नई दिल्लीः दिल्ली एनसीआर में सब्जियों के दाम बढ़ने के कारण रसोई का बजट गड़बड़ा गया है. त्योहारी सीजन में महंगाई की मार ने गरीब अमीर किसी को नहीं बख्शा है. लोगों की जेब पर रसोई का खर्च उठाना भी भारी पड़ रहा है. एक तरफ टमाटर लाल आंखे दिखा रहा है, वहीं मिर्ची और तीखी लग रही है. प्याज के क्या कहने आंसू रोके नहीं रुकते.
अगर नोएडा की बात करें, तो यह हाल किसी एक सब्जी मंडी का नहीं, बल्कि सेक्टर 12 , 22, 37, नोएडा के भंगेल और हरौला सभी जगहों का है. हर जगह के लोगों पर महंगाई की जबरदस्त मार पड़ रही है. महंगाई की आफत ऐसी आई है कि लोगों ने सब्जी खरीदना भी बंद कर दिया है और खरीद भी रहे हैं, तो किलो की जगह पाव से ही काम चला रहे हैं, जबकि सब्जी दुकानदार सब्जियां सजा कर ग्राहकों की आस में बैठे रह जाते हैं.
सीजन की बात करें तो, अक्टूबर-नवंबर का महीना सब्जियों के लिए बेहद अनुकूल होता है. माना जाता है कि अक्टूबर माह तक बाजार में पर्याप्त मात्रा में सब्जियां आ जाती हैं और दाम भी काफी कम हो जाते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. इस बार लोग 'महंगाई डायन खाए जात है' गाना गाने को मजबूर हो रहे हैं.
नोएडा में सब्जियों के दाम
नोएडा में लोगों को सबसे ज्यादा प्याज रुला रही है. बाजारों में 80 रुपये किलो प्याज, 70 रुपये किलो टमाटर, 100 रुपये किलो शिमला मिर्च, जबिक आलू 40 से 50 रुपये किलो हो गए हैं. धनिया 100 रुपये किलो, तोरी 50 रुपये किलो, मिर्ची 100 रुपये किलो, लोबिया 60 रुपये किलो, मटर 120 रुपये किलो, लौकी 50 रुपये किलो और बैगन 60 रुपये किलो बिक रहा है.
दुकानदार और ग्राहकों ने कहा...
नोएडा के एक सब्जी मंडी में दुकानदारों का कहना है कि दुकानों पर सारी सब्जियां सजा कर रखी गई है. पर ग्राहक ना के बराबर आ रहे हैं. जो आ भी रहे हैं वह किलो की जगह पाव भर के हिसाब से सब्जी खरीद रहे हैं, जिसके कराण व्यापार पर काफी बुरा असर पड़ रहा है.
दुकानदारों ने कहा कि सुबह से शाम हो जाती है लेकिन ग्राहक नहीं आते हैं, जिससे सब्जियों के दाम भी निकलाना मुश्किल हो जाता है. वहीं ग्राहकों ने कहा कि मजबूरी में सब्जियां खरीद रहे हैं. बढ़ी हुई सब्जियों के दाम के कारण घर का बजट बिगड़ता जा रहा है. पहले एक किलो के हिसाब से सब्जी खरीदते थे, लेकिन अब पाव भर से काम चलाना पड़ रहा है.