नई दिल्ली: नोएडा के सेक्टर 93 स्थित एनसीआर क्षेत्र की बहुचर्चित बहुमंजिला इमारत ट्विन टावर (twin tower demolition) को 28 अगस्त को ध्वस्त किया जाएगा. इस ध्वस्तीकरण को लेकर लोगों के मन में तरह-तरह के सवाल भी उठ रहे हैं, जिसमें सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि जिस वक्त ट्विन टावर ध्वस्त होगा उस वक्त आसपास के क्षेत्र में कंपन की कैसी स्थिति पैदा होगी. इसी प्रश्न का उत्तर जानने के लिए ईटीवी भारत ने एडिफिस कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता से खास बातचीत की.
बातचीत में उन्होंने बताया कि इस ट्विन टावर के ध्वस्त होने पर आसपास के किसी भी बिल्डिंग को कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और सभी इमारतें पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगी. उन्होंने बताया कि ट्विन टावर को ध्वस्त करने के दौरान होने वाले वाइब्रेशन के संबंध में सीबीआरआई की मदद से यूके की कंपनी बायबरोटेक से वाइब्रेशन की जांच कराई गई. इसमें यह सामने आया कि ध्वस्तीकरण के दौरान 24 से लेकर 34 मिलीमीटर पर सेकेंड का वाइब्रेशन होगा जो नोएडा में आने वाले भूकंप के कंपन से 10 गुना कम है.
उन्होंने यह भी बताया कि ध्वस्तीकरण के दौरान होने वाले वाइब्रेशन को कम करने के लिए कई तरह के इंतजाम किए गए हैं जिससे कंपन की स्थिति को पूरी तरह से कंट्रोल में रखा जाएगा. ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण के दौरान आसपास की किसी इमारत को नुकसान न पहुंचे, इसके लिए हर स्तर पर सावधानियां बरती गई हैं. इसके साथ ही आसपास की इमारतों में रह रहे लोगों को कंपनी की ओर से परदे इत्यादि भी मुहैया कराए गए हैं जिससे उनके घरों में धूल न जाए.
यह भी पढ़ें-ध्वस्तीकरण से पहले प्राधिकरण की CEO ने ट्विन टावर के आसपास के एरिया का किया निरीक्षण