ETV Bharat / city

Greater Noida: होंडा कंपनी में प्रोडक्शन हुआ बंद, हजारों कर्मचारी हुए बेरोजगार

author img

By

Published : Dec 21, 2020, 4:17 PM IST

जापान की ऑटो कंपनी होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड ने ग्रेटर नोएडा में अपने प्रोडक्शन यूनिट को बंद कर दिया है. खबरों की मानें तो प्रतिस्पर्धा और बिजनेस के चुनौतीपूर्ण माहौल के कारण कंपनी ने ये फैसला लिया है. हालांकि होंडा कंपनी ने इस मामले पर अभी तक अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

Greater Noida : Production stopped in Honda company,  thousands of employees became unemployed
ग्रेनो में होंडा की प्रोडक्शन यूनिट बंद

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: जापान की ऑटो कंपनी होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड ने ग्रेटर नोएडा में अपने प्रोडक्शन यूनिट को बंद कर दिया है. खबरों की मानें तो प्रतिस्पर्धा और बिजनेस के चुनौतीपूर्ण माहौल के कारण कंपनी ने ये फैसला लिया है. हालांकि होंडा कंपनी ने इस मामले पर अभी तक अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

ग्रेनो में होंडा की प्रोडक्शन यूनिट बंद

होंडा सिटी, Civic और CR-V जैसी कारें बनती थीं


ग्रेटर नोएडा के इस प्लांट में सालाना 1 लाख कार बनकर बाहर निकलती थीं. होंडा के ग्रेटर नोएडा यूनिट में होंडा सिटी, Civic और CR-V जैसी कारें बनाई जाती थीं. भारत में इन कारों की अच्छी-खासी मार्केट है, लेकिन पिछले दिनों कंपीटीशन बढ़ने से मांग थोड़ी घटी है. ग्रेटर नोएडा में इस प्लांट की स्थापना 1997 में की गई थी. खबरों की मानें तो खर्चे कम करने के लिए कंपनी ने ये कदम उठाया है. कंपनी का प्लांट बनने के बाद इस कंपनी में काम करने वाले वर्करों के सामने बेरोजगारी का संकट गहरा गया है. कंपनी में काम करने वाले सैकड़ों वर्करों का कहना है कि उनके सामने बेरोजगारी का संकट खड़ा हो गया है. वह पिछले 20 से 25 वर्षों से इसी कंपनी में काम कर रहे थे. अचानक से कंपनी ने वर्करों को बुलाकर जबरन VRS दे दिया. जिसके चलते उनके सामने समस्याएं खड़ी हो गई हैं. हालांकि वर्करों ने इसकी शिकायत उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ सहित जिले के आला अधिकारियों से की है. मगर अभी तक कोई रिजल्ट निकल के सामने नहीं आ पाया है. बताया जा रहा है कि कंपनी का कॉर्पोरेट कार्यालय और आरएंडडी विभाग ग्रेट नोएडा से काम करना जारी रखेगा.


कर्मचारियों के परिजनों का भविष्य अंधेरे में

ग्रेटर नोएडा में होंडा का यह प्लांट 150 एकड़ की जमीन में फैला है. वर्करों के मुताबिक इस प्लांट में सितम्बर 28 से ही प्रोडक्शन बंद है. अब सभी कारों का प्रोडक्शन कंपनी के राजस्थान के अलवर स्थित तपुकरा प्लांट से किया जा रहा है. कंपनी में काम करने वाले वर्करों का कहना है कि कंपनी ने आनन-फानन में कुछ वर्करों को ग्रेटर नोएडा से तपुकरा प्लांट में शिफ्ट कर दिया गया है. कंपनी में काम करने वाले वर्करों का कहना है कि वह पिछले 20 से 25 वर्षों से इस कंपनी में काम कर रहे थे, जिसके चलते उनका और उनके परिवार का पालन पोषण हो रहा था. कंपनी में काम करने वाले वर्करों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान भी उन्होंने कंपनी में काम करते समय 100 गाड़ियां प्रतिदिन के हिसाब से बनाने का काम किया है. लेकिन अचानक से कंपनी बंद करने के आदेश आने के बाद उनके सामने समस्या खड़ी हो गई है. वहीं वर्करों के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है.

1997 में स्थापित हुई थी कम्पनी

  • ग्रेटर नोएडा के इस प्लांट में साल 1997 में प्रोडक्शन शुरू हुआ था।
  • तब सालाना 30,000 कारें बनती थीं
  • अब राजस्थान के तपुकरा प्लांट में सालाना 180,000 यूनिट्स होंडा की कारें बनकर बाहर निकलती हैं.



जबरन बुलवाकर लिया गया VRS


कंपनी में काम करने वाले वर्करों का आरोप है कि कंपनी में वर्करों को जबरन बुलाया गया और उनसे VRS पेपर पर जबरन साइन कराए गए. जिसकी शिकायत वर्करों ने जिला प्रशासन व जिले के राजनीतिक नेताओं से की. लेकिन दोनों ही जगह से जब उन्हें कोई सहायता नहीं मिली तो वर्करों ने इसकी शिकायत उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से की है. वर्करों का कहना है कि अचानक से कंपनी बंद कर दी गई और कंपनी में काम करने वाले कुछ वर्करों को राजस्थान दूसरी कंपनी में शिफ्ट कर दिया गया. जिसके चलते इस कंपनी में काम करने वाले वर्कर अब बेरोजगार हो गए हैं. वर्करों का कहना है कि कई लोग अपने मासूम बच्चों की स्कूल की फीस वह जमा नहीं कर पा रहे हैं और कई लोग ऐसे भी हैं जिनके बच्चों की उम्र शादी के लायक हो गई है. नौकरी चले जाने से अपनी बेटियों की शादी भी नहीं कर पा रहे हैं.

यह भी पढ़ें:-लॉकडाउन से धीमी पड़ी फैमली प्लानिंग की रफ्तार, पूरा नहीं हुआ इस साल का लक्ष्य


कहा जा रहा है कि अब ग्रेटर नोएडा प्लांट में कर्मचारियों की संख्या घटकर 1000 रह गई थी. जिसमें अधिकांश ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) का विकल्प चुना है. लेकिन वर्करों का आरोप है कि जबरन से VRS दिलवाया जा रहा है. उन्हें डराया और धमकाया भी जा रहा है. लेकिन जब इसकी शिकायत जिला प्रशासन पर की तो प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की.

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: जापान की ऑटो कंपनी होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड ने ग्रेटर नोएडा में अपने प्रोडक्शन यूनिट को बंद कर दिया है. खबरों की मानें तो प्रतिस्पर्धा और बिजनेस के चुनौतीपूर्ण माहौल के कारण कंपनी ने ये फैसला लिया है. हालांकि होंडा कंपनी ने इस मामले पर अभी तक अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

ग्रेनो में होंडा की प्रोडक्शन यूनिट बंद

होंडा सिटी, Civic और CR-V जैसी कारें बनती थीं


ग्रेटर नोएडा के इस प्लांट में सालाना 1 लाख कार बनकर बाहर निकलती थीं. होंडा के ग्रेटर नोएडा यूनिट में होंडा सिटी, Civic और CR-V जैसी कारें बनाई जाती थीं. भारत में इन कारों की अच्छी-खासी मार्केट है, लेकिन पिछले दिनों कंपीटीशन बढ़ने से मांग थोड़ी घटी है. ग्रेटर नोएडा में इस प्लांट की स्थापना 1997 में की गई थी. खबरों की मानें तो खर्चे कम करने के लिए कंपनी ने ये कदम उठाया है. कंपनी का प्लांट बनने के बाद इस कंपनी में काम करने वाले वर्करों के सामने बेरोजगारी का संकट गहरा गया है. कंपनी में काम करने वाले सैकड़ों वर्करों का कहना है कि उनके सामने बेरोजगारी का संकट खड़ा हो गया है. वह पिछले 20 से 25 वर्षों से इसी कंपनी में काम कर रहे थे. अचानक से कंपनी ने वर्करों को बुलाकर जबरन VRS दे दिया. जिसके चलते उनके सामने समस्याएं खड़ी हो गई हैं. हालांकि वर्करों ने इसकी शिकायत उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ सहित जिले के आला अधिकारियों से की है. मगर अभी तक कोई रिजल्ट निकल के सामने नहीं आ पाया है. बताया जा रहा है कि कंपनी का कॉर्पोरेट कार्यालय और आरएंडडी विभाग ग्रेट नोएडा से काम करना जारी रखेगा.


कर्मचारियों के परिजनों का भविष्य अंधेरे में

ग्रेटर नोएडा में होंडा का यह प्लांट 150 एकड़ की जमीन में फैला है. वर्करों के मुताबिक इस प्लांट में सितम्बर 28 से ही प्रोडक्शन बंद है. अब सभी कारों का प्रोडक्शन कंपनी के राजस्थान के अलवर स्थित तपुकरा प्लांट से किया जा रहा है. कंपनी में काम करने वाले वर्करों का कहना है कि कंपनी ने आनन-फानन में कुछ वर्करों को ग्रेटर नोएडा से तपुकरा प्लांट में शिफ्ट कर दिया गया है. कंपनी में काम करने वाले वर्करों का कहना है कि वह पिछले 20 से 25 वर्षों से इस कंपनी में काम कर रहे थे, जिसके चलते उनका और उनके परिवार का पालन पोषण हो रहा था. कंपनी में काम करने वाले वर्करों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान भी उन्होंने कंपनी में काम करते समय 100 गाड़ियां प्रतिदिन के हिसाब से बनाने का काम किया है. लेकिन अचानक से कंपनी बंद करने के आदेश आने के बाद उनके सामने समस्या खड़ी हो गई है. वहीं वर्करों के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है.

1997 में स्थापित हुई थी कम्पनी

  • ग्रेटर नोएडा के इस प्लांट में साल 1997 में प्रोडक्शन शुरू हुआ था।
  • तब सालाना 30,000 कारें बनती थीं
  • अब राजस्थान के तपुकरा प्लांट में सालाना 180,000 यूनिट्स होंडा की कारें बनकर बाहर निकलती हैं.



जबरन बुलवाकर लिया गया VRS


कंपनी में काम करने वाले वर्करों का आरोप है कि कंपनी में वर्करों को जबरन बुलाया गया और उनसे VRS पेपर पर जबरन साइन कराए गए. जिसकी शिकायत वर्करों ने जिला प्रशासन व जिले के राजनीतिक नेताओं से की. लेकिन दोनों ही जगह से जब उन्हें कोई सहायता नहीं मिली तो वर्करों ने इसकी शिकायत उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से की है. वर्करों का कहना है कि अचानक से कंपनी बंद कर दी गई और कंपनी में काम करने वाले कुछ वर्करों को राजस्थान दूसरी कंपनी में शिफ्ट कर दिया गया. जिसके चलते इस कंपनी में काम करने वाले वर्कर अब बेरोजगार हो गए हैं. वर्करों का कहना है कि कई लोग अपने मासूम बच्चों की स्कूल की फीस वह जमा नहीं कर पा रहे हैं और कई लोग ऐसे भी हैं जिनके बच्चों की उम्र शादी के लायक हो गई है. नौकरी चले जाने से अपनी बेटियों की शादी भी नहीं कर पा रहे हैं.

यह भी पढ़ें:-लॉकडाउन से धीमी पड़ी फैमली प्लानिंग की रफ्तार, पूरा नहीं हुआ इस साल का लक्ष्य


कहा जा रहा है कि अब ग्रेटर नोएडा प्लांट में कर्मचारियों की संख्या घटकर 1000 रह गई थी. जिसमें अधिकांश ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) का विकल्प चुना है. लेकिन वर्करों का आरोप है कि जबरन से VRS दिलवाया जा रहा है. उन्हें डराया और धमकाया भी जा रहा है. लेकिन जब इसकी शिकायत जिला प्रशासन पर की तो प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.