नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: एक व्यक्ति के बैंक अकाउंट में दर्ज मोबाइल नंबर का फर्जी सिम अलॉट कराकर उसके अकाउंट से विभिन्न तरीके से 67 लाख से अधिक रुपये निकाल लिए गए. पीड़ित को जब इस मामले की जानकारी हुई तो उसने थाने में तहरीर दी. पुलिस ने मामले की जांच करते हुए पूर्व में जहां चार लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया. वहीं एक अन्य आरोपी जो 25, 000 का इनामी भी है, उसे मंगलवार को गिरफ्तार किया है. अभी भी इस मामले में एक आरोपी फरार चल रहा है, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है.
ग्रेटर नोएडा के Beta-2 थाना पुलिस (Greater Noida Police) ने मंगलवार को वांछित एवं 25,000 के इनामी अभियुक्त विक्रम कटारिया निवासी बी 1212 मिगसन ग्रीन मैनसन सेक्टर जीटा 1 ग्रेटर नोएडा को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर खाता धारक सुरेश यादव के मोबाइल नंबर, जो बैंक खाते में लिंक था कि दूसरी नई सिम निकलवा कर एक फर्जी दस्तावेज से डेबिट कार्ड जारी करा कर खाते से 67 लाख 30 हजार 925 रुपये निकाल लिए थे. दर्ज मुकदमे के आधार पर आरोपी को न्यायालय भेज दिया गया है.
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धोखाधड़ी और 25, 000 के इनामी आरोपी (wanted crook ) की गिरफ्तारी के संबंध में एडिशनल डीसीपी ग्रेटर नोएडा विशाल पांडेय ने बताया कि आरोपी ने अपने सह अभियुक्तों के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से खाताधारक सुरेश यादव के मोबाइल नंबर जो इंडसइंड खाते में लिंक था, दूसरी नई सिम निकलवाई. इसके बाद एक फर्जी दस्तावेज से डेबिट कार्ड जारी करा कर खाते से पैसे निकाल लिए. हड़पे गए रुपयों में से करीब 11 लाख रुपये डेबिट कार्ड द्वारा स्वयं से रुपयों की आईएमपीएस के माध्यम से विभिन्न ज्वेलर्स से सोने के सिक्के और ज्वेलरी खरीद-बेचकर आपस में रुपयों का बंटवारा कर लिया गया था.
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जिसमें सह अभियुक्त सतीश राणा, अनुज, जितेंद्र कुमार सैनी और प्रदीप राणा पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं. वही इनका एक और साथी जो बागपत निवासी रतन सिंह राणा है वह अभी फरार चल रहा है. जिसकी पुलिस तलाश करने में लगी हुई है. पुलिस द्वारा ठगी किए गए 67 लाखों रुपये पीड़ित को वापस कराए जा चुके हैं.
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