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शाहबेरी की जांच रिपोर्ट आई सामने, जानें क्या कुछ बोले फ्लैट बायर्स

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Published : Mar 18, 2020, 2:12 PM IST

शाहबेरी की जांच रिपोर्ट को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सार्वजनिक कर दिया है. कुछ बायर्स का कहना है कि रिपोर्ट तो जारी कर दी, लेकिन शाहबेरी के लोगों को मूलभूत सुविधाएं कब मिलेंगी?

shahberi flat buyers
शाहबेरी फ्लैट

नई दिल्ली/ग्रे.नोएडा: शाहबेरी की जांच रिपोर्ट को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सार्वजनिक कर दिया है. आईआईटी दिल्ली ने स्ट्रक्चरल सेफ्टी ऑडिट तैयार की है. रिपोर्ट में एक भी इमारत को गिराने की सिफारिश नहीं की गई है, तीन इमारतों को सुरक्षित माना है.

शाहबेरी मामले की रिपोर्ट पर मिली जुली प्रतिक्रिया

वहीं 434 बिल्डिंगों की फिर से विस्तृत जांच होगी. विस्तृत रिपोर्ट के बाद तय किया जाएगा कि बिल्डिंग सुरक्षित है या नहीं. ऐसे में शाहबेरी के कुछ बायर्स का कहना है कि प्राधिकरण असली रिपोर्ट को छुपा रहा है. वहीं इस मामले में कुछ बायर्स की राय अलग है.


'रिपोर्ट में बायर्स को गुमराह किया'
शाहबेरी फ्लैट बायर अभिनव ने कहा कि IIT दिल्ली की रिपोर्ट नहीं बल्कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने मीडिया को प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. उन्होंने प्राधिकरण पर हमला करते हुए कहा कि वास्तविक रिपोर्ट को छिपाया जा रहा है.

रिपार्ट में कहा गया की 437 बिल्डिंग में 3 बिल्डिंग सुरक्षित है. ऐसे में उन्होंने सवाल पूछा कि क्या आखिर तीन बिल्डिंगों को सुरक्षित बताने के लिए 50 लाख रुपये खर्च किए गए हैं. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में कोई भी चीजें स्पष्ट नहीं है और बायर्स को गुमराह किया जा रहा है.



'डूबते को तिनके का सहारा'
शाहबेरी संघर्ष समिति के पदाधिकारी एस.के. उपाध्याय ने IIT दिल्ली की स्ट्रक्चरल सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि बायर्स के चेहरे पर मुस्कुराहट है. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि अगर कोई बिल्डिंग गिराने की बात कही जाए, तो पहले लोगों को सुरक्षित घर दिया जाए.



'कब मिलेंगी मूलभूत सुविधाएं'
फ्लैट बायर्स ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट पर मिली जुली प्रतिक्रिया दी है. वहीं कुछ बायर्स का ये भी कहना है कि रिपोर्ट तो जारी कर दी, लेकिन शाहबेरिवासियों को मूलभूत सुविधाएं कब मिलेंगी?

नई दिल्ली/ग्रे.नोएडा: शाहबेरी की जांच रिपोर्ट को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सार्वजनिक कर दिया है. आईआईटी दिल्ली ने स्ट्रक्चरल सेफ्टी ऑडिट तैयार की है. रिपोर्ट में एक भी इमारत को गिराने की सिफारिश नहीं की गई है, तीन इमारतों को सुरक्षित माना है.

शाहबेरी मामले की रिपोर्ट पर मिली जुली प्रतिक्रिया

वहीं 434 बिल्डिंगों की फिर से विस्तृत जांच होगी. विस्तृत रिपोर्ट के बाद तय किया जाएगा कि बिल्डिंग सुरक्षित है या नहीं. ऐसे में शाहबेरी के कुछ बायर्स का कहना है कि प्राधिकरण असली रिपोर्ट को छुपा रहा है. वहीं इस मामले में कुछ बायर्स की राय अलग है.


'रिपोर्ट में बायर्स को गुमराह किया'
शाहबेरी फ्लैट बायर अभिनव ने कहा कि IIT दिल्ली की रिपोर्ट नहीं बल्कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने मीडिया को प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. उन्होंने प्राधिकरण पर हमला करते हुए कहा कि वास्तविक रिपोर्ट को छिपाया जा रहा है.

रिपार्ट में कहा गया की 437 बिल्डिंग में 3 बिल्डिंग सुरक्षित है. ऐसे में उन्होंने सवाल पूछा कि क्या आखिर तीन बिल्डिंगों को सुरक्षित बताने के लिए 50 लाख रुपये खर्च किए गए हैं. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में कोई भी चीजें स्पष्ट नहीं है और बायर्स को गुमराह किया जा रहा है.



'डूबते को तिनके का सहारा'
शाहबेरी संघर्ष समिति के पदाधिकारी एस.के. उपाध्याय ने IIT दिल्ली की स्ट्रक्चरल सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि बायर्स के चेहरे पर मुस्कुराहट है. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि अगर कोई बिल्डिंग गिराने की बात कही जाए, तो पहले लोगों को सुरक्षित घर दिया जाए.



'कब मिलेंगी मूलभूत सुविधाएं'
फ्लैट बायर्स ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट पर मिली जुली प्रतिक्रिया दी है. वहीं कुछ बायर्स का ये भी कहना है कि रिपोर्ट तो जारी कर दी, लेकिन शाहबेरिवासियों को मूलभूत सुविधाएं कब मिलेंगी?

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