नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के भाटी माइंस इलाके में कुछ युवकों ने एक ऑटो चालक को बुरी तरह पीटकर घायल कर दिया. साथ ही दर्जनों की संख्या में आए युवकों ने उसके घर पर पत्थरबाजी भी शुरू कर दी. यह पूरी घटना पास में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. वहीं इस मामले में पुलिस की लापरवाही भी बेहद ज्यादा देखने को मिली है. सीसीटीवी फुटेज के बावजूद मुकदमा दर्ज करनें में 2 दिन का वक्त लग गया.
ऑटो चालक को बुरी तरह पीटा
सीसीटीवी की यह तस्वीर देश की राजधानी दिल्ली की है, जहां कानून व्यवस्था इतनी लचर हो गई है कि किसी के भी घर में घुसकर ऐसे हमला किया जा रहा है. नतीजा 20 साल के युवक को बुरी तरह घायल कर दिया. यह घटना भाटी माइंस इलाके की है. जहां 6 फरवरी को प्रदीप अपने दोस्त के ऑटो को लेकर राशन लेने गया था. रास्ते में ही तीन युवक पैदल जा रहे थे. ऑटो से राहगीर युवक हल्का सा टच हो गया. वह तीनों युवक शराब के नशे में थे.
ऑटो चालक के घर पर बोला हल्ला
प्रदीप ने उन तीनों युवक से मौके पर ही माफी मांगी, लेकिन नशे में धुत वह तीनों प्रदीप को बुरी तरह पीटने लगे. साथ ही उसके सर पर पत्थर से इतना गहरा वार किया कि उसके सर पर कई टांके लगे हैं. उन युवकों की हैवानियत यहीं तक नहीं रुकी. प्रदीप जैसे-तैसे भागता हुआ ऑटो लेकर अपने घर में घुसा. उसके बाद वह तीनों राहगीरों ने अपने दर्जनों दोस्तों के साथ प्रदीप के घर पर हल्ला बोल दिया और घंटो तक घर के बाहर हंगामा और पत्थरबाजी करते रहे. इस पूरी घटना में प्रदीप को गंभीर चोट आई, जिसके बाद उसे इलाज के लिए एम्स ट्रामा सेंटर ले जाया गया.
प्रदीप के घर के बाहर पत्थरबाजी की यह स्थिति काफी देर तक बनी रही. मगर दिल्ली की लाचार कानून व्यवस्था यहां देखने को मिली. पुलिस को सूचना देने के बावजूद भी यहां काफी देर तक कोई पुलिस वाला नहीं पहुंचा. नतीजा यह दहशतगर्दी युवक के घर के सामने काफी देर तक हंगामा करते रहे. जबकि पुलिस थाने की चौकी घटनास्थल से महज चंद दूरी पर है.
ये भी पढ़ें:-नांगलोई में क्रिकेट खेलते-खेलते भिड़े बच्चे, नाबालिग की गई जान
पुलिस के नाकामी बस इतनी तक ही सीमित नहीं है. यह घटना 6 फरवरी की है, उसके बावजूद एफआईआर दर्ज कराने में 2 दिन लग गए और 8 फरवरी को इस पूरे मामले में मुकदमा दर्ज किया गया. फिलहाल पुलिस ने तमाम सीसीटीवी फुटेज के आधार पर 5 युवकों को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि कई युवक अभी फरार हैं. पीड़ित परिवार के परिजनों को अभी भी मुकदमा वापस लेने के लिए धमकियां मिल रही है. बाहरहाल पीड़ित परिवार अब पुलिस और प्रशासन से अपने जानमाल की हिफाजत के लिए गुहार लगा रहा है.