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दिल्ली पुलिस में सिपाही बनना चाहता था काला जठेड़ी, फिर ऐसे बन गया गैंगस्टर

मोस्ट वांटेड अपराधी संदीप उर्फ काला जठेड़ी दिल्ली पुलिस का सिपाही बनना चाहता था. इसके लिए उसने परीक्षा भी दी थी, लेकिन पास नहीं कर सका.

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Published : Aug 5, 2021, 6:07 PM IST

मोस्ट वांटेड अपराधी संदीप उर्फ काला जठेड़ी
मोस्ट वांटेड अपराधी संदीप उर्फ काला जठेड़ी

नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किया गया मोस्ट वांटेड अपराधी संदीप उर्फ काला जठेड़ी दिल्ली पुलिस का सिपाही बनना चाहता था. इसके लिए उसने परीक्षा भी दी थी, लेकिन पास नहीं कर सका. उसने हरियाणा पुलिस में भी सिपाही भर्ती में हिस्सा लिया, लेकिन सेलेक्शन नहीं हुआ. इसके बाद, वह अपराधियों के संपर्क में आया और कई राज्यों का वांछित डॉन बन गया. यह खुलासा काला जठेड़ी ने पूछताछ के दौरान किया है.


स्पेशल सेल को पूछताछ में काला जठेड़ी ने बताया कि 2002 में सोनीपत आईटीआई से सर्टिफिकेट कोर्स कर रहा था. वह पुलिस में सिपाही बनना चाहता था. इसके लिए उसने दिल्ली एवं हरियाणा पुलिस में सिपाही भर्ती में हिस्सा लिया था. दोनों ही जगह परीक्षा पास नहीं कर सका. उसे उम्मीद थी कि कोर्स पूरा करने के बाद सरकारी नौकरी पा लेगा. उसका यह सपना पूरा नहीं हुआ.

दिल्ली पुलिस में सिपाही बनना चाहता था काला जठेड़ी

इसके बाद वह परिजनों से कुछ रुपये लेकर दिल्ली आ गया. यहां आकर वह छोटे-छोटे अपराध करने लगा. 2004 में समयपुर बादली पुलिस ने पहली बार मोबाइल झपटमारी में गिरफ्तार कर जेल भेजा था. झपटमारी में जमानत मिलने पर वापस गांव लौट गया. खेती में पिता का हाथ बंटाने के साथ केबल का कारोबार करने लगा.

ये भी पढ़ें-रिवॉल्वर रानी के चक्कर में पुलिस के हाथ लगा काला जठेड़ी, पहचान छिपाने के लिये बदल लिया था हुलिया

वर्ष 2006 में गांव के कुछ लोगों के साथ डाबड़ी आया था. उसने यहां विवाद में पीटकर एक शख्स को मार डाला. इस मामले में तिहाड़ जेल भेजा गया. उसकी जेल में अनिल रोहिल्ला उर्फ लीला से दोस्ती हुई. अनिल रोहिल्ला ने उसे बताया कि रोहतक स्थित उसके गांव में एक परिवार से दुश्मनी चल रही है. उस परिवार में सात भाई हैं और उन्होंने उसके पिता की हत्या की है. इसका बदला लेने के लिए उसने गैंग बनाया है. इस परिवार के पांच भाई सहित आठ लोगों को काला जठेड़ी ने मार डाला. इस हत्याकांड से ही संदीप का नाम काला जठेड़ी के रूप में अपराध की दुनिया में मशहूर हो गया. उसने गैंग खड़ा कर लिया और लूटपाट करने लगा.



ये भी पढ़ें-किसी भूत का पीछा करने से कम नहीं था काला जठेड़ी का पीछा कराना, DCP ने बताई पूरी कहानी

वर्ष 2012 में काला जठेड़ी को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया. जेल में उसकी मुलाकात गैंगस्टर नरेश सेठी से हुई. उसने काला जठेड़ी को राजू बसोडी से मिलवाया. 2018 में राजू बसोडी ने, इस परिवार के छठे भाई को मरवा डाला. उस समय काला जठेड़ी जेल में था. गैंगस्टर नरेश सेठी के जीजा को, उसने इसलिए मार डाला, क्योंकि उसने नरेश की बहन को मार दिया था.

सुशील ने, जिस सोनू महाल को छत्रसाल स्टेडियम पर पीटा, वह काला जठेड़ी का भांजा है. सोनू महाल के दो विरोधियों की काला जठेड़ी हत्या कर चुका है. जेल में रहने के दौरान ही, उसकी दोस्ती लॉरेंस बिश्नोई से हुई और वह उसके गैंग में शामिल हो गया. लॉरेंस बिश्नोई ने, उसे पुलिस हिरासत से फरवरी 2020 में फरार करवाया. इसके बाद से ही वह लगातार फरार चल रहा था और बीते 1 साल में ही 20 से ज्यादा हत्याओं को अंजाम दिलवा चुका था.


पूछताछ में काला जठेड़ी ने पुलिस को बताया कि लगभग 1 साल पहले लॉरेंस बिश्नोई ने काला जठेड़ी को निर्देश दिए कि वह लेडी डॉन अनुराधा की मदद करे. आनंदपाल सिंह की दोस्त अनुराधा से, उसकी मुलाकात हुई और वह अनुराधा से प्यार कर बैठा. पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया है कि वह एक मंदिर में अनुराधा से शादी कर चुका है. पुलिस को यह भी बताया है कि उसका फेसबुक पेज सत्येंद्र जीत सिंह उर्फ गोल्डी बरार चलाता है, जो कनाडा में मौजूद है.

नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किया गया मोस्ट वांटेड अपराधी संदीप उर्फ काला जठेड़ी दिल्ली पुलिस का सिपाही बनना चाहता था. इसके लिए उसने परीक्षा भी दी थी, लेकिन पास नहीं कर सका. उसने हरियाणा पुलिस में भी सिपाही भर्ती में हिस्सा लिया, लेकिन सेलेक्शन नहीं हुआ. इसके बाद, वह अपराधियों के संपर्क में आया और कई राज्यों का वांछित डॉन बन गया. यह खुलासा काला जठेड़ी ने पूछताछ के दौरान किया है.


स्पेशल सेल को पूछताछ में काला जठेड़ी ने बताया कि 2002 में सोनीपत आईटीआई से सर्टिफिकेट कोर्स कर रहा था. वह पुलिस में सिपाही बनना चाहता था. इसके लिए उसने दिल्ली एवं हरियाणा पुलिस में सिपाही भर्ती में हिस्सा लिया था. दोनों ही जगह परीक्षा पास नहीं कर सका. उसे उम्मीद थी कि कोर्स पूरा करने के बाद सरकारी नौकरी पा लेगा. उसका यह सपना पूरा नहीं हुआ.

दिल्ली पुलिस में सिपाही बनना चाहता था काला जठेड़ी

इसके बाद वह परिजनों से कुछ रुपये लेकर दिल्ली आ गया. यहां आकर वह छोटे-छोटे अपराध करने लगा. 2004 में समयपुर बादली पुलिस ने पहली बार मोबाइल झपटमारी में गिरफ्तार कर जेल भेजा था. झपटमारी में जमानत मिलने पर वापस गांव लौट गया. खेती में पिता का हाथ बंटाने के साथ केबल का कारोबार करने लगा.

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वर्ष 2006 में गांव के कुछ लोगों के साथ डाबड़ी आया था. उसने यहां विवाद में पीटकर एक शख्स को मार डाला. इस मामले में तिहाड़ जेल भेजा गया. उसकी जेल में अनिल रोहिल्ला उर्फ लीला से दोस्ती हुई. अनिल रोहिल्ला ने उसे बताया कि रोहतक स्थित उसके गांव में एक परिवार से दुश्मनी चल रही है. उस परिवार में सात भाई हैं और उन्होंने उसके पिता की हत्या की है. इसका बदला लेने के लिए उसने गैंग बनाया है. इस परिवार के पांच भाई सहित आठ लोगों को काला जठेड़ी ने मार डाला. इस हत्याकांड से ही संदीप का नाम काला जठेड़ी के रूप में अपराध की दुनिया में मशहूर हो गया. उसने गैंग खड़ा कर लिया और लूटपाट करने लगा.



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वर्ष 2012 में काला जठेड़ी को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया. जेल में उसकी मुलाकात गैंगस्टर नरेश सेठी से हुई. उसने काला जठेड़ी को राजू बसोडी से मिलवाया. 2018 में राजू बसोडी ने, इस परिवार के छठे भाई को मरवा डाला. उस समय काला जठेड़ी जेल में था. गैंगस्टर नरेश सेठी के जीजा को, उसने इसलिए मार डाला, क्योंकि उसने नरेश की बहन को मार दिया था.

सुशील ने, जिस सोनू महाल को छत्रसाल स्टेडियम पर पीटा, वह काला जठेड़ी का भांजा है. सोनू महाल के दो विरोधियों की काला जठेड़ी हत्या कर चुका है. जेल में रहने के दौरान ही, उसकी दोस्ती लॉरेंस बिश्नोई से हुई और वह उसके गैंग में शामिल हो गया. लॉरेंस बिश्नोई ने, उसे पुलिस हिरासत से फरवरी 2020 में फरार करवाया. इसके बाद से ही वह लगातार फरार चल रहा था और बीते 1 साल में ही 20 से ज्यादा हत्याओं को अंजाम दिलवा चुका था.


पूछताछ में काला जठेड़ी ने पुलिस को बताया कि लगभग 1 साल पहले लॉरेंस बिश्नोई ने काला जठेड़ी को निर्देश दिए कि वह लेडी डॉन अनुराधा की मदद करे. आनंदपाल सिंह की दोस्त अनुराधा से, उसकी मुलाकात हुई और वह अनुराधा से प्यार कर बैठा. पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया है कि वह एक मंदिर में अनुराधा से शादी कर चुका है. पुलिस को यह भी बताया है कि उसका फेसबुक पेज सत्येंद्र जीत सिंह उर्फ गोल्डी बरार चलाता है, जो कनाडा में मौजूद है.

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