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मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट हो गया फेल! एक कोने में पड़ी है वेंटिलेटर मशीन

2017 में खरीदी गई वेंटिलेटर मशीन डॉक्टर के अभाव में एक कोने में पड़ी हुई है. वेंटिलेटर मशीन चलाने के लिए जिला अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं है.

मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट हो गया फेल etv bharat
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Published : Aug 22, 2019, 10:22 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा : उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट 600 करोड़ की लागत से गरीबों के लिए बनाया गया था. इसी कड़ी में नोएडा का जिला अस्पताल आज तमाम सुविधाओं के अभाव में चल ही रहा है.

मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट हो गया फेल

वहीं 2017 में खरीदी गई वेंटिलेटर मशीन डॉक्टर के अभाव में एक कोने में पड़ी हुई है. वेंटिलेटर मशीन चलाने के लिए जिला अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं है.

बता दें कि 2 सालों में ना सरकार ने और ना ही स्वास्थ्य विभाग ने इस तरफ ध्यान दिया है. मशीन के ना चलने की वजह से प्रतिदिन कई मरीज दिल्ली रेफर किए जाते हैं. अस्पताल सूत्रों की माने तो वेंटिलेटर मशीन आने के साथ ही अलग-अलग पार्ट्स में जिस तरह आई उसी तरह पड़ी हुई है. उसे चलाने के लिए जो टीम होनी चाहिए, वह अभी तक नहीं बनी है ना कोई डॉक्टर ही है. इस संबंध में अस्पताल की तरफ से कुछ कहा नहीं गया.

मरीज दूसरे अस्पताल में जाने को मजबूर

वहीं लाखों कीमत की वेंटिलेटर मशीन चालू हालत में न होने के चलते महीने में सैकड़ों मरीज नोएडा का जिला अस्पताल से हायर सेंटरों के लिए रेफर हो जाते हैं, पर किसी को मशीन चलाने को लेकर फिक्र नहीं है और ना ही मरीजों की जीवन की कोई चिंता हैं.

नई दिल्ली/नोएडा : उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट 600 करोड़ की लागत से गरीबों के लिए बनाया गया था. इसी कड़ी में नोएडा का जिला अस्पताल आज तमाम सुविधाओं के अभाव में चल ही रहा है.

मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट हो गया फेल

वहीं 2017 में खरीदी गई वेंटिलेटर मशीन डॉक्टर के अभाव में एक कोने में पड़ी हुई है. वेंटिलेटर मशीन चलाने के लिए जिला अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं है.

बता दें कि 2 सालों में ना सरकार ने और ना ही स्वास्थ्य विभाग ने इस तरफ ध्यान दिया है. मशीन के ना चलने की वजह से प्रतिदिन कई मरीज दिल्ली रेफर किए जाते हैं. अस्पताल सूत्रों की माने तो वेंटिलेटर मशीन आने के साथ ही अलग-अलग पार्ट्स में जिस तरह आई उसी तरह पड़ी हुई है. उसे चलाने के लिए जो टीम होनी चाहिए, वह अभी तक नहीं बनी है ना कोई डॉक्टर ही है. इस संबंध में अस्पताल की तरफ से कुछ कहा नहीं गया.

मरीज दूसरे अस्पताल में जाने को मजबूर

वहीं लाखों कीमत की वेंटिलेटर मशीन चालू हालत में न होने के चलते महीने में सैकड़ों मरीज नोएडा का जिला अस्पताल से हायर सेंटरों के लिए रेफर हो जाते हैं, पर किसी को मशीन चलाने को लेकर फिक्र नहीं है और ना ही मरीजों की जीवन की कोई चिंता हैं.

Intro:नोएडा---
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट और 6 सौ करोड़ की लागत से तैयार नोएडा के जिला अस्पताल का हाल ये है कि दो साल से डॉक्टर की बाट जोह रही है वेंटिलेटर मशीन। जिला अस्पताल में लाखों रुपये की वेंटिलेटर मशीन ख़रीदी गई पर उसे चलाने वाले डॉक्टर नही है।जिसके चलते मशीन एक कोने में पड़ी हुई है।Body:उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट 600 करोड़ की लागत से गरीबों के लिए बनाया गया नोएडा का जिला अस्पताल आज तमाम सुविधाओं के अभाव में चल ही रहा है वहीं 2017 में खरीदी गई वेंटिलेटर मशीन डॉक्टर के अभाव में एक कोने में पड़ी हुई है वेंटिलेटर मशीन चलाने के लिए जिला अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं है 2 सालों में सरकार ने और ना ही स्वास्थ्य विभाग ने इस तरफ ध्यान दिया मशीन के ना चलने की वजह से प्रतिदिन कई मरीज दिल्ली रेफर किए जाते हैं अस्पताल सूत्रों की माने तो वेंटिलेटर मशीन आने के साथ ही अलग-अलग पार्ट्स में जिस तरह आई उसी तरह पड़ी हुई है उसे चलाने के लिए जो टीम होनी चाहिये वह अभी तक नहीं बनी है ना कोई डॉक्टर ही है। इस संबंध में अस्पताल की तरफ से कुछ कहा नही गया।Conclusion:लाखों कीमत की वेंटिलेटर मशीन चालू हालत में न होने के चलते महीने में सैकड़ों मरीज नोएडा का जिला अस्पताल से हायर सेंटरों के लिए रेफर हो जाते हैं पर किसी को मशीन चलाने को लेकर फिक्र नहीं है और ना ही मरीजों की जीवन की कोई चिंता।

पीटीसी संजीव उपाध्याय
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