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क्या नोएडा के दो थानों में लागू है अलग-अलग कानून, जानें क्या है पूरा मामला - नोएडा में डकैती की वारदात

पुलिस अक्सर गुड वर्क करने के चक्कर में कानून का पालन करना भूल जाती है. जिसका एहसास तब होता है, जब न्यायालय में या फिर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बात सामने आती है.

two police stations of Noida
नोएडा के दो थानों में लागू है अलग-अलग कानून
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Published : Sep 5, 2021, 9:36 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा : दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर-56 में एक घर में बच्चों को बंधक बनाकर बदमाशों ने डकैती की वारदात को अंजाम दिया गया. इस मामले में नोएडा पुलिस ने 4 आरोपी को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि अभी दो बदमाश फरार है. यहां पुलिस ने आरोपियों के चेहरा ढक कर कानूनी प्रक्रिया पूरी की गई. वहीं दूसरी तरफ, थाना फेस-2 में डकैती के मामले में पुलिस ने अपराधियों के चेहरा ढके बिना प्रेस कॉन्फ्रेंस की. बिना चेहरा ढके आरोपियों का वीडियो बनाया गया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

नोएडा में अपराध

इसको लेकर कानूनी जानकारों का कहना है कि डकैती जैसे मामले में आरोपी का चेहरा शिनाख्त परेड के बाद ही दिखाई जाती है, वह भी जेल में ही दिखाई जाती है. उससे पूर्व उसका फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर या अन्य किसी जगह पर प्रदर्शित नहीं किया जाता है.

गौतमबुद्ध नगर कोर्ट के सरकारी अधिवक्ता जय प्रकाश भाटी ने बताया कि पुलिस डकैती के आरोपियों की तस्वीरें जेल में बिना शिनाख्त परेड हुए, उससे पहले कहीं भी सार्वजनिक नहीं कर सकती. अगर पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर रही है तो आरोपियों के चेहरे ढकने जरूरी होते हैं, लेकिन अगर किसी थाना प्रभारी ने ऐसा किया है तो उसने न्यायिक प्रक्रिया के साथ-साथ मानव अधिकारों का हनन किया है.

ये भी पढ़ें : नरेला इंडस्ट्रियल एरिया में दुकानदार के साथ लूट, विरोध करने पर मारी गोली

नई दिल्ली/नोएडा : दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर-56 में एक घर में बच्चों को बंधक बनाकर बदमाशों ने डकैती की वारदात को अंजाम दिया गया. इस मामले में नोएडा पुलिस ने 4 आरोपी को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि अभी दो बदमाश फरार है. यहां पुलिस ने आरोपियों के चेहरा ढक कर कानूनी प्रक्रिया पूरी की गई. वहीं दूसरी तरफ, थाना फेस-2 में डकैती के मामले में पुलिस ने अपराधियों के चेहरा ढके बिना प्रेस कॉन्फ्रेंस की. बिना चेहरा ढके आरोपियों का वीडियो बनाया गया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

नोएडा में अपराध

इसको लेकर कानूनी जानकारों का कहना है कि डकैती जैसे मामले में आरोपी का चेहरा शिनाख्त परेड के बाद ही दिखाई जाती है, वह भी जेल में ही दिखाई जाती है. उससे पूर्व उसका फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर या अन्य किसी जगह पर प्रदर्शित नहीं किया जाता है.

गौतमबुद्ध नगर कोर्ट के सरकारी अधिवक्ता जय प्रकाश भाटी ने बताया कि पुलिस डकैती के आरोपियों की तस्वीरें जेल में बिना शिनाख्त परेड हुए, उससे पहले कहीं भी सार्वजनिक नहीं कर सकती. अगर पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर रही है तो आरोपियों के चेहरे ढकने जरूरी होते हैं, लेकिन अगर किसी थाना प्रभारी ने ऐसा किया है तो उसने न्यायिक प्रक्रिया के साथ-साथ मानव अधिकारों का हनन किया है.

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