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गौतमबुद्ध नगर में सैकड़ों फैक्ट्रियां हुई बंद, हजारों उद्योग बंद होने की कगार पर

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Published : Sep 4, 2020, 2:28 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 5:36 PM IST

कोरोना काल के दौरान गौतमबुद्ध नगर जिले में 20 हजार MSME उद्योग खतरे में हैं. अनलॉक में फैक्ट्रियां खुली तो हैं, लेकिन मजदूर और प्रोडक्शन दोनों नहीं हैं. उद्यमियों ने सरकार से कुछ रियायत देने की मांग की है.

noida msme factories
एमएसएमई इंडस्ट्रीज नोएडा

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी नोएडा में आर्थिक हालात बेहद खराब हैं. कोरोना काल के दौरान गौतमबुद्ध नगर जिले में 20 हजार MSME उद्योगों पर काले बादल मंडरा रहे हैं. उद्यमियों का कहना है कि पिछले 4 महीने फैक्ट्री बंद रही और अब अनलॉक में फैक्ट्रियां खुली तो हैं, लेकिन मजदूर और प्रोडक्शन दोनों नहीं हैं.

गौतमबुद्ध नगर में सैकड़ों फैक्ट्रियां हुई बंद

उद्यमियों का कहना है कि हालात यही रहे तो आने वाले वक्त में हजारों फैक्ट्रियों पर ताले लटके दिखाई देंगे. एमएसएमई अध्यक्ष सुरेंद्र नाहटा ने जानकारी देते हुए बताया-

फैक्ट्रियां तो खुली, लेकिन हालात अभी भी वैसे ही हैं. फैक्ट्री में मजदूर नहीं हैं और काम भी चौपट हो गया है. ऐसे में जो मजदूर हैं उनकी तनख्वाह निकालने में भी परेशानी हो रही है. नोएडा में छोटी और बड़ी फैक्ट्री मिलाकर तकरीबन 20 हजार उद्योग संचालित हैं, जिनमें से सैकड़ों फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं और हजारों बंद होने की कगार पर पहुंच गई हैं.

एमएसएमई अध्यक्ष ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि बिजली मीटर के फिक्स्ड चार्जेस को सरकार पूरी तरह से माफ कर दे. साथ ही अन्य रियायतों की मांग की है. उन्होंने कहा कि हालात पर अगर ध्यान नहीं दिया गया तो स्थिति भयावह होगी.

सेक्टर-5 के उद्योगपति सीपी शर्मा ने बताया कि वो अपनी कंपनी यहां से शिफ्ट कर रहे हैं, क्योंकि कोरोना में उद्योग पूरी तरीके से चौपट हो गया है. दूसरी तरफ बिजली विभाग और नोएडा प्राधिकरण के तमाम चार्जेस के बोझ तले आगे काम कर पाना बहुत मुश्किल है. ऐसे में उन्होंने अपनी फैक्ट्री के बाहर सेल का बोर्ड भी लगा दिया है और शिफ्ट करने की तैयारियां में जुट गए हैं.

'सरकार से आस'

बता दें कि जिले में 20 हजार से ज्यादा एमएसएमई इंडस्ट्रीज हैं, जिनमें तकरीबन 7-8 लाख मजदूर काम करते हैं. कोरोना काल के दौरान इन मालिकों और मजदूरों का भविष्य क्या होगा, ये सरकार की मदद और राहत पर निर्भर करेगा.

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी नोएडा में आर्थिक हालात बेहद खराब हैं. कोरोना काल के दौरान गौतमबुद्ध नगर जिले में 20 हजार MSME उद्योगों पर काले बादल मंडरा रहे हैं. उद्यमियों का कहना है कि पिछले 4 महीने फैक्ट्री बंद रही और अब अनलॉक में फैक्ट्रियां खुली तो हैं, लेकिन मजदूर और प्रोडक्शन दोनों नहीं हैं.

गौतमबुद्ध नगर में सैकड़ों फैक्ट्रियां हुई बंद

उद्यमियों का कहना है कि हालात यही रहे तो आने वाले वक्त में हजारों फैक्ट्रियों पर ताले लटके दिखाई देंगे. एमएसएमई अध्यक्ष सुरेंद्र नाहटा ने जानकारी देते हुए बताया-

फैक्ट्रियां तो खुली, लेकिन हालात अभी भी वैसे ही हैं. फैक्ट्री में मजदूर नहीं हैं और काम भी चौपट हो गया है. ऐसे में जो मजदूर हैं उनकी तनख्वाह निकालने में भी परेशानी हो रही है. नोएडा में छोटी और बड़ी फैक्ट्री मिलाकर तकरीबन 20 हजार उद्योग संचालित हैं, जिनमें से सैकड़ों फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं और हजारों बंद होने की कगार पर पहुंच गई हैं.

एमएसएमई अध्यक्ष ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि बिजली मीटर के फिक्स्ड चार्जेस को सरकार पूरी तरह से माफ कर दे. साथ ही अन्य रियायतों की मांग की है. उन्होंने कहा कि हालात पर अगर ध्यान नहीं दिया गया तो स्थिति भयावह होगी.

सेक्टर-5 के उद्योगपति सीपी शर्मा ने बताया कि वो अपनी कंपनी यहां से शिफ्ट कर रहे हैं, क्योंकि कोरोना में उद्योग पूरी तरीके से चौपट हो गया है. दूसरी तरफ बिजली विभाग और नोएडा प्राधिकरण के तमाम चार्जेस के बोझ तले आगे काम कर पाना बहुत मुश्किल है. ऐसे में उन्होंने अपनी फैक्ट्री के बाहर सेल का बोर्ड भी लगा दिया है और शिफ्ट करने की तैयारियां में जुट गए हैं.

'सरकार से आस'

बता दें कि जिले में 20 हजार से ज्यादा एमएसएमई इंडस्ट्रीज हैं, जिनमें तकरीबन 7-8 लाख मजदूर काम करते हैं. कोरोना काल के दौरान इन मालिकों और मजदूरों का भविष्य क्या होगा, ये सरकार की मदद और राहत पर निर्भर करेगा.

Last Updated : Sep 4, 2020, 5:36 PM IST
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