नई दिल्ली/नोएडा : उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट 600 करोड़ की लागत से गरीबों के लिए बनाया गया था. इसी कड़ी में नोएडा का जिला अस्पताल आज तमाम सुविधाओं के अभाव में चल ही रहा है.
वहीं 2017 में खरीदी गई वेंटिलेटर मशीन डॉक्टर के अभाव में एक कोने में पड़ी हुई है. वेंटिलेटर मशीन चलाने के लिए जिला अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं है.
बता दें कि 2 सालों में ना सरकार ने और ना ही स्वास्थ्य विभाग ने इस तरफ ध्यान दिया है. मशीन के ना चलने की वजह से प्रतिदिन कई मरीज दिल्ली रेफर किए जाते हैं. अस्पताल सूत्रों की माने तो वेंटिलेटर मशीन आने के साथ ही अलग-अलग पार्ट्स में जिस तरह आई उसी तरह पड़ी हुई है. उसे चलाने के लिए जो टीम होनी चाहिए, वह अभी तक नहीं बनी है ना कोई डॉक्टर ही है. इस संबंध में अस्पताल की तरफ से कुछ कहा नहीं गया.
मरीज दूसरे अस्पताल में जाने को मजबूर
वहीं लाखों कीमत की वेंटिलेटर मशीन चालू हालत में न होने के चलते महीने में सैकड़ों मरीज नोएडा का जिला अस्पताल से हायर सेंटरों के लिए रेफर हो जाते हैं, पर किसी को मशीन चलाने को लेकर फिक्र नहीं है और ना ही मरीजों की जीवन की कोई चिंता हैं.