नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में बनीं हाईराइज सोसायटियों से रोजाना निकल रहा लाखों लीटर अपशिष्ट जल को जहरीला बना रहा है. नोएडा प्राधिकरण के सर्वे में बिल्डरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. प्राधिकरण की टीम ने 33 आवासीय सोसायटियों का निरीक्षण किया, जिसमें 5 सोसाइटी में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट मिले ही नहीं, जबकि 10 सोसायटी निर्धारित मानकों पर खरी नहीं उतरीं. जल संरक्षण अधिनियम-1976 के तहत कार्रवाई होगी. एक रिपोर्ट एनजीटी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजी जा रही और साथ ही प्राधिकरण भी जुर्माने की कार्रवाई की तैयारी में जुट गया है.
यहां नहीं मिले STP
वहीं सेक्टर 76 स्काईटेक मेट्रॉट, आम्रपाली सिलिकॉन, सेक्टर 78 ऐसोटेक विंडसर कोर्ट, सिक्का कार्मिक और आदित्य अर्बन कासा सोसाइटी में एसटीपी का निर्माण ही नहीं किया गया. सुपरटेक केपटाउन, अंतरिक्ष गोल्फ व्यू 2, सनशाइन हाइट, ऐम्स मैक्स गार्डेनिया डेवलपर्स, जीएच-08 सेक्टर 75, मैक्स विला सेक्टर 75, पारस टियेरा सेक्टर 137, ब्लॉसम काउंटी एवं अजनारा होम सेक्टर 137 के अलावा अंतरिक्ष फॉरेस्ट सोसाइटी में निर्धारित मानकों का पालन नहीं मिला.
जल संरक्षण अधिनियम-1976 के तहत कार्रवाई
OSD अवनीश त्रिपाठी ने बताया कि एनजीटी के सख्त नियमों के अनुपालन में जल प्रदूषण रोकने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने टीमों का गठन किया और अलग-अलग 33 हाईराइज सोसायटियों का निरीक्षण किया.
इस दौरान स्थिति की जांच की गई और सोसाइटी में निकलने वाले अपशिष्ट जल के निस्तारण की व्यवस्था को परखा गया. फिलहाल इन सभी सोसाइटी ऊपर दंडात्मक कार्रवाई की तैयारी में प्राधिकरण जुट गया है. वहीं जल संरक्षण अधिनियम-1976 के तहत कार्रवाई होगी.