नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद पुलिस ने ट्विटर इंडिया (Twitter India) के मैनेजिंग डायरेक्टर (Managing director) को आज बुजुर्ग पिटाई (elderly beating case) मामले में जवाब देने के लिए सुबह 10:30 बजे लोनी थाने बुलाया था. मगर ट्विटर इंडिया के 10:30 बजे के बाद का वक्त हो चुका है, लेकिन ट्विटर के एमडी मनीष माहेश्वरी अब तक गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर थाने (loni police station)नहीं पहुंचे हैं. माना जा रहा है कि दिन करीब 12:00 बजे मनीष माहेश्वरी यहां पहुंच सकते हैं. हालांकि पुलिस ने पहले ही साफ कर दिया है कि नोटिस का जवाब व्यक्तिगत रुप से नहीं दिया गया, तो आगे की कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद मनीष माहेश्वरी के वकील ने पुलिस को जानकारी दी कि संबंधित मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट में एक प्रोटेक्शन रिट फाइल की गई है.
वैकल्पिक कानूनी रास्ता तलाशने की कोशिश
बता दें कि लोनी बॉर्डर थाने पर मीडिया का जमावड़ा सुबह से ही लगा हुआ है. सबको इंतजार सुबह 10:30 बजने का था, लेकिन 10:30 बजे के बाद का वक्त होने पर जब ट्विटर इंडिया के एमडी जवाब देने के लिए नहीं पहुंचे हैं, तो कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि इस मामले में ट्विटर के एमडी द्वारा वैकल्पिक कानूनी(alternative legal) रास्ता तलाशने की कोशिश की जा रही है. वहीं गाजियाबाद पुलिस(Ghaziabad police) साफ कर चुकी है कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से यहां पहुंचना होगा, इसलिए सबकी निगाहें फिलहाल लोनी बॉर्डर थाने पर टिकी रहीं, लेकिन वो नहीं पहुंचे. इसके बाद मनीष माहेश्वरी के वकील ने पुलिस को जानकारी दी कि संबंधित मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट में एक प्रोटेक्शन रिट फाइल की गई है.
लोनी थाने बुलाए गए ट्विटर इंडिया (Twitter India) के एमडी के वकील ने करीब 1:30 बजे पुलिस को बताया कि मनीष माहेश्वरी की तरफ से कर्नाटक हाईकोर्ट में अरेस्टिंग से बचने के लिए एक प्रोटेक्शन रिट फाइल की गई है. जिस पर लंच के बाद सुनवाई होगी. इसका मतलब साफ है कि ट्विटर के एमडी मनीष माहेश्वरी लोना थाना नहीं पहुंच रहे हैं.
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बता दें कि इस पूरे हाइलाइटेड मामले में लोनी बॉर्डर थाना मुख्य केंद्र था, जहां पर तमाम मीडिया की नजर बनी हुई थी. वहीं क्षेत्राधिकारी अतुल कुमार सोनकर भी यहां मौजूद थे. इसके अलावा मामले के इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर भी मनीष माहेश्वरी का इंतजार कर रहे थे, लेकिन मनीष माहेश्वरी और उनकी लीगल टीम की जगह सिर्फ फोन पर एक जवाब आया है. जिसमें पुलिस को प्रोटेक्शन रिट फाइल की जानकारी दी गई.
क्या है कानूनी रास्ता
इस मामले में अब जब तक कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो जाती, तब तक मनीष माहेश्वरी के पास ही विकल्प है. कर्नाटक हाईकोर्ट में अरेस्टिंग से बचने के लिए डाली गई रिट पर अगर उनके पक्ष में फैसला आता है, तो भी उन्हें पुलिस के पास बयान दर्ज कराने के लिए आना पड़ सकता है. अगर उनके खिलाफ फैसला आया, तो भी उन्हें जवाब देने के लिए आना ही होगा. मगर दोनों सूरतों में रिट पर फैसला आना जरूरी है. इसके लिए अब सबकी निगाहें कर्नाटक हाईकोर्ट पर टिक गई हैं.
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क्या है मामला ?
यूपी के लोनी बॉर्डर के पास एक बुजुर्ग की पिटाई की गई थी साथ ही उसकी दाढ़ी काटी गई थी. पुलिस की जांच में यह तथ्य सामने आया कि पीड़ित व्यक्ति अब्दुल समद बीते बुलंदशहर के रहने वाले हैं. बीते 5 जून को वे लोनी बॉर्डर के बेहटा पहुंचे थे. अब्दुल समद वहां से एक अन्य व्यक्ति के साथ आरोपी प्रवेश गुज्जर के घर बंथला गए थे.
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पुलिस का कहना है कि पीड़ित अब्दुल समद ताबीज बनाने का काम करते हैं, उनके द्वारा बनाए गए ताबीज का उल्टा असर होने पर आरोपी व उसके सहयोगियों ने यह कृत्य किया. इसके पीछे किसी तरह का सांप्रदायिक कारण नहीं है. पुलिस ने वीडियो वायरल होने से रोकने के कोई उपाय न करने पर ट्विटर व वीडियो वायरल करने के आरोप में कुल सात लोगों पर एफआईआर दर्ज की है.