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यमुना एक्सप्रेस वे सांस्कृतिक धरोहर को करेगा पुनर्जीवित

ग्रेटर नोएडा के यमुना एक्स्प्रेस वे के किनारे अपने कल्चरल हेरिटेज मथुरा के ब्रिज क्षेत्र को दिखाने के लिए एक पूरा एरिया विकसित किया जा रहा है. इस हेरिटेज कॉरिडोर के लिए कंसलटेंट की नियुक्ति की गई है.

यमुना एक्सप्रेस वे
यमुना एक्सप्रेस वे
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Published : Mar 18, 2022, 2:16 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा के यमुना एक्स्प्रेस औधिगिक विकास प्राधिकरण ने बांके बिहारी मंदिर को यमुना एक्सप्रेस वे से सीधे जोड़ने के लिए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे बनाने का फैसला किया है. इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे के किनारे अपने कल्चरल हेरिटेज मथुरा के ब्रिज क्षेत्र को दिखाने के लिए एक पूरा एरिया विकसित किया जा रहा है. वृंदावन से जुड़ी हुई और मथुरा से जुड़ी हुई जो हमारी सांस्कृतिक, फिलोसॉफिकल धरोहर है उसे पुनर्जीवित करने की कोशिश की जा रही है. हेरिटेज कॉरिडोर के लिए कंसलटेंट की नियुक्ति की गई है. यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि कोल्डवेल बैंकर्स रिचर्ड एलिस सीबीआरई साउथ एशिया प्रा. लि. 24 मार्च तक राया हेरिटेज सिटी की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट यमुना प्राधिकरण को सौंप देगा.

यमुना एक्सप्रेस वे से बांके बिहारी मंदिर को सीधे जोड़ने के लिए छह किमी लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे बनेगा. इसका कार्य चालू वित्त वर्ष में शुरू हो जाएगा. एक्सप्रेस वे के दोनों ओर पांच-पांच सौ मीटर जमीन अधिग्रहीत होगी, जिसमें म्यूजियम के साथ-साथ द्वापर काल के गांव, जैसे नंदगांव, बरसाने, गोकुल भी विकसित होंगे जो पूरी तरह से श्रीकृष्ण के जीवन की झलकियां दर्शाएंगे. लोग इसी पैदल भी जा कर देख सकेंगे और अपने वाहनों से भी लुत्फ उठा पाएंगे. इसका मकसद भारतीय संस्कृति को लोगों तक पहुंचाना होगा. यीडा के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि इसके लिए एक्सप्रेस वे से बनाने जा रहे हैं जो बिल्कुल ग्रीन फील्ड होगा और सीधे बांके बिहारी मंदिर के लिए जो पुल यमुना नदी पर ब्रज विकास परिषद द्वारा बनवाए जा रहे पुल से जुड़ेगा. इसके आगे करीब ढाई किमी मार्ग का निर्माण पहले ही ब्रज विकास परिषद करा रहा है. इसके अलावा रिवर फ्रंट डेवलपमेंट का कांसेप्ट है साथ ही साथ कथा वाचनालय केंद्र बनेंगे, जहां पर कोई भी जाकर भागवत कथा सुन सकेगा. यह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे पहले बांके बिहारी मंदिर को और इसी एक्सप्रेस देश से एक मार्ग निकालकर द्वारकाधीश मंदिर को जोड़ा जाएगा. इसको जोड़ने से लोगों को सुगमता हो जाएगी और वृंदावन पहुंचना बहुत आसान हो जाएगा. इससे पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में आसानी होगी. जाम का सामने किए बगैर सीधे मंदिर जाकर दर्शन कर सकेंगे.

यमुना एक्सप्रेस वे
डा. अरुणवीर सिंह ने कहा कि ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे का अनुसूचित क्षेत्र 6 किलोमीटर का है. उसी 6 किलोमीटर की रेडियस में पूरा बनाया जाएगा. 900 हेक्टेयर की जमीन पर यह बनेगा, जिसकी लागत लगभग साढ़े 7000 करोड की है. उन्होंने कहा कि मैं यह पूरा स्पष्ट कर दूं कि यहां कोई शहर नहीं बसाया जा रहा है ना कोई यहां रियल स्टेट होगा. यहां कोई बिल्डिंग और प्लाट नहीं कटेगा. यह हमारी धरोहर के लिए है हमारी संस्कृति के लिए हैं.ऐसी ही ज़रूरी और विश्वसनीय ख़बरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप

नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा के यमुना एक्स्प्रेस औधिगिक विकास प्राधिकरण ने बांके बिहारी मंदिर को यमुना एक्सप्रेस वे से सीधे जोड़ने के लिए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे बनाने का फैसला किया है. इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे के किनारे अपने कल्चरल हेरिटेज मथुरा के ब्रिज क्षेत्र को दिखाने के लिए एक पूरा एरिया विकसित किया जा रहा है. वृंदावन से जुड़ी हुई और मथुरा से जुड़ी हुई जो हमारी सांस्कृतिक, फिलोसॉफिकल धरोहर है उसे पुनर्जीवित करने की कोशिश की जा रही है. हेरिटेज कॉरिडोर के लिए कंसलटेंट की नियुक्ति की गई है. यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि कोल्डवेल बैंकर्स रिचर्ड एलिस सीबीआरई साउथ एशिया प्रा. लि. 24 मार्च तक राया हेरिटेज सिटी की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट यमुना प्राधिकरण को सौंप देगा.

यमुना एक्सप्रेस वे से बांके बिहारी मंदिर को सीधे जोड़ने के लिए छह किमी लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे बनेगा. इसका कार्य चालू वित्त वर्ष में शुरू हो जाएगा. एक्सप्रेस वे के दोनों ओर पांच-पांच सौ मीटर जमीन अधिग्रहीत होगी, जिसमें म्यूजियम के साथ-साथ द्वापर काल के गांव, जैसे नंदगांव, बरसाने, गोकुल भी विकसित होंगे जो पूरी तरह से श्रीकृष्ण के जीवन की झलकियां दर्शाएंगे. लोग इसी पैदल भी जा कर देख सकेंगे और अपने वाहनों से भी लुत्फ उठा पाएंगे. इसका मकसद भारतीय संस्कृति को लोगों तक पहुंचाना होगा. यीडा के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि इसके लिए एक्सप्रेस वे से बनाने जा रहे हैं जो बिल्कुल ग्रीन फील्ड होगा और सीधे बांके बिहारी मंदिर के लिए जो पुल यमुना नदी पर ब्रज विकास परिषद द्वारा बनवाए जा रहे पुल से जुड़ेगा. इसके आगे करीब ढाई किमी मार्ग का निर्माण पहले ही ब्रज विकास परिषद करा रहा है. इसके अलावा रिवर फ्रंट डेवलपमेंट का कांसेप्ट है साथ ही साथ कथा वाचनालय केंद्र बनेंगे, जहां पर कोई भी जाकर भागवत कथा सुन सकेगा. यह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे पहले बांके बिहारी मंदिर को और इसी एक्सप्रेस देश से एक मार्ग निकालकर द्वारकाधीश मंदिर को जोड़ा जाएगा. इसको जोड़ने से लोगों को सुगमता हो जाएगी और वृंदावन पहुंचना बहुत आसान हो जाएगा. इससे पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में आसानी होगी. जाम का सामने किए बगैर सीधे मंदिर जाकर दर्शन कर सकेंगे.

यमुना एक्सप्रेस वे
डा. अरुणवीर सिंह ने कहा कि ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे का अनुसूचित क्षेत्र 6 किलोमीटर का है. उसी 6 किलोमीटर की रेडियस में पूरा बनाया जाएगा. 900 हेक्टेयर की जमीन पर यह बनेगा, जिसकी लागत लगभग साढ़े 7000 करोड की है. उन्होंने कहा कि मैं यह पूरा स्पष्ट कर दूं कि यहां कोई शहर नहीं बसाया जा रहा है ना कोई यहां रियल स्टेट होगा. यहां कोई बिल्डिंग और प्लाट नहीं कटेगा. यह हमारी धरोहर के लिए है हमारी संस्कृति के लिए हैं.ऐसी ही ज़रूरी और विश्वसनीय ख़बरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप
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