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नोएडा प्राधिकरण की CEO की बड़ी कार्रवाई, परमिशन नहीं देने पर दो बाबू हुए सस्पेंड

नोएडा प्राधिकरण ने सख्त कार्रवाई करते हुए दो बाबुओं को सस्पेंड कर दिया है. सस्पेंड बाबुओं ने आवंटित भूखंड के लिए आवंटी को मॉरगेज परमिशन समय पर जारी नहीं किया था.

नोएडा अथॉरिटी की CEO का एक्शन
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Published : Sep 18, 2019, 6:04 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने सख्त कार्रवाई करते हुए दो बाबुओं को सस्पेंड कर दिया है. प्लॉट सेक्शन में तैनात सुभाष चंद्र नेमिष और राजकुमार राणा को निलंबन का आदेश जारी कर दिया है.

नोएडा अथॉरिटी की CEO का एक्शन

4 लाख 96 हजार रुपये का ठोका था जुर्माना
सस्पेंड बाबुओं ने आवंटित भूखंड के लिए आवंटी को मॉरगेज परमिशन समय पर जारी नहीं किया था. समय बीतने के बाद जो परमिशन भेजी गई, वो भी गलत थी. इसी वजह से आवंटी डिफाल्टर हो गया और उस पर बैंक ने 4 लाख 96 हजार रुपये का जुर्माना ठोक दिया. राहत के लिए जब आवंटी ने प्लॉट सेक्शन से आपत्ति जताई तो उसकी सुनवाई अधिकारियों से लेकर बाबू तक ने नहीं की. मजबूरन आवंटियों को कोर्ट की शरण में जाना पड़ा. कोर्ट का आदेश आने के बाद प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक ने मामले में सही जानकारी का पता लगाया और तुरंत दोनों बाबुओं को सस्पेंड कर दिया.

कोर्ट ने आंवटी के हक में दिया फैसला
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्राधिकरण की ओर से लेफ्ट ओवर लोड स्कीम के तहत भूखंड-सी 63 सेक्टर 100 आवंटी को आवंटित किया गया. आवंटन शर्तों के अनुसार उसने तीसरे जीरकम प्राधिकरण खाते में जमा करा दी. नियमानुसार कुल आवंटन राशि को 70 दिन में जमा करना था. ऐसे में बैंक से लोन लेने के लिए प्राधिकरण के लिए आवेदन किया. लेकिन समय पर नहीं मिलने के बाद बैंक डिफॉल्टर घोषित करते हुए उस पर जुर्माना लगा दिया. जिसपर आवंटी कोर्ट चला गया और कोर्ट ने उसके पक्ष में आदेश जारी कर दिया. कोर्ट के आदेशों पर संज्ञान लेते हुए सीईओ अथॉरिटी ने दोनों बाबू को ससपेंड कर दिया है.

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने सख्त कार्रवाई करते हुए दो बाबुओं को सस्पेंड कर दिया है. प्लॉट सेक्शन में तैनात सुभाष चंद्र नेमिष और राजकुमार राणा को निलंबन का आदेश जारी कर दिया है.

नोएडा अथॉरिटी की CEO का एक्शन

4 लाख 96 हजार रुपये का ठोका था जुर्माना
सस्पेंड बाबुओं ने आवंटित भूखंड के लिए आवंटी को मॉरगेज परमिशन समय पर जारी नहीं किया था. समय बीतने के बाद जो परमिशन भेजी गई, वो भी गलत थी. इसी वजह से आवंटी डिफाल्टर हो गया और उस पर बैंक ने 4 लाख 96 हजार रुपये का जुर्माना ठोक दिया. राहत के लिए जब आवंटी ने प्लॉट सेक्शन से आपत्ति जताई तो उसकी सुनवाई अधिकारियों से लेकर बाबू तक ने नहीं की. मजबूरन आवंटियों को कोर्ट की शरण में जाना पड़ा. कोर्ट का आदेश आने के बाद प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक ने मामले में सही जानकारी का पता लगाया और तुरंत दोनों बाबुओं को सस्पेंड कर दिया.

कोर्ट ने आंवटी के हक में दिया फैसला
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्राधिकरण की ओर से लेफ्ट ओवर लोड स्कीम के तहत भूखंड-सी 63 सेक्टर 100 आवंटी को आवंटित किया गया. आवंटन शर्तों के अनुसार उसने तीसरे जीरकम प्राधिकरण खाते में जमा करा दी. नियमानुसार कुल आवंटन राशि को 70 दिन में जमा करना था. ऐसे में बैंक से लोन लेने के लिए प्राधिकरण के लिए आवेदन किया. लेकिन समय पर नहीं मिलने के बाद बैंक डिफॉल्टर घोषित करते हुए उस पर जुर्माना लगा दिया. जिसपर आवंटी कोर्ट चला गया और कोर्ट ने उसके पक्ष में आदेश जारी कर दिया. कोर्ट के आदेशों पर संज्ञान लेते हुए सीईओ अथॉरिटी ने दोनों बाबू को ससपेंड कर दिया है.

Intro:नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने सख्त कार्रवाई करते दो बाबुओं को सस्पेंड कर दिया है। प्लॉट सेक्शन में तैनात सुभाष चंद्र नेमिष और राजकुमार राणा को निलंबन का आदेश जारी कर दिया है।


Body:सुस्पेंडे बाबुओं ने आवंटित भूखंड के लिए आवंटी को मॉरगेज परमिशन समय पर ही जारी नहीं की। समय बीतने के बाद जो परमिशन भेजी गई वो भी गलत थी। इस कारण आवंटी डिफाल्टर हो गया और उस पर बैंक ने 4 लाख 96 हज़ार का जुर्माना ठोक दिया। राहत के लिए जब आवंटी ने प्लॉट सेक्शन से आपत्ति जताई तो उसकी सुनवाई अधिकारियों से लेकर बाबू तक नहीं की मजबूरन आवंटियों को कोर्ट की शरण में जाना पड़ा। कोर्ट के आदेश आने के बाद प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक ने मामले में वास्तविक जानकारी का पता लगाया और तत्काल प्रभाव से दोनों बाबू को सस्पेंड कर दिया।


Conclusion:सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्राधिकरण की ओर से लेफ्ट ओवर लोड स्कीम के तहत भूखंड सी 63 सेक्टर 100 आवंटी को आवंटित किया गया। आवंटन शर्तों के अनुसार उसने तीसरे जीरकम प्राधिकरण खाते में जमा करा दी। नियमानुसार कुल आवंटन राशि को 70 दिन में जमा करना था। ऐसे में बैंक से लोन लेने के लिए प्राधिकरण के लिए आवेदन किया लेकिन समय पर नहीं मिलने के बाद बैंक डिफॉल्टर घोषित करते हुए उस पर जुर्माना लगा दिया। जिसपर आवंटी कोर्ट चला गया और कोर्ट ने उसके पक्ष में आदेश जारी कर दिया। कोर्ट के आदेशों पर संज्ञान लेते हुए सीईओ अथॉरिटी ने दोनों बाबू को सत्संग कर दिया है।
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