नई दिल्ली/नोएडा: समय के अनुसार चीजें बदलने लगती है यह कहावत बहुत पुरानी है. लेकिन बहुत सही भी जब से चाइनीस और इलेक्ट्रॉनिक सामान बाजारों में आया है तब से देश की ऐतिहासिक चीजें धीरे धीरे गायब होती जा रही है. इसका जीता जागता उदाहरण नोएडा सेक्टर 22 में देखने को मिला है.
छोटी मूर्तियों पर दिखाई नक्काशी
गणेश चतुर्थी के पर्व पर गणेश जी की मूर्तियां मिट्टी से बनाने वाले मूर्तिकार अपने हुनर को लेकर काफी परेशान दिख रहे हैं. उनका कहना है कि मेहनत के हिसाब से उन्हें लागत का पूरा दाम नहीं मिलता है. जिसके चलते उन्होंने मूर्ति ज्यादा बनाने की बजाए कम कर दी है. छोटी मूर्तियां कम दामों में बिक जाए यही उनकी उम्मीद है. जिस पर वह अपनी पूरी नक्काशी उतारकर ग्राहक को बेचने का प्रयास कर रहे हैं.
इतिहास बन कर रह जाएंगे
देश की परंपराओं को जिंदा रखें हुए मूर्तिकार आज मूर्तियां तो जरूर बना रहे हैं, लेकिन ऐसा लगता है वह दिन दूर नहीं जब मूर्तिकार एक इतिहास बन कर रह जाएंगे.
ईटीवी भारत से बात
ईटीवी भारत ने जब मूर्तिकारों से बात की तो उनका कहना था कि नोएडा में कहीं पर भी मूर्तिकारों के लिए कोई जगह नहीं है. जहां वह अपने हुनर को मिट्टी पर तराश सकें, लेकिन फिर भी परिवार की जीविका चलाने के लिए कम दामों में मूर्तियां बना रहे हैं.
कम दामों में बनाते छोटी मूर्ति
छोटी मूर्ति पर अपने हुनर का जलवा ये मूर्तिकार दिखा रहे हैं. उनका कहना है कि ना तो छोटी मूर्ति बिकती है और ना ही बड़ी, इसलिए छोटी मूर्तियां कम दामों में बनाते हैं ताकि आसानी से बिक जाए और हमारी लागत और मजदूरी निकल जाए.
5 सौ से लेकर 5 हजार तक की मूर्तियां
मूर्तिकारों ने बताया कि मूर्तियों की कीमत 5 सौ से लेकर 5 हजार तक है. क्योंकि इससे महंगी मूर्ति कोई नहीं खरीदता, उन्होंने यह भी बताया कि जब से बाजारों में चाइनीज मूर्तियां आने लगी है, तब से हमारे धंधे पर काफी प्रभाव पड़ा है.