नई दिल्ली/नोएडा: औद्योगिक नगरी नोएडा में भारी संख्या में कारखाने और फैक्ट्रियां मौजूद है, लेकिन इनमें काम करने वाले मजदूरों की हालात बद से बदतर है, तमाम दावों के बाद भी श्रम कानून लागू नहीं होने के चलते काम करने वाले मजदूरों को उनका हक नहीं मिलता है, इन्हीं समस्याओं को लेकर पैदल मार्च निकाला गया.
'मज़दूरों की समस्या की अनदेखी'
नोएडा सेक्टर-82 से पैदल मार्च निकालते ये लोग नोएडा में बनें अलग अलग कारखानों और फैक्ट्रियों में काम करते हैं, लेकिन श्रम कानून लागू ना होने के चलते यहां काम करने वाले मजदूरों का हक मारा जा रहा है. जिला प्रशासन और श्रम विभाग की उदासीनता के चलते काम करने वाले लोग परेशान हो रहें. अपनी इन्हीं मांगों को लेकर इन्होंने पैदल मार्च निकाला. इनका कहना है कि सभी विभाग सही से काम करें तो मजदूरों को उनका हक़ मिले लेकिन अधिकारियों के उदासीन रवैये के चलते मजदूर परेशान हैं.
'जिला प्रशासन मौन'
सीटू (CITU) अध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा ने बताया कि सरकार, जिला प्रशासन और नोएडा प्राधिकरण की मज़दूर विरोधी नीतियों के खिलाफ पैदल मार्च किया गया है. श्रम कानून का उल्लंघन हो रहा, मज़दूरों को फ़ैक्टरियों से निकाला जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मज़दूरों की समस्या पर जिला प्रशासन और श्रम विभाग मौन हैं.