नई दिल्ली/नोएडा: सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के सेक्टर 93-A में सुपरटेक बिल्डर के दो 40 मंजला अपार्टमेंट को गिराने का आदेश दिया था. कोर्ट के आदेश के बाद यूपी सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया. आज चार सदस्यीय एसआईटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) ने नोएडा के सेक्टर-6 स्थित नोएडा विकास प्राधिकरण के ऑफिस पहुंच गई है.
प्राधिकरण के ऑफिस में एसआईटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) पहुंचने पर वहां हड़कंप मच गया. यह टीम जिस समय बहुमंजिला अपार्टमेंट बने थे उस वक्त के अधिकारियों के संबंध में जांच करेगी.
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीएम योगी ने संजीव मित्तल की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया और उसे 2004 से 2017 के बीच नोएडा प्राधिकरण में तैनात उन अधिकारियों की सूची बनाने और जांच करने का आदेश दिया है, जिनकी मिलीभगत ट्विन टावर बनाने में रही है.
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नोएडा के सेक्टर 93-A स्थित सुपरटेक ट्विन टावर मामले में बिल्डरों और नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की सांठगांठ खुलकर उजागर हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ तौर पर इसका जिक्र किया है.
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कोर्ट ने साफ किया है कि यह कंस्ट्रक्शन नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों और बिल्डरों की मिलीभगत से ही हो पाया है. कोर्ट ने दोनों टावरों को 3 महीने में गिराने का आदेश दिया है. वहीं कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि निर्माण ढहाने पर होने वाले खर्च की वसूली बिल्डर से की जाएगी.