नई दिल्ली/ग्रे.नोएडा: कोरोना काल के दौरान यमुना प्राधिकरण ने औद्योगिक क्षेत्र को डिवेलप करने के उद्देश्य से और ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजन के लिए करीब 900 इंडस्ट्रियल प्लॉटों का आवंटन किया था. लेकिन यमुना अथॉरिटी के सीईओ के मुताबिक कोरोना काल में लेबर की कमी और जिन सेक्टरों में या प्लाट आवंटित किए गए, वहां पर ज्यादा सुविधाएं न होने के कारण इंडस्ट्रियल प्लॉट में इकाइयों की शुरूआत नहीं हो सकी है.
ये भी पढ़ें:- मथुरा एक्सप्रेसवे हादसे पर संज्ञान, CEO यमुना ने दर्ज कराई FIR
हालांकि उन्होंने बताया कि प्लॉट आवंटन के 5 साल बाद तक निर्माण कार्य करने की छूट होती है. लेकिन यमुना प्राधिकरण औद्योगिक क्षेत्र को विकसित करने को लेकर सभी 910 आवंटियों से बातचीत करें, ताकि जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू हो सके और रोजगार सृजित हो. वोवो, पतंजलि, फार्च्यून 500 सहित कई बड़ी कंपनियों से बातचीत लगातार संपर्क में यमुना प्राधिकरण है.
ये भी पढ़ें:- ग्रेटर नोएडा: दिवाली पर किसानों को तोहफा, बढ़ाया जाएगा मुआवजा दर
'फेज़ वाइज़ औद्योगिकरण'
यमुना प्राधिकरण के आलाधिकारियों के मुताबिक औद्योगिक इकाइयों के विकसित होने के साथ-साथ रोजगार, आसपास के गांव का विकास सहित आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयों को विकसित करने के लिए फेज़ वाइज़ रणनीति बनाई गई है, पहले फेज़ में 50 उद्योगों को विकसित किया जाएगा.