नई दिल्ली/नोएडा: आज से ठीक 1 साल पहले 22 मार्च साल 2020 दिन रविवार को शहर की सड़कें इतनी वेदांती जितने कि दूसरे विश्व युद्ध के समय भी नहीं थी. कोरोना के डर के साए में लोगों ने खुद को घरों में कैद कर लिया. चीन, ब्रिटेन, इटली, फ्रांस और ब्राजील सहित दुनिया के अन्य देशों में मौतों के आंकड़ों ने लोगों को अंदर तक झकझोर कर रख दिया.
कोरोना के कहर से देश के लोगों को बचाया जा सके, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता कर्फ्यू लगाया. वक्त का पहिया तो चला, लेकिन जिंदगी की रफ्तार थम गई. जनता कर्फ्यू के बाद लॉकडाउन लगाया गया.
हालांकि एक साल में ही देश में कोरोना वैक्सीन बनाकर वायरस की रफ्तार को कुंद किया है. लेकिन एक बार फिर से कोरोना ने दस्तक दी. पिछले साल के मुकाबले हर रोज नए संक्रिमतों के रिकॉर्ड टूट रहे हैं. पिछले 24 घंटे में 47 हजार नए संक्रमित मिले हैं.
देश मे 3 लाख एक्टिव मरीज़
पिछले साल जिस वक्त कोरोना ने भारत में दस्तक दी और प्रधानमंत्री ने जनता कर्फ्यू लगाया, उस वक्त देश में कुल 360 नए कोरोना संक्रमित थे. लेकिन आज 22 मार्च, 2021 को 3 लाख से ज़्यादा एक्टिव मरीज़ हैं कोरोना वैक्सीन का इजात भारत ने 1 साल के अंदर कर लिया, ऐसे में लोग और भी बेपरवाह हो गए. मास्क और दो गज की दूसरी का मूल मंत्र भी भूल बैठे.
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हालांकि संक्रमण अब एक साल बाद कोरोना नए रूप में लौट आया है. लोग पुराने दर्द से सबक न लेते हुए फिर से लापरवाही करने लगे हैं. 1 साल बाद वक्त का पहिया फिर उसी डरावने अतीत की ओर ले जा रहा है. कोरोना आतंक न मचा सके इसके लिए दो गज की दूरी और मास्क का पूरी तरह से पालन करना होगा.
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2,500 आइसोलेशन बेड की व्यवस्था
जिले में 8 मार्च को पहला केस मिला था, स्वास्थ विभाग ने शुरुआत में ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में 10 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया था. 22 मार्च को 5 कोरोना संक्रमित पाए गए थे. अब तक 25,755 लोग जिले में संक्रमित हो चुके हैं. इसमें 25,562 लोगों ने कोरोना लोग मात दे चुके हैं, हालांकि जब जनता करती लगा था उस दौरान एक संक्रमित ने कोरोना को मात नहीं दी थी. हालांकि आज जिले में 2,500 बेड की व्यवस्था है.