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नोएडा का वह शिव मंदिर जहां रावण किया करता था पूजा

कहा जाता है कि ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव स्थित शिव मंदिर में रावण पूजा करता था. बिसरख गांव जिसका नाम रावण के पिता के नाम पर पड़ा है. रावण के पिता का नाम विश्वश्रवा था, जो बाद में परिवर्तित होकर गांव का नाम बिसरख पड़ा.

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शिव मंदिर जहां रावण किया करता था पूजा
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Published : Jul 14, 2022, 11:11 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा : सावन का महीना आज से शुरू हो गया है. सावन का महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय है. इसलिए भक्त इस महीने में भगवान शिव की आराधना करते हैं. आज हम ग्रेटर नोएडा स्थित शिव मंदिर की बात करेंगे. कहा जाता है कि ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव स्थित शिव मंदिर में रावण पूजा करता था. बिसरख गांव जिसका नाम रावण के पिता के नाम पर पड़ा है. रावण के पिता का नाम विश्वश्रवा था, जो बाद में परिवर्तित होकर गांव का नाम बिसरख पड़ा. गांव में स्थापित शिव मंदिर में रावण पूजा करते थे. अब हजारों की संख्या में श्रवण मास में कावड़िए जलाभिषेक करने आते हैं.

बिसरख शिव मंदिर में पूजा करने के बाद रावण गुफा मार्ग से गाजियाबाद के दुग्देश्वर मंदिर में पूजा करने प्रतिदिन जाया करता था. जिस शिव लिंग की पूजा रावण किया करते थे, आज उसी शिवलिंग की पूजा और जलाभिषेक करने अन्य शहरों के लोग आते हैं. जिससे यहां मेला जैसा माहौल बन जाता है. श्रवण मास के पहले दिन भी काफी श्रद्धालु शिव मंदिर में दर्शन करने आए थे.

शिव मंदिर जहां रावण किया करता था पूजा
मंदिर के महंत रामदास ने बताया कि इस ऐतिहासिक और पौराणिक मंदिर की काफी मान्यताएं हैं. अब तक यही माना जाता है कि जिस किसी के भी द्वारा जो मन से लेकर यहां पूजा अर्चना की जाती है वह हमेशा पूर्ण होती है. उन्होंने यह भी बताया कि शिवलिंग से किसी प्रकार की कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है, जैसा पूर्व में था वैसे ही आज भी स्थापित है.

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नई दिल्ली/नोएडा : सावन का महीना आज से शुरू हो गया है. सावन का महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय है. इसलिए भक्त इस महीने में भगवान शिव की आराधना करते हैं. आज हम ग्रेटर नोएडा स्थित शिव मंदिर की बात करेंगे. कहा जाता है कि ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव स्थित शिव मंदिर में रावण पूजा करता था. बिसरख गांव जिसका नाम रावण के पिता के नाम पर पड़ा है. रावण के पिता का नाम विश्वश्रवा था, जो बाद में परिवर्तित होकर गांव का नाम बिसरख पड़ा. गांव में स्थापित शिव मंदिर में रावण पूजा करते थे. अब हजारों की संख्या में श्रवण मास में कावड़िए जलाभिषेक करने आते हैं.

बिसरख शिव मंदिर में पूजा करने के बाद रावण गुफा मार्ग से गाजियाबाद के दुग्देश्वर मंदिर में पूजा करने प्रतिदिन जाया करता था. जिस शिव लिंग की पूजा रावण किया करते थे, आज उसी शिवलिंग की पूजा और जलाभिषेक करने अन्य शहरों के लोग आते हैं. जिससे यहां मेला जैसा माहौल बन जाता है. श्रवण मास के पहले दिन भी काफी श्रद्धालु शिव मंदिर में दर्शन करने आए थे.

शिव मंदिर जहां रावण किया करता था पूजा
मंदिर के महंत रामदास ने बताया कि इस ऐतिहासिक और पौराणिक मंदिर की काफी मान्यताएं हैं. अब तक यही माना जाता है कि जिस किसी के भी द्वारा जो मन से लेकर यहां पूजा अर्चना की जाती है वह हमेशा पूर्ण होती है. उन्होंने यह भी बताया कि शिवलिंग से किसी प्रकार की कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है, जैसा पूर्व में था वैसे ही आज भी स्थापित है.

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