नई दिल्ली/नोएडा : नोएडा में देश- विदेश के तमाम लोग रहते हैं, जो किसी न किसी समस्या से ग्रसित हैं, जिसका निदान न तो नोएडा प्राधिकरण कर पा रहा है, न पुलिस विभाग और न ही जिला प्रशासन. इसके चलते लोगों की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसा ही कुछ हाल नोएडा के सेक्टर 12 का है, जो नोएडा का सबसे बड़ा सेक्टर कहा जाता है, जहां 26 ब्लॉक हैं. ईटीवी भारत की टीम ने जब वहां रहने वाले लोगों से बात की तो लोगों ने अपनी समस्याओं का अंबार खड़ा कर दिया, जिसमें सबसे ज्यादा शिकायत कानून व्यवस्था खराब होने को लेकर थी. वहीं दूसरे नंबर पर लोगों को शिकायत है कि सेक्टर की समस्याओं को आज तक कोई जनप्रतिनिधि सुनने नहीं आया. सिर्फ चुनाव के समय वोट लेने जनप्रतिनिधि आए और उसके बाद समस्या सुनने कोई नहीं आया. सड़क से लेकर पानी तक और पार्किंग से लेकर पार्क और बिजली की समस्या से लोगों को प्रतिदिन दो चार होना पड़ता है.
नोएडा के सेक्टर 12 में रहने वाले पुनीत शुक्ला ने सेक्टर की समस्याओं के संबंध में बताया कि ज्यादातर सेक्टर के ब्लॉक में बनी सड़कें टूट गई हैं, जिसकी शिकायत कई बार प्राधिकरण से की गई है, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई. वहीं यहा पानी की काफी समस्या है. घरों में आने वाला पानी, पीना तो दूर कपड़े धोने के लायक भी नहीं है. वहीं कानून व्यवस्था की स्थिति यह है कि शाम होने के बाद असामाजिक तत्वों का पार्कों में कब्जा हो जाता है. सेक्टर के अंदर व्यवस्थित पार्किंग नहीं है, जिसके चलते लोग अवैध रूप से घर के बाहर ही गाड़ियों की पार्किंग करते हैं. इस समस्याओं का खामियाजा सेक्टर वासियों को झेलना पड़ता है.
सेक्टर 12 की रहने वाली मधुबाला का कहना है कि जरा सी हवा चली नहीं कि बिजली गुल हो जाती है और खंभों पर लगे तार जर्जर हो चुके हैं. घरों में आने वाला पानी इस कदर गंदा है कि नहाने और कपड़े धोने में भी प्रयोग नहीं किया जा सकता है. वाटर कूलर और फिल्टर में गंदगी जम जाती है, जिससे वे खराब हो जाते हैं, जहां से पानी की सप्लाई हो रही है वहां पर फिल्टर लगाए जाने की जरूरत है. सेक्टर के अंदर जानवरों का आतंक है. बाहर निकलने पर या तो कुत्ते काट लेते हैं या फिर अन्य बड़े जानवर लोगों के ऊपर हमला करते हैं, जिसे दूर करने की जरूरत है. वहीं उन्होंने कहा कि पूरे सेक्टर के बीच में अगर कुछ जगहों पर पेड पार्किंग बन जाए तो सेक्टर 12 में पार्किंग की समस्या से निजात मिल जाएगी.
सेक्टर 12 के रहने वाले देवी दत्त बलोदी का कहना है कि सेक्टर 12 की सबसे बड़ी समस्या यह है कि हर ब्लॉक और हर गली में रहने वाले लोग खुद को राजनीतिज्ञ समझते हैं, लेकिन समस्याओं को दूर करने वाला कोई नहीं है. पूरे सेक्टर में सबसे बड़ी कमी लोगों के बीच मेलजोल की है, जिसके चलते समस्याएं बढ़ जाती हैं और उसे दूर करने के लिए लोग आगे नहीं आते. रेहड़ी पटरी वालों से लेकर वाहनों की ध्वनि प्रदूषण है, लेकिन इस पर भी कोई ध्यान नहीं देता है. पूरे सेक्टर में किसी के भी आने और जाने पर कोई रोक-टोक नहीं है. जिसके चलते घटनाएं आसानी से होती है. प्रशासन से शिकायत करने के बावजूद भी कभी कोई निस्तारण नहीं हुआ और न ही हमारे जनप्रतिनिधि हमारे बीच समस्याएं सुनने आते हैं.
वहीं सेक्टर 12 के रहने वाले शिव शंकर गुप्ता का कहना है कि प्राधिकरण से कई बार इन चीजों की मांग की गई और लिखित में शिकायत दी गई है, लेकिन प्राधिकरण एक कान से सुनता है और दूसरे कान से निकाल देता है. सेक्टर 12 के ही प्रियदर्शनी पार्क में जल संरक्षण केंद्र बनने वाला था, लेकिन आज तक नहीं बना. जगह निर्धारित हुई, लेकिन बनाने कोई नहीं आया. पूरे सेक्टर के अंदर 45 छोटे बड़े पार्क हैं उनकी देखरेख करने के लिए मात्र 3 कर्मचारी रखे गए हैं, जो किसी भी पार्क में कभी भी देखरेख करने नहीं जाते हैं. पार्क से लेकर अन्य तमाम चीजें बिगड़ी हुई हैं. लेकिन इस तरफ किसी का भी ध्यान नहीं है. हम लोग शिकायत करके थक जाते हैं, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है.
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नोएडा सेक्टर 12 में रहने वाले लोगों का यह भी कहना है कि सेक्टर की समस्याएं इसके अतिरिक्त और बहुत सी है, लेकिन इसे किसी के भी द्वारा नहीं सुना जाता है. अधिकारी शिकायत सुनने के बावजूद इसे नजरअंदाज कर देते हैं. सेक्टर 12 के प्रियदर्शनी पार्क का उद्घाटन 1988 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी द्वारा किया गया था. पार्क में तबसे लेकर कोई ऐसा विकास नहीं हुआ, जिससे कहा जाए कि पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा इस पार्क का उद्घाटन किया गया है. पेड़ों की छटाई से लेकर रोड की सफाई तक भगवान भरोसे ही सब चल रहा है.
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