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डंपिंग ग्राउंड को ग्रीन बेल्ट बदल कर किया पौधरोपण, पर्यावरण को बचाने की तरफ बढ़ाया कदम - ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी

नोएडा में डंपिंग ग्राउंड बन गई जमीन को लोगों के प्रयास और प्राधिकरण की मदद से ग्रीन बेल्ट में दर्ज करा दिया गया है. आज यहां 40 पौधे लगाए गए. इसके बाद लगभग 250 पौधे और लगाए जाएंगे. ताकि यह ग्रीन बेल्ट तैयार हो जाए.

डंपिंग ग्राउंड बन गई
डंपिंग ग्राउंड बन गई
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Published : Oct 13, 2022, 8:34 PM IST

नई दिल्ली/नोएडाः ग्रेनो वेस्ट में लगातार तीन सालों के अथक प्रयासों के बाद टेक्ज़ोन 4 छोटी मिल्क गांव के पास खाली पड़े डंपिंग ग्राउंड को ग्रीन बेल्ट डेवलप करके पर्यावरण को बचाने का कार्य शुरू किया गया. इस ग्राउंड में आज 40 पौधे लगाए गए. वही और पौधे लगाकर ग्रीन बेस्ट तैयार की जाएगी.

गौतमबुद्ध नगर समिति की अध्यक्ष रश्मि पाण्डेय ने बताया कि तीन सालों के प्रयास के बाद आज ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सहयोग से कुछ पौधे लगाए हैं. पहले यह एरिया एक डंपिंग ग्राउंड में बदल चुका था और आसपास के लोग लगातार इस समस्या से परेशान थे. यहां लगातार घरेलू और कंस्ट्रक्शन साइट का वेस्ट (कूड़ा) फेंका जाता था. गांव का गंदा पानी भी इसी जगह जमा होता था, जिसके कारण दलदल बन गई थी. प्राधिकरण के अधिकारियों से लगातार शिकायत के बाद इस जमीन को ग्रीन बेल्ट में दर्ज कराया गया है.

ग्राउंड में आज 40 पौधे लगाए गए.
ग्राउंड में आज 40 पौधे लगाए गए.
डंपिंग ग्राउंड की जमीन को प्राधिकरण से ग्रीन बेल्ट में कराया दर्जरश्मि ने बताया कि यह जमीन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के नक्शे में खाली पड़ी थी, जिसके कारण यहां गांव के लोग गंदगी फेंकने लगे. गांव के गंदे पानी के जमा हो जाने से यहां दलदल बन गई, जिससे शिक्षण साइडों पर हो रहे कचरे को भी लोग यहीं पर लाकर फेंकने लगे. यह जमीन डंपिंग ग्राउंड में तब्दील हो गई थी. गंदगी के कारण लोगों को परेशानियां होने लगी. जिसके बाद प्राधिकरण के अधिकारियों से लगातार इस मामले में शिकायत की गई. शिकायत के बाद अधिकारियों से इस जमीन को ग्रीन बेल्ट में दर्ज कराने की मांग की गई. अब जाकर प्राधिकरण के अधिकारियों ने इस जमीन को ग्रीन बेल्ट में दर्ज कर दिया है.
डंपिंग ग्राउंड बन गई जमीन.
डंपिंग ग्राउंड बन गई जमीन.
कूड़ा निस्तारण के लिए गांव में आयोजित की गई कार्यशालागौतमबुद्ध नगर विकास समिति के अध्यक्ष रश्मि पांडे ने बताया कि गांव की सीवर लाइन खराब थी. इसके कारण गांव का गंदा पानी इसी जमीन में आकर इकट्ठा होता था. गांव की गंदगी को भी लोग इसी जमीन पर डालते थे. कूड़ा निस्तारण के लिए समिति ने कार्यशाला कर लोगों को जागरूक किया. इसके बाद प्राधिकरण से शिकायत कर सीवर लाइन कराई गई. तब गंदा पानी आना बंद हुआ.

इस मौके पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीनियर मैनेजर कपिल देव , एजीएम नथौली सिंह, एंग्रीकल्चर इंस्पेक्टर मुकेश, गोपाल सिंह, अमित एवं अर्जुन सहित समिति के लोग उपस्थित रहे.

नई दिल्ली/नोएडाः ग्रेनो वेस्ट में लगातार तीन सालों के अथक प्रयासों के बाद टेक्ज़ोन 4 छोटी मिल्क गांव के पास खाली पड़े डंपिंग ग्राउंड को ग्रीन बेल्ट डेवलप करके पर्यावरण को बचाने का कार्य शुरू किया गया. इस ग्राउंड में आज 40 पौधे लगाए गए. वही और पौधे लगाकर ग्रीन बेस्ट तैयार की जाएगी.

गौतमबुद्ध नगर समिति की अध्यक्ष रश्मि पाण्डेय ने बताया कि तीन सालों के प्रयास के बाद आज ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सहयोग से कुछ पौधे लगाए हैं. पहले यह एरिया एक डंपिंग ग्राउंड में बदल चुका था और आसपास के लोग लगातार इस समस्या से परेशान थे. यहां लगातार घरेलू और कंस्ट्रक्शन साइट का वेस्ट (कूड़ा) फेंका जाता था. गांव का गंदा पानी भी इसी जगह जमा होता था, जिसके कारण दलदल बन गई थी. प्राधिकरण के अधिकारियों से लगातार शिकायत के बाद इस जमीन को ग्रीन बेल्ट में दर्ज कराया गया है.

ग्राउंड में आज 40 पौधे लगाए गए.
ग्राउंड में आज 40 पौधे लगाए गए.
डंपिंग ग्राउंड की जमीन को प्राधिकरण से ग्रीन बेल्ट में कराया दर्जरश्मि ने बताया कि यह जमीन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के नक्शे में खाली पड़ी थी, जिसके कारण यहां गांव के लोग गंदगी फेंकने लगे. गांव के गंदे पानी के जमा हो जाने से यहां दलदल बन गई, जिससे शिक्षण साइडों पर हो रहे कचरे को भी लोग यहीं पर लाकर फेंकने लगे. यह जमीन डंपिंग ग्राउंड में तब्दील हो गई थी. गंदगी के कारण लोगों को परेशानियां होने लगी. जिसके बाद प्राधिकरण के अधिकारियों से लगातार इस मामले में शिकायत की गई. शिकायत के बाद अधिकारियों से इस जमीन को ग्रीन बेल्ट में दर्ज कराने की मांग की गई. अब जाकर प्राधिकरण के अधिकारियों ने इस जमीन को ग्रीन बेल्ट में दर्ज कर दिया है.
डंपिंग ग्राउंड बन गई जमीन.
डंपिंग ग्राउंड बन गई जमीन.
कूड़ा निस्तारण के लिए गांव में आयोजित की गई कार्यशालागौतमबुद्ध नगर विकास समिति के अध्यक्ष रश्मि पांडे ने बताया कि गांव की सीवर लाइन खराब थी. इसके कारण गांव का गंदा पानी इसी जमीन में आकर इकट्ठा होता था. गांव की गंदगी को भी लोग इसी जमीन पर डालते थे. कूड़ा निस्तारण के लिए समिति ने कार्यशाला कर लोगों को जागरूक किया. इसके बाद प्राधिकरण से शिकायत कर सीवर लाइन कराई गई. तब गंदा पानी आना बंद हुआ.

इस मौके पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीनियर मैनेजर कपिल देव , एजीएम नथौली सिंह, एंग्रीकल्चर इंस्पेक्टर मुकेश, गोपाल सिंह, अमित एवं अर्जुन सहित समिति के लोग उपस्थित रहे.

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