नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का आम्रपाली बिल्डर पर 3,600 करोड़ रुपये बकाया वसूलने में लापरवाही और बिना भुगतान के सबलीज की अनुमति देने के मामले में कुल 8 अधिकारियों पर जल्द कार्रवाई हो सकती है.
शासन दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा. 6 कर्मचारियों के खिलाफ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण ने अनुमति दे दी है, हालांकि दो अधिकारियों में से एक सेवानिवृत्त हो चुके हैं.
सरकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई तय
दरअसल, आम्रपाली बिल्डर को ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में 7 प्रोजेक्टों के लिए जमीन आवंटित की गई. जिसमें मूलधन और ब्याज मिलाकर करीब 3,600 करोड़ रुपये ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का बकाया हो गया. बकाया धन को वसूलने की कोशिश भी नहीं की गई और उसे समय-समय पर सबलीज की भी अनुमति दी गई.
ऐसे में बीते साल 23 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने प्राधिकरण को बिल्डर से बकाया वसूलने का आदेश दिया और किसी दूसरी कंपनी से अधूरे पड़े प्रोजेक्ट को पूरा करने का आदेश दे दिया. जिससे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को 3,600 करोड रुपये का नुकसान हो गया. कोर्ट के आदेश के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक की और दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
साठगांठ के चले हुए खेल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशों के बाद जांच की गई, जिसमें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में तैनात रहे तत्कालीन ACEO एक महिला प्रबंधक और छह अन्य कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है. जिसमें ACEO सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि प्रबंधक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से ट्रांसफर हो चुका है. बाकी छह कर्मचारी अभी भी प्राधिकरण में कार्यरत हैं.