज, पुणे में जन्मे गोखले का फिल्मी करियर 'परवाना और 'माई मौली' (क्रमशः हिंदी और मराठी, दोनों 1971 में रिलीज) से शुरू हुआ. उन्होंने 'यही है जिंदगी' (1977), 'प्रेम बंधन' (1979), 'इंसाफ' (1987), 'सलीम लंगड़े पे मत रो', 'एलान-ए-जंग' और 'ईश्वर' (1989), 'अग्निपथ' और 'थोड़ा सा रूमानी हो जाए' (1990), 'खुदा गवाह' (1992), 'लाडला' (1994), 'हम दिल दे चुके सनम' (1999), 'लव एट टाइम्स स्क्वायर' (2003), 'लकी: नो टाइम फॉर लव' (2005), 'दे दना दन' (2009), 'अब तक छप्पन-2' (2015), 'ट्रैफिक' (2016), 'हिचकी' (2018), और 'मिशन मंगल' (2019) जैसी कई प्रमुख फिल्मों में यादगार रोल प्ले किये हैं.
(आईएएनएस)