नई दिल्लीः कहावत है कि पुलिस रस्सी का सांप बना देती है. ऐसा ही एक मामला पश्चिम विहार थाने (Paschim vihar police station) से सामने आया है. यहां दोपहर से थाने में बिठाए गए व्यक्ति को रात के समय पुलिस ने कट्टे के साथ गिरफ्तार दिखा दिया. पीड़ित के वकील ने इस मामले में अदालत के माध्यम से थाने की CCTV फुटेज को सुरक्षित रखवाने के आदेश हासिल कर लिए हैं. वकील का दावा है कि इस सीसीटीवी फुटेज से पुलिस द्वारा किये गए खेल की पोल खुल जाएगी.
ज्वालापुरी निवासी ओमप्रकाश ने बताया कि वह कपड़े बेचता है. बीते 20 जून को पश्चिम विहार थाने से दो पुलिसकर्मी कार में सवार होकर आए और उसे पुलिस चौकी ले गए. वहां पिटाई कर, उससे 50 हजार रुपये की मांग की गई. रकम नहीं देने पर, दोपहर लगभग चार बजे थाने ले जाया गया. वहां पर भी पुलिसकर्मियों ने उसे पीटा. रात लगभग 9:30 बजे, उसे कट्टा रखने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया.
संजय गांधी अस्पताल में, उसका मेडिकल कराया गया, जहां मिलीभगत के चलते डॉक्टर ने उसकी चोट का जिक्र तक नहीं किया. तिहाड़ जेल पहुंचने पर, उसका दोबारा मेडिकल कराया गया, जिसमें इन चोट के बारे में डॉक्टर ने लिखा है. ओम प्रकाश का दावा है कि पुलिस ने उसे झूठे केस में फंसा दिया.
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पीड़ित के अधिवक्ता रवि दराल ने इस मामले में अदालत के समक्ष ओम प्रकाश की जमानत याचिका लगाई. अदालत को थाने का शाम का वीडियो दिखाया गया, जो पीड़ित के बेटे ने मोबाइल से बनाया था. इसमें साफ दिख रहा है कि शाम छह बजे ओमप्रकाश की स्कूटी थाने में खड़ी है. वहीं, पुलिस ने FIR में कहा है कि उन्होंने रात 9:30 बजे स्कूटी पर जा रहे ओमप्रकाश को पीछा कर पकड़ा, तो उसके पास से कट्टा बरामद हुआ.
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इसके अलावा पीड़ित की पत्नी द्वारा मोबाइल से बनाया गया एक वीडियो भी है. इसमें थाने के अधिकारी लगभग 7:30 बजे ओमप्रकाश पर सिपाही से मारपीट की बात कह रहे हैं. स्कूटी का वीडियो अदालत में दिखाया गया, जिसके बाद पीड़ित को अदालत ने 25 हजार रुपये की राशि जमा कराने पर जमानत मंजूर की है.
पीड़ित ओम प्रकाश ने बताया कि 20 जून की दोपहर दो बजे के बाद सिपाही नवीन एक अन्य साथी के साथ, उसे उठाकर ले गया था. उसे उद्योग नगर मेट्रो स्टेशन के समीप बने पुलिस बूथ के पास ले गए. ओम प्रकाश का आरोप है कि वहां पर, उससे पुलिसकर्मियों ने 50 हजार रुपये मांगे. यह रकम देने से, जब उसने इंकार कर दिया तो उसे पश्चिम विहार थाने में ले जाया गया. वहां पर भी उसकी बेरहमी से पिटाई की गई, जिसके चलते उसे चोटें आई थीं.
अधिवक्ता रवि दराल ने बताया कि इस मामले में थाने के CCTV फुटेज पुलिस की झूठी कहानी की पोल खोलने में, अहम साक्ष्य बनेंगे. उन्होंने अदालत से अपील की थी कि थाने की 20 जून की CCTV फुटेज को सुरक्षित किया जाए. पुलिस की तरफ से अदालत को बताया गया है कि उन्होंने एंट्री एवं एग्जिट की CCTV फुटेज सुरक्षित कर ली है. वह अब अदालत से अपील करेंगे कि थाने में लगे सभी सीसीटीवी की फुटेज को सुरक्षित किया जाए.