नई दिल्ली/नोएडा: बैंकों का डाटा चोरी कर विभिन्न बैंकों के एटीएम कार्ड से पैसा निकालने वाले गिरोह का पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एटीएस की नोएडा इकाई ने बड़ा खुलासा किया है. फिलहाल पुलिस ने 4 जालसाजों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से भारी मात्रा में विभिन्न बैंकों के खाताधारकों के डाटा दस्तावेज और तीन मोबाइल फोन बरामद हुए हैं.
चारों अभियुक्त गिरफ्तार
पकड़े गए आरोपियों के नाम बलदेव सिंह तोमर, संजीत, तपेश्वर और राजेंद्र है. एसटीएफ को शिकायत मिली थी कि क्रेडिट कार्ड धारकों से उनका ओटीपी पूछकर बैंक खातों से पैसा ट्रांसफर करने वाले गिरोह बडे़ पैमाने पर ठगी कर रहे हैं. एसटीएफ को जानकारी मिली थी कि इस गैंग के लोग विशेष रूप से आर्मी और पैरा मिलिट्री फोर्स के लोगों को टारगेट कर रहे हैं.
एसटीएफ को सूचना मिली कि क्रेडिट कार्ड धारकों से धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के सदस्य बैंक डेटा का लेन-देन करने के लिए गाजियाबाद में डायमंड फ्लाई ओवर के पास आने वाले हैं. इस सूचना पर एसटीएफ नोएडा की टीम ने जाल बिछा कर चारों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया.
गिरोह में कई लोग शामिल
आरोपियों से पूछताछ में कई हैरान करने वाली जानकारी मिली है. जानकारी के अनुसार आरोपी संजीत उर्फ संदीप 5वीं पास है. पहले वो फूल बेचने का काम करता था. उसकी उत्सव त्यागी से दोस्ती हो गई. उत्सव त्यागी बैंक अकाउंट से ठगी करके पैसा निकालने का काम पहले से कर रहा था. जिसकी आदत संजीत को लग गई. उसने उत्सव त्यागी से काम सीखा और धंधे में उतर गया.
उसने अपने मोहल्ले के दो दोस्त बलदेव और तपेश्वर उर्फ राहुल चौधरी को अपने साथ गैंग में मिला लिया. बलदेव 9वीं पास था और हापुड़ में सिंह सिक्योरिटी सर्विस के नाम से अपनी कंपनी चला रहा था. वो इस गिरोह को सिमकार्ड उपलब्ध कराता था, जिनका उपयोग कस्टमर को कॉल करने में किया जाता था.
इसी प्रकार तपेश्वर उर्फ राहुल चौधरी भी इंटर पास है और इसका मुख्य काम मोबिक्विक का वालेट बनाना था. जिसमें कस्टमर के अकाउंट से धोखाधड़ी करके पैसा ट्रांसफर किया जाता था. गजेन्द्र, राहुल, राजवीर भी अपना बैंक अकाउंट इस गिरोह को कमीशन के बेसिस पर इस्तेमाल करने देता था.
50 हजार ग्राहकों का डाटा बरामद
गिरोह के लोग क्रेडिट कार्ड धारकों से फोन पर बात करके उनके कार्ड का ओटीपी नंबर ले लेते थे और कार्ड में सेंध लगाकर लाखों की धोखाधड़ी करते थे. उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपियों के पास से करीब 50 हजार ग्राहकों का डाटा बरामद हुआ है.
बता दें कि सिटी बैंक सहित कुछ अन्य प्रमुख संस्थानों के कस्टमर डेटा का संरक्षण मनी मंत्रा, दिल्ली नामक संस्था द्वारा किया जा रहा था और इसी मनी मंत्रा संस्था के कर्मचारी शैलेन्द्र निवासी संजीत उर्फ संदीप उपरोक्त को डेटा अवैध रूप से उपलब्ध कराए जा रहे थे.