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नोएडा CMO का आदेश, बगैर कोरोना जांच रिपोर्ट के भर्ती होंगे मरीज - गर्भवती महिला की मौत

नोएडा के सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी ने आदेश दिया है कि बगैर कोरोना जांच रिपोर्ट के मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया जाए. बता दें कि इलाज से पहले मरीज से कोरोना जांच रिपोर्ट मांगने के कारण कई मरीजों की मौत की ख़बरें भी सामने आई है.

patients will be admitted without corona test report
'बगैर कोरोना जांच रिपोर्ट के भर्ती होंगे मरीज'
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Published : Jun 12, 2020, 4:43 AM IST

नई दिल्ली/नोएडा: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच इलाज न मिलने की वजह से कई मरीजों की मौत की ख़बर सामने आने के बाद अब नोएडा के सीएमओ ने एक आदेश जारी किया है. जिसके तहत अब बगैर कोरोना जांच रिपोर्ट के ही मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया जा सकेगा.

'बगैर कोरोना जांच रिपोर्ट के भर्ती होंगे मरीज'

बता दें कि फिलहाल अस्पतालों की ओर से मरीजों से कोरोना जांच रिपोर्ट मांगने की ख़बरें सामने आ रही है. जिसके कारण गंभीर बीमारी से जूझ रहे कई मरीजों की मौत हो गई. खासकर गर्भवती महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. ऐसे में नोएडा के सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी ने कहा है कि इमरजेंसी की हालत में हम लोगों ने सभी अस्पतालों को निर्देशित किया है कि मरीज कोई भी हो, कहीं का भी हो. पहले मानवता है, मरीज को एडमिट कर इलाज कीजिए। इलाज से कोई मना नहीं कर सकता.


गौरतलब है कि खोड़ा की 30 साल गर्भवती महिला की मौत अस्पताल में भर्ती नहीं किए जाने से हो गई. उसके बाद से सरकारी और निजी अस्पतालों पर मरीज़ो के साथ किए जा रहे व्यवहारों पर प्रश्न चिन्ह लगाए जा रहे हैं. वही अस्पतालों का कहना है वे स्वास्थ्य विभाग के गाइडलाइन के मुताबिक किसी भी मरीज को भर्ती करने से पहले कोरोना जांच रिपोर्ट जरूरी है.

नई दिल्ली/नोएडा: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच इलाज न मिलने की वजह से कई मरीजों की मौत की ख़बर सामने आने के बाद अब नोएडा के सीएमओ ने एक आदेश जारी किया है. जिसके तहत अब बगैर कोरोना जांच रिपोर्ट के ही मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया जा सकेगा.

'बगैर कोरोना जांच रिपोर्ट के भर्ती होंगे मरीज'

बता दें कि फिलहाल अस्पतालों की ओर से मरीजों से कोरोना जांच रिपोर्ट मांगने की ख़बरें सामने आ रही है. जिसके कारण गंभीर बीमारी से जूझ रहे कई मरीजों की मौत हो गई. खासकर गर्भवती महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. ऐसे में नोएडा के सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी ने कहा है कि इमरजेंसी की हालत में हम लोगों ने सभी अस्पतालों को निर्देशित किया है कि मरीज कोई भी हो, कहीं का भी हो. पहले मानवता है, मरीज को एडमिट कर इलाज कीजिए। इलाज से कोई मना नहीं कर सकता.


गौरतलब है कि खोड़ा की 30 साल गर्भवती महिला की मौत अस्पताल में भर्ती नहीं किए जाने से हो गई. उसके बाद से सरकारी और निजी अस्पतालों पर मरीज़ो के साथ किए जा रहे व्यवहारों पर प्रश्न चिन्ह लगाए जा रहे हैं. वही अस्पतालों का कहना है वे स्वास्थ्य विभाग के गाइडलाइन के मुताबिक किसी भी मरीज को भर्ती करने से पहले कोरोना जांच रिपोर्ट जरूरी है.

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