नई दिल्ली/नोएडा: भ्रष्टाचार से निर्मित 32 और 29 मंजिला ट्विन टावर जहां 181 दिन में एडिफिस कंपनी द्वारा ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया को पूरा करके महज कुछ सेकेंड के अंदर ध्वस्त कर दिया गया. वहीं, ध्वस्तीकरण के दौरान दो पड़ोस की सोसाइटी एटीएस और सुपरटेक एमराल्ड में कुछ जगह पर क्षति हुई है. जिसमें ज्यादातर फ्लैटों के शीशे टूटे हैं. वहीं, एटीएस विला की दीवार ध्वस्त हुई है. दोनों ही सोसाइटी के करीब सात से आठ हजार लोग जहां अन्य जगहों पर चले गए थे रविवार को वो अब सोमवार को धीरे-धीरे आना शुरू हो गए हैं. एडिफिस कंपनी और प्राधिकरण का मानना है कि ध्वस्तीकरण शत-प्रतिशत सफल रहा. जो नुकसान हुए हैं उन्हें एडिफिस कंपनी द्वारा बनवाए जाने की बात कही जा रही है.
ट्विन टावर के पड़ोस की दो सोसायटी सुपरटेक एमराल्ड और एटीएस विला Supertech Emerald And ATS Villa के लोग रविवार की सुबह 7:00 बजे पूरी तरीके से अपने-अपने फ्लैटों को खाली कर दिए थे. जिसमें सात से आठ हजार लोग रह रहे थे, वहीं अब लोग सोमवार को धीरे-धीरे अपने घरों में आना शुरू हुए हैं. साफ-सफाई कर रहे हैं. नोएडा प्राधिकरण और फायर ब्रिगेड की तरफ से पानी की बौछारें मारकर सफाई का काम तेजी से किया जा रहा है. ट्विन टावर के पास अभी भी वातावरण में धूल देखी जा रही है, जिसे कम करने के लिए वाटर ड्रैगन का प्रयोग किया जा रहा है. साथ ही पेड़ों पर जमी धूल को भी पानी की बौछारों से सही किया जा रहा है.
एडिफिस कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता का कहना है कि वाइब्रेशन की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है, उसे स्पष्ट होने के लिए अभी कम से कम 10 दिन का समय लगेगा, क्योंकि मलबे के अंदर वाइब्रेशन की स्थिति को नापने के लिए जिस मशीन को लगाया था. वह अभी नीचे दबी हुई हुई है, जिसे चेन्नई जांच के लिए भेजा जाएगा. मशीन को निकालने में अभी 2 से 3 दिन का समय लग सकता है. सप्ताह भर बाद वाइब्रेशन की स्थिति स्पष्ट करेंगे. ट्विन टावर ध्वस्त होने के बाद मलवा करीब 50 से 55, हजार टन जमा हुआ है. उसको पूरी तरीके से हटाने में लगभग 3 महीने का वक्त लग सकता है. तीन महीने बाद पूरी तरीके से ट्विन टावर की जमीन साफ हो जाएगी.
युद्ध स्तर पर चल रहा सफाई का काम
नोएडा के सेक्टर 93a स्थित ट्विन टावर के पड़ोस की सोसाइटी सुपरटेक एमरॉल्ड और एटीएस विला में करीब 60 से 70 प्रतिशत लोगों का आना शुरू हो गया है. साथ ही फायर बिग्रेड और नोएडा प्राधिकरण की टीम पानी की बौछार से सड़क से लेकर सोसायटी तक धूल मिट्टी को हटा रही है. एक दर्जन से अधिक एयर ड्रैगन लगाकर धूल को खत्म किया जा रहा है. ट्विन टावर के ध्वस्त होने के दौरान एटीएस विला और एमराल्ड सोसाइटी के अंदर काफी मलवा आ गया है, जिसे उम्मीद जताई जा रही है कि सप्ताह भर के अंदर हटा लिया जाएगा. वहीं, दोनों सोसाइटी की काफी खिड़कियां टूट गई है और एटीएस सोसाइटी की दीवार भी क्षतिग्रस्त हुई है.
ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण के दौरान आईजीएल की सोसाइटी के अंदर आई पाइपलाइन को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था, जो ध्वस्तीकरण के बाद से लेकर अभी तक बंद चल रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि सीबीआरआई और आईजीएल की टीम द्वारा पाइप लाइन का निरीक्षण करने के बाद गैस की सप्लाई शुरू की जाएगी, जिसे पूरा करने में करीब 1 से 2 दिन लग सकता है. वहीं, सोसाइटी में रहने वाले लोगों के आने का सिलसिला दोपहर बाद से तेजी से शुरू हुआ है और शाम होने के साथ ही काफी संख्या में लोग सोसायटी में आ गए हैं. आरडब्ल्यूए अध्यक्ष का कहना है कि पूरी सोसाइटी के ऊपर इतने बड़े ध्वस्तीकरण के बावजूद कोई असर नहीं पहुंचा है, बहुत बड़ी बात है और सब कुछ सुरक्षित है.
गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरी के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह का कहना है कि भारत में पहली बार इतनी बड़ी इमारत के ध्वस्त करने के दौरान किसी प्रकार की कोई जनहानि नहीं हुई और सब कुछ सकुशल संपन्न हुआ. यह बहुत बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि हम लोगों के द्वारा सभी सोसाइटी को चेक कर लिया गया है, सब कुछ सुरक्षित है. आम जनता और पुलिस का सहयोग काफी बेहतर रहा. इसके चलते किसी प्रकार की कोई कानून व्यवस्था बिगड़ने जैसी स्थिति उत्पन्न नहीं हुई.
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