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गौतमबुद्ध नगर: तीनों प्राधिकरण में आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती पर लगी रोक - Noida News

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक सर्विस प्रोवाइडर संस्था आरएस टेक्निकल सॉल्यूशन कंपनी की रिट पर ये आदेश दिया है कि गौतमबुद्ध नगर की तीनों प्राधिकरण में जो भी रिक्त पद हैं, उसके तहत आउटसोर्सिंग कर किसी व्यक्ति को नहीं रख सकते. सेवा के लिए रख सकते हैं लेकिन व्यक्तिगत रूप से नहीं रख सकते.

recruitment through outsourcing ban
प्राधिकरण आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती पर लगी रोक
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Published : Dec 23, 2019, 12:36 PM IST

नई दिल्ली/ग्रे. नोएडा: जिले के तीनों प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा, नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे में स्थायी पदों के लिए आउटसोर्सिंग पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी. यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण की बोर्ड बैठक आउटसोर्सिंग के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया. नये व्यक्ति को आउटसोर्सिंग से नहीं रखा जाएगा. जो पहले से तैनात है वह बने रहेंगे.

आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती पर लगी रोक

इसके अलावा वो कर्मचारी जो सेवानिवृत्त होने के बाद, पुनः नियुक्ति होकर प्राधिकरण में काम कर रहे थे. उन सभी को एक महीने का नोटिस देकर उनके भी काम समाप्त करने का निर्णय बोर्ड बैठक ने लिया.

कोर्ट का फैसला
जिले के तीनों प्राधिकरण को हाईकोर्ट इलाहाबाद ने आदेश दिया है कि वो अब आउटसोर्सिंग से कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं करेगा. अबतक नोएडा-ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण में स्थायी पदों के लिए अधिकारी रिक्त स्थायी पदों पर प्लेसमेंट के जरिए कर्मचारियों की नियुक्ति कर लेते थे. कर्मचारी प्राइवेट एजेंसी के जरिये रखे जाते थे.

हाई कोर्ट ने दिया आदेश
यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के सीईओ डॉक्टर अरुण वीर सिंह ने बताया कि इस संबंध में उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने एक सर्विस प्रोवाइडर संस्था आरएस टेक्निकल सॉल्यूशन कंपनी की रिट पर ये आदेश दिया. आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में उमा देवी केस के फैसले का निर्णय उसके प्रकाश में निर्णय दिया है. जो भी रिक्त पद हैं, उसके तहत आउटसोर्सिंग कर किसी व्यक्ति को नहीं रख सकते. सेवा के लिए रख सकते हैं लेकिन व्यक्तिगत रूप से नहीं रख सकते.

उदाहरण के लिए आपको सफाई करवानी है तो आप 10 आदमी रख सकते हैं. लेकिन इंडिविजुअल आदमी को आउटसोर्सिंग से नहीं रख सकते. ये आदेश कोर्ट ने 13 दिसंबर को दिया. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यदि प्राधिकरण के अधिकारियों ने संविदा पर स्थायी कर्मचारियों की भर्ती की तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.

कोर्ट ने क्यों दिया आदेश
सर्विस प्रोवाइडर संस्था आरएस टेक्निकल सॉल्यूशन कंपनी ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में रिट लगाई थी कि उसकी एजेंसी के जरिए रखे गए कर्मचारियों को प्राधिकरण ने निकाल दिया. मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया कि किसी भी स्थायी पद के नाम पर प्लेसमेंट पर भर्ती नहीं होगी.

नई दिल्ली/ग्रे. नोएडा: जिले के तीनों प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा, नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे में स्थायी पदों के लिए आउटसोर्सिंग पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी. यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण की बोर्ड बैठक आउटसोर्सिंग के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया. नये व्यक्ति को आउटसोर्सिंग से नहीं रखा जाएगा. जो पहले से तैनात है वह बने रहेंगे.

आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती पर लगी रोक

इसके अलावा वो कर्मचारी जो सेवानिवृत्त होने के बाद, पुनः नियुक्ति होकर प्राधिकरण में काम कर रहे थे. उन सभी को एक महीने का नोटिस देकर उनके भी काम समाप्त करने का निर्णय बोर्ड बैठक ने लिया.

कोर्ट का फैसला
जिले के तीनों प्राधिकरण को हाईकोर्ट इलाहाबाद ने आदेश दिया है कि वो अब आउटसोर्सिंग से कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं करेगा. अबतक नोएडा-ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण में स्थायी पदों के लिए अधिकारी रिक्त स्थायी पदों पर प्लेसमेंट के जरिए कर्मचारियों की नियुक्ति कर लेते थे. कर्मचारी प्राइवेट एजेंसी के जरिये रखे जाते थे.

हाई कोर्ट ने दिया आदेश
यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के सीईओ डॉक्टर अरुण वीर सिंह ने बताया कि इस संबंध में उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने एक सर्विस प्रोवाइडर संस्था आरएस टेक्निकल सॉल्यूशन कंपनी की रिट पर ये आदेश दिया. आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में उमा देवी केस के फैसले का निर्णय उसके प्रकाश में निर्णय दिया है. जो भी रिक्त पद हैं, उसके तहत आउटसोर्सिंग कर किसी व्यक्ति को नहीं रख सकते. सेवा के लिए रख सकते हैं लेकिन व्यक्तिगत रूप से नहीं रख सकते.

उदाहरण के लिए आपको सफाई करवानी है तो आप 10 आदमी रख सकते हैं. लेकिन इंडिविजुअल आदमी को आउटसोर्सिंग से नहीं रख सकते. ये आदेश कोर्ट ने 13 दिसंबर को दिया. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यदि प्राधिकरण के अधिकारियों ने संविदा पर स्थायी कर्मचारियों की भर्ती की तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.

कोर्ट ने क्यों दिया आदेश
सर्विस प्रोवाइडर संस्था आरएस टेक्निकल सॉल्यूशन कंपनी ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में रिट लगाई थी कि उसकी एजेंसी के जरिए रखे गए कर्मचारियों को प्राधिकरण ने निकाल दिया. मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया कि किसी भी स्थायी पद के नाम पर प्लेसमेंट पर भर्ती नहीं होगी.

Intro:ग्रेटर नोएडा :जिले की तीनों प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा, नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे में स्थायी पदों के लिए आउटसोर्सिंग पर किसी व्यक्ति को भर्ती पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी । यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण की बोर्ड बैठक आउटसोर्सिंग के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया। नये व्यक्ति को आउटसोर्सिंग से नहीं रखा जाएगा। जो पहले से तैनात है वह बने रहेंगे। इसके अलावा वो कर्मचारी जो सेवानिवृत्त होने के बाद, पुनः नियुक्ति होकर प्राधिकरण में काम कर रहे थे। उन सभी को एक माह का नोटिस देकर के उनके भी काम समाप्त करने का निर्णय बोर्ड बैठक ने लिया ।
Body:कोर्ट का फैसला---
जिले के तीनों प्राधिकरण को हाईकोर्ट इलाहाबाद ने आदेश दिया है कि वो अब आउटसोर्सिंग से कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं करेगा । अबतक नोएडा-ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण में स्थायी पदों के लिए अधिकारी रिक्त स्थायी पदों पर प्लेसमेंट के जरिये कर्मचारियों की नियुक्ति कर लेते थे । कर्मचारी प्राइवेट एजेंसी के जरिये रखे जाते थे। यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के सीईओ डॉक्टर अरुण वीर सिंह ने बताया कि इस संबंध में उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने एक सर्विस प्रोवाइडर संस्था आरएस टेक्निकल सॉल्यूशन कंपनी की रिट पर यह आदेश दिया । आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में उमा देवी का निर्णय उसके प्रकाश में निर्णय दिया है जो भी रिक्त पद हैं, उसके तहत आउटसोर्सिंग कर किसी व्यक्ति को नहीं रख सकते। सेवा के लिए रख सकते हैं लेकिन व्यक्तिगत रूप से नहीं रख सकते ।उदाहरण के लिए आपको सफाई करवानी है तो आप 10 आदमी रख सकते हैं लेकिन इंडिविजुअल आदमी को आउटसोर्सिंग से नहीं रख सकते । यह आदेश कोर्ट ने 13 दिसंबर को दिया । हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यदि प्राधिकरण के अधिकारियों ने संविदा पर स्थायी कर्मचारियों की भर्ती की तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

बाईट : अरुणवीर सिंह (सीईओ यमुना प्राधिकरण)


Conclusion:कोर्ट ने क्यों दिया आदेश--
सर्विस प्रोवाइडर संस्था आरएस टेक्निकल सॉल्यूशन कंपनी ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में रिट लगाई थी कि उसकी एजेंसी के जरिए रखे गए कर्मचारियो को प्राधिकरण ने निकाल दिया। मामले में हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया कि किसी भी स्थायी पद के नाम पर प्लेसमेंट पर भर्ती नहीं होगी।
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