नई दिल्ली/ग्रे. नोएडा: जेवर में प्रस्तावित नोएडा ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण के विरोध में कुछ किसान जेल में बंद हैं. इनसे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में 31 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की.
मुलाकात के बाद राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को किसानों के साथ जोर-जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए. कोई मसला है तो बातचीत से उसका हल निकाला जाना चाहिए.
एयरपोर्ट की जमीन को लेकर किसानों का विरोध
जेवर में प्रस्तावित एयरपोर्ट के लिए किसानों की जमीन शहरी क्षेत्र के लिए बनाई गई पॉलिसी के तहत अधिग्रहित की गई है. भारतीय किसान यूनियन इसका विरोध कर रही है. इसी विरोध के चलते दो हफ्ते पहले किसानों को जेल भेज दिया गया था. इसके बावजूद किसान यूनियन अपनी मांगों पर अड़ी है और उसके सदस्य जेवर में धरने पर बैठे हैं.
जेल में बंद किसानों से मिले यूनियन नेता
किसानों से मिलकर आए राकेश टिकैत ने कहा कि वे किसानों का हाल जानने आए थे. शीघ्र ही आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार जबरदस्ती करने पर उतारू है. जो किसान अपनी जमीन नहीं देना चाहते हैं, उनके साथ बातचीत करनी चाहिए. इस तरह की कार्रवाई उचित नहीं है.
'सरकार किस पॉलिसी के साथ जमीन लेना चाहती है'
उन्होंने कहा कि सरकार को ये साफ करना चाहिए कि वो किस पॉलिसी के तहत किसानों से जमीन लेना चाहती है. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन नहीं चाहता है तो किसानों को न छोड़े, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. चौधरी चरण सिंह तो 29 महीने जेल में रहे थे. इन्हें तो अभी आधा ही महीना हुआ है.
'20 फीसदी विकसित जमीन मिलनी चाहिए'
एक अन्य किसान नेता ने बताया कि प्रशासन ने उस इलाके को शहरी क्षेत्र मानकर जमीन का अधिग्रहण किया है. इस पॉलिसी के तहत किसानों को 20 फीसदी विकसित जमीन मिलनी चाहिए. अगर ग्रामीण क्षेत्र मानकर जमीन का अधिग्रहण किया जाता है तो किसानों को सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा और 10 फीसदी भूमि दी जाती है. जबकि शहरी पॉलिसी में मुआवजा सर्किल रेट का सिर्फ दो गुना ही होता है. ऐसे में किसानों को 20 फीसदी विकसित जमीन मिलनी ही चाहिए.