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शिवपाल यादव ने जितेंद्र कसाना पर खेला दांव, 'अखिलेश' की राह हुई मुश्किल! - Gautam Buddha Nagar

क्षेत्र के एक गुर्जर नेता को मैदान में उतार कर शिवपाल सिंह यादव ने गठबंधन प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. जितेंद्र कसाना ने कहा कि वह किसान के बेटे हैं, इसलिए वह जनता का दर्द समझते हैं.

शिवपाल यादव ने जितेंद्र कसाना पर खेला दांव, 'अखिलेश' की राह हुई मुश्किल!
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Published : Mar 27, 2019, 10:57 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: गुर्जर बिरादरी के वोटों के दम पर जीत का दावा करने वाले सपा बसपा और रालोद को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने कड़ा टक्कर देने का प्लान बनाया है. संयुक्त प्रत्याशी सतवीर नागर को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) लोहिया ने एक गुर्जर को अपना उम्मीदवार घोषित कर मुसीबत में डाल दिया है.

शिवपाल यादव ने जितेंद्र कसाना पर खेला दांव, 'अखिलेश' की राह हुई मुश्किल!

प्रसपा के मुखिया शिवपाल सिंह यादव ने जिले के वरिष्ठ नेता जितेंद्र कसाना पर दांव खेला है. जितेंद्र कसाना लगभग दो दशक से विभिन्न राजनीतिक दल के साथ काम करते रहे हैं. राष्ट्रीय लोकदल के साथ भी उन्होंने काफी दिनों तक काम किया है. उनके पिता चौधरी बिहारी सिंह बागी अपनी पहचान के मोहताज नहीं रहे. खासतौर से गुर्जर बिरादरी में उनका एक दबदबा माना जाता था.

'किसान- गरीब और युवा परेशान'
बता दें कि शिवपाल सिंह यादव ने जितेंद्र कसाना से पहले मोहम्मद जावेद को अपना उम्मीदवार बनाया था. उसे लेकर भी गठबंधन में कुछ हलचल थी, लेकिन मुस्लिम मतदाताओं के मद्देनजर उन्हें कोई खास तवज्जो नहीं दी गई. लेकिन, अब क्षेत्र के एक गुर्जर नेता को मैदान में उतार कर शिवपाल सिंह यादव ने गठबंधन प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. जितेंद्र कसाना ने कहा कि वह किसान के बेटे हैं, इसलिए वह जनता का दर्द समझते हैं. जितेंद्र कसाना का कहना है कि जिले का किसान, गरीब और युवा परेशान है. किसानों की जमीन को औने-पौने दाम देकर लूटा गया है.

नई दिल्ली/नोएडा: गुर्जर बिरादरी के वोटों के दम पर जीत का दावा करने वाले सपा बसपा और रालोद को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने कड़ा टक्कर देने का प्लान बनाया है. संयुक्त प्रत्याशी सतवीर नागर को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) लोहिया ने एक गुर्जर को अपना उम्मीदवार घोषित कर मुसीबत में डाल दिया है.

शिवपाल यादव ने जितेंद्र कसाना पर खेला दांव, 'अखिलेश' की राह हुई मुश्किल!

प्रसपा के मुखिया शिवपाल सिंह यादव ने जिले के वरिष्ठ नेता जितेंद्र कसाना पर दांव खेला है. जितेंद्र कसाना लगभग दो दशक से विभिन्न राजनीतिक दल के साथ काम करते रहे हैं. राष्ट्रीय लोकदल के साथ भी उन्होंने काफी दिनों तक काम किया है. उनके पिता चौधरी बिहारी सिंह बागी अपनी पहचान के मोहताज नहीं रहे. खासतौर से गुर्जर बिरादरी में उनका एक दबदबा माना जाता था.

'किसान- गरीब और युवा परेशान'
बता दें कि शिवपाल सिंह यादव ने जितेंद्र कसाना से पहले मोहम्मद जावेद को अपना उम्मीदवार बनाया था. उसे लेकर भी गठबंधन में कुछ हलचल थी, लेकिन मुस्लिम मतदाताओं के मद्देनजर उन्हें कोई खास तवज्जो नहीं दी गई. लेकिन, अब क्षेत्र के एक गुर्जर नेता को मैदान में उतार कर शिवपाल सिंह यादव ने गठबंधन प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. जितेंद्र कसाना ने कहा कि वह किसान के बेटे हैं, इसलिए वह जनता का दर्द समझते हैं. जितेंद्र कसाना का कहना है कि जिले का किसान, गरीब और युवा परेशान है. किसानों की जमीन को औने-पौने दाम देकर लूटा गया है.


चाचा शिवपाल ने जितेंद्र कसाना पर दांव खेल कर भतीजे के गठबंधन राह मुश्किल की   

- गुर्जर बिरादरी के वोटों के बिखरने का अंदेशा

 

Noida -- गुर्जर बिरादरी के वोटों के दम पर जीत का दावा करने वाले सपा बसपा और रालोद के संयुक्त प्रत्याशी सतवीर नागर को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) लोहिया ने एक गुर्जर को अपना उम्मीदवार घोषित कर मुसीबत में डाल दिया है। प्रसपा के मुखिया शिवपाल सिंह यादव ने जिले के वरिष्ठ नेता जितेंद्र कसाना पर दांव खेला है।

 

 ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर क्लेक्ट्रेट से नामांकन दाखिल कर बाहर आ रहे जितेंद्र कसाना लगभग दो दशक से विभिन्न राजनीतिक दल के साथ काम करते रहे हैं। राष्ट्रीय लोकदल के साथ भी उन्होंने काफी दिनों तक काम किया है। उनके पिता चौधरी बिहारी सिंह बागी अपनी पहचान के मोहताज नहीं रहे। उन्हें इस जिले का हर कोई जानता है। खासतौर से गुर्जर बिरादरी में उनका एक दबदबा माना जाता था। शिवपाल सिंह यादव ने जितेंद्र कसाना से पहले मोहम्मद जावेद को अपना उम्मीदवार बनाया था। उसे लेकर भी गठबंधन में कुछ हलचल थी, लेकिन मुस्लिम मतदाताओं की प्रकृति के मद्देनजर उन्हें कोई खास तवज्जो नहीं दी गई। लेकिन, अब क्षेत्र के एक गुर्जर नेता को मैदान में उतार कर शिवपाल सिंह यादव ने गठबंधन प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जितेंद्र कसाना ने कहा कि वह किसान के बेटे हैं, इसलिए वह जनता का दर्द समझते हैं।  

बाइट -- जितेंद्र कसान(प्रसपा प्रत्याशी )

 

जितेंद्र कसान की पृष्ठभूमि राजनीतिक रही है। वह पिछले 20 वर्ष से राजनीति कर रहे हैं। दिल्ली के दयाल सिंह कालेज से स्नातक जितेंद्र सिंह कसाना राष्ट्रीय लोकदल के गौतमबुद्ध नगर के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनके राजनीतिक अनुभव और क्षेत्र में पकड़ के कारण शिवपाल सिंह यादव ने उन्हें बुलाकर टिकट दिया है। जितेंद्र कसाना का कहना है कि जिले का किसान, गरीब और युवा परेशान है। किसानों की जमीन को औने पौने दाम देकर लूटा गया है। मौजूदा सांसद के बाबत कहा कि उन्होंने लोगों को छला है। उनकी लड़ाई इन्हीं मुद्दों पर होगी।

बाइट -- जितेंद्र कसान(प्रसपा प्रत्याशी )  



  
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