नई दिल्ली/नोएडा : कोरोना काल में हर दिन मानवीय संवेदनाओं की नई परिभाषाएं लिखी जा रही हैं. कोरोना मरीजों के शवों को कहीं कंधा नसीब नहीं हो रहा तो कहीं श्मशान तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस नहीं है.
कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह देखा गया है कि खुद परिवार के लोग भी अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने से कतरा रहे हैं. ऐसे में एनसीआर के कई इलाकों से पुलिस का मानवीय चेहरा देखने को मिल रहा है.
हाल में नोएडा पुलिस का मानवीय चेहरा जब सामने आया जब सेक्टर 19 निवासी एक 52 वर्षीय कोविड-19 संक्रमित मरीज की मौत होने पर पुलिस ने उसकी आखिरी यात्रा में कंधा देने के साथ मृतक की नाबालिक बच्ची और पत्नी के साथ सेक्टर-94 स्थित श्मशान घाट पर दाह संस्कार करवाया.
मिली जानकारी के मुताबिक मृतक सेक्टर 19 में पश्चिम बंगाल के रहने वाले 52 वर्षीय अपने परिवार के साथ रहते थे जहां उनकी एक 14 साल की नाबालिक बच्ची और पत्नी साथ में रहते थे.
मौत के बाद सभी ने पीछे हटा लिए कदम
कोरोना से मौत होने के बाद अंतिम संस्कार के लिए परिवार वालों के अलावा कोई पड़ोसी भी आगे नहीं आया जिसकी सूचना पुलिस को दी गई. पुलिस ने मौके पर पहुंच कर अंतिम संस्कार की सभी प्रक्रिया को संपन्न करवाया.
पुलिस ने पेश की मानवीयता की मिसाल
इस संबंध में नोएडा डीसीपी राजेश यश कहते हैं कि पुलिस हमेशा आम जनता की सेवा के लिए तत्पर रहती है. इस महामारी में जहां भी पुलिस की मदद की जरूरत पड़ रही है वहां हम सेवा देने के लिए तैयार हैं.
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उन्होंने कहा कि हमारी टीम ने आज जो मानवीय कदम उठाया है उसकी हम सराहना करते हैं और आने वाले समय में ऐसे सराहनीय कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत भी किया जाएगा.