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SSP वैभव कृष्ण का आखिर क्यों हुए सस्पेंड? क्या है वीडियो कनेक्शन? जानिए पूरी कहानी

राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण को एक विवादित वीडियो और आचरण नियमावली का उल्लंघन करने पर सस्पेंड किया गया है. वहीं इस मामले में चर्चित रहे आईपीएस अफसरों का ट्रांसफर किया गया है.

Operation clean of UP government the IPS Vaibhav Krishna suspended in Gautam Buddha Nagar
IPS वैभव कृष्ण सस्पेंड
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Published : Jan 9, 2020, 9:06 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण को एक विवादित वीडियो और आचरण नियमावली का उल्लंघन करने पर सस्पेंड किया गया है. वहीं इस मामले में चर्चित रहे आईपीएस अफसरों का ट्रांसफर किया गया है. प्रदेश सरकार ने इस कार्रवाई के माध्यम से संकेत दिया कि अनुशासनहीनता, गोपनीय दस्तावेजों को लीक करना और आचरण नियमावली का उल्लंघन माफी योग्य नहीं है.

IPS वैभव कृष्ण सस्पेंड

8 जनवरी 2019 को संभाला पदभार
बता दें कि नोएडा के एसएसपी के रूप में IPS वैभव कृष्ण ने 8 जनवरी 2019 को पदभार संभाला था. इस दौरान उनके द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा मुख्यमंत्री द्वारा भी की जा चुके हैं. पिछले साल अगस्त में जब एसएसपी वैभव कृष्ण ने पांच पत्रकारों के खिलाफ अवैध उगाई का मामला दर्ज कर चार पत्रकारों को जेल भेज दिया था.

उसी जांच के आधार पर डेढ़ महीने पहले एसएसपी ने शासन को एक पत्र लिखकर कुछ आईपीएस और सफेदपोश के खिलाफ शिकायत की थी. इसके बाद आईपीएस अफसरों के बीच में चल रही शीतयुद्ध की आहट सुनाई देने लगी थी.


वायरल वीडियो वायरल
एसएसपी का कथित वायरल वीडियो उनके सस्पेंड होने की मुख्य वजह रहा है. इसके बाद दिल्ली से लेकर लखनऊ तक तहलका मच गया था. एसएसपी वैभव कृष्ण ने वायरल वीडियो के संबंध में सेक्टर थाना-20 में खुद एफआईआर दर्ज करवाई थी और पत्रकारों को बुलाकर जानकारी दी थी. पत्रकार वार्ता में शासन को भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट लीक करने का भी उन पर आरोप लगा था. इसके बाद डीजीपी ने अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ जोन को इस संबंध में बिंदुवार जांच करने को और 15 दिवस में जांच की रिपोर्ट देने को कहा था.

एसआईटी ने की हर पहलू की जांच
डीजीपी ने आईपीएस अधिकारी अजय पाल शर्मा, सुधीर कुमार सिंह, गणेश शाह, राजीव नारायण मिश्रा और हिमांशु कुमार के साथ, दिवाकर निदेशक मीडिया कार्यालय, मुख्य सचिव गुलशन कुमार, पीसीएस रजनी की शिकायत के आधार पर इस प्रकरण में जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया था.
एसआईटी के अध्यक्ष एचसी अवस्थी, निर्देशक सतर्कता बनाए गए थे, जबकि सदस्य के रूप में पुलिस महानिरीक्षक एसटीएफ अमिताभ यश और और प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश जल निगम विकास गोठवाल को नामित किया गया.

यूपी सरकार का ऑपरेशन क्लीन
अधिकारी आचरण नियमावली के उल्लंघन किए जाने के कारण नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण को सस्पेंड किया गया. उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी लखनऊ के एडीजी एसएम सांवत को दिया गया हैं. वहीं हिमांशु कुमार को एसपी सुल्तानपुर से हटाकर सेना नायक 28 वीं वाहिनी पीएसी इटावा में भेज दिया गया है.


डॉ अजय पाल शर्मा को पुलिस अधीक्षक रामपुर से हटाकर पुलिस अधीक्षक पीटीसी उन्नाव भेजा गया है. गणेश प्रसाद शाह को पुलिस अधीक्षक बांदा के पद से हटाकर पुलिस अधीक्षक मानवाधिकार लखनऊ लगाया गया है. राजीव नारायण मिश्रा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ लखनऊ को नई तैनाती सेनानायक 24वीं वाहिनी पीएसी मुरादाबाद भेजा गया है.

नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण को एक विवादित वीडियो और आचरण नियमावली का उल्लंघन करने पर सस्पेंड किया गया है. वहीं इस मामले में चर्चित रहे आईपीएस अफसरों का ट्रांसफर किया गया है. प्रदेश सरकार ने इस कार्रवाई के माध्यम से संकेत दिया कि अनुशासनहीनता, गोपनीय दस्तावेजों को लीक करना और आचरण नियमावली का उल्लंघन माफी योग्य नहीं है.

IPS वैभव कृष्ण सस्पेंड

8 जनवरी 2019 को संभाला पदभार
बता दें कि नोएडा के एसएसपी के रूप में IPS वैभव कृष्ण ने 8 जनवरी 2019 को पदभार संभाला था. इस दौरान उनके द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा मुख्यमंत्री द्वारा भी की जा चुके हैं. पिछले साल अगस्त में जब एसएसपी वैभव कृष्ण ने पांच पत्रकारों के खिलाफ अवैध उगाई का मामला दर्ज कर चार पत्रकारों को जेल भेज दिया था.

उसी जांच के आधार पर डेढ़ महीने पहले एसएसपी ने शासन को एक पत्र लिखकर कुछ आईपीएस और सफेदपोश के खिलाफ शिकायत की थी. इसके बाद आईपीएस अफसरों के बीच में चल रही शीतयुद्ध की आहट सुनाई देने लगी थी.


वायरल वीडियो वायरल
एसएसपी का कथित वायरल वीडियो उनके सस्पेंड होने की मुख्य वजह रहा है. इसके बाद दिल्ली से लेकर लखनऊ तक तहलका मच गया था. एसएसपी वैभव कृष्ण ने वायरल वीडियो के संबंध में सेक्टर थाना-20 में खुद एफआईआर दर्ज करवाई थी और पत्रकारों को बुलाकर जानकारी दी थी. पत्रकार वार्ता में शासन को भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट लीक करने का भी उन पर आरोप लगा था. इसके बाद डीजीपी ने अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ जोन को इस संबंध में बिंदुवार जांच करने को और 15 दिवस में जांच की रिपोर्ट देने को कहा था.

एसआईटी ने की हर पहलू की जांच
डीजीपी ने आईपीएस अधिकारी अजय पाल शर्मा, सुधीर कुमार सिंह, गणेश शाह, राजीव नारायण मिश्रा और हिमांशु कुमार के साथ, दिवाकर निदेशक मीडिया कार्यालय, मुख्य सचिव गुलशन कुमार, पीसीएस रजनी की शिकायत के आधार पर इस प्रकरण में जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया था.
एसआईटी के अध्यक्ष एचसी अवस्थी, निर्देशक सतर्कता बनाए गए थे, जबकि सदस्य के रूप में पुलिस महानिरीक्षक एसटीएफ अमिताभ यश और और प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश जल निगम विकास गोठवाल को नामित किया गया.

यूपी सरकार का ऑपरेशन क्लीन
अधिकारी आचरण नियमावली के उल्लंघन किए जाने के कारण नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण को सस्पेंड किया गया. उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी लखनऊ के एडीजी एसएम सांवत को दिया गया हैं. वहीं हिमांशु कुमार को एसपी सुल्तानपुर से हटाकर सेना नायक 28 वीं वाहिनी पीएसी इटावा में भेज दिया गया है.


डॉ अजय पाल शर्मा को पुलिस अधीक्षक रामपुर से हटाकर पुलिस अधीक्षक पीटीसी उन्नाव भेजा गया है. गणेश प्रसाद शाह को पुलिस अधीक्षक बांदा के पद से हटाकर पुलिस अधीक्षक मानवाधिकार लखनऊ लगाया गया है. राजीव नारायण मिश्रा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ लखनऊ को नई तैनाती सेनानायक 24वीं वाहिनी पीएसी मुरादाबाद भेजा गया है.

Intro:नोएडा:-नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण की एक विवादित वीडियो और आचरण नियमावली के उल्लंघन के साथ पुलिस महकमे में है चल रही गुटबाजी पर, प्रदेश सरकार ने कार्यवाही करते हुए जहां एसएसपी नोएडा को सस्पेंड किया है। वही इस मामले में चर्चित रहे आईपीएस अफसरों का ट्रांसफर किया गया है। प्रदेश सरकार ने इस कार्रवाई के माध्यम से संकेत दिया कि अनुशासनहीनता, गोपनीय दस्तावेजों को लीक करना और आचरण नियमावली का उल्लंघन माफी योग्य नही है।Body:वैभव कृष्ण ---
नोएडा के एसएसपी के रूप में वैभव कृष्ण ने 8 जनवरी 2019 को नियुक्त किए गए थे, इस दौरान उनके द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा मुख्यमंत्री द्वारा भी की जा चुके है। पिछले साल अगस्त में जब एसएसपी वैभव कृष्ण ने पांच पत्रकारों के खिलाफ अवैध उगाई का मामला दर्ज कर चार पत्रकारों को जेल भेज दिया था। उसी जांच के आधार पर डेढ़ महीने पहले एसएसपी ने शासन को एक पत्र लिखकर कुछ आईपीएस और सफेदपोश के खिलाफ शिकायत की थी। इसके बाद आईपीएस अफसरों के बीच में चल रही शीतयुद्ध की आहट सुनाई देने लगी थी ।
वायरल वीडियो --
एसएसपी का कथित वायरल वीडियो इसकी चरम परिणति थी। जिसके बाद दिल्ली से लेकर लखनऊ तक तहलका मच गया। एसएसपी वैभव कृष्ण ने वायरल वीडियो के संबंध में सेक्टर थाना 20 में खुद एफ आई आर दर्ज कराई थी, पत्रकारों को बुलाकर जानकारी दी थी। पत्रकार वार्ता में शासन को भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट लीक करने का भी उन पर आरोप लगा था। इसके बाद डीजीपी ने अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ जोन को इस संबंध में बिंदुवार जांच करने को और 15 दिवस में जांच की रिपोर्ट देने को कहा था।
शासन की कार्यवाई--
डीजीपी ने आईपीएस अधिकारी अजय पाल शर्मा, सुधीर कुमार सिंह, गणेश शाह, राजीव नारायण मिश्रा और हिमांशु कुमार के साथ, दिवाकर निदेशक मीडिया कार्यालय, मुख्य सचिव गुलशन कुमार, पीसीएस रजनी की शिकायत के आधार पर इस प्रकरण में जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी के अध्यक्ष एच सी अवस्थी, निर्देशक सतर्कता बनाए गए थे। जबकि सदस्य के रूप में पुलिस महानिरीक्षक एसटीएफ अमिताभ यश और और प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश जल निगम विकास गोठवाल को नामित किया गया । समिति को भी 15 दिन के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट देनी थी।
Conclusion:शासन का ऑपरेशन क्लीन ---
अधिकारी आचरण नियमावली के उल्लंघन किए जाने के कारण नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण को सस्पेंड किया गया । उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी लखनऊ के एडीजी एस एम सांवत को दिया गया हैं। वही हिमांशु कुमार को एसपी सुल्तानपुर से हटाकर सेना नायक 28 वीं वाहिनी पीएसी इटावा में भेज दिया गया है। डॉ अजय पाल शर्मा को पुलिस अधीक्षक रामपुर से हटाकर पुलिस अधीक्षक पीटीसी उन्नाव भेजा गया है। गणेश प्रसाद साह को पुलिस अधीक्षक बांदा के पद से हटाकर पुलिस अधीक्षक मानवाधिकार लखनऊ बनाया गया है। राजीव नारायण मिश्रा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ लखनऊ को नई तैनाती सेनानायक 24 वीं वाहिनी पीएसी मुरादाबाद भेजा गया है।
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