नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: पहले फेज की शुरुआत इसी साल होगी और जेवर एयरपोर्ट के साथ साल 2024 तक इसे पूरा किया जाएगा. दूसरा फेज साल 2026 तक पूरा होगा और तीसरा फेज साल 2028 तक पूरा होगा. सीबीआरआई ने फिल्म सिटी का ड्राफ्ट यमुना प्राधिकरण को सौंप दिया है. फिल्म सिटी पीपीपी मॉडल पर तैयार किया जाएगा.
हाईटेक सुविधाओं से लैस होगी फिल्म सिटी
यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि सीबीआरआई ने रिपोर्ट सौंपी है. प्री-प्रोडक्शन, पोस्ट-प्रोडक्शन, आउटडोर शूटिंग, इंडोर शूटिंग, फिल्म इंस्टीट्यूट, टेक्निकल मिक्सिंग, साउंड मिक्सिंग, VFX, वेब सीरी, हॉस्पिटालिटी, रेस्टोरेंट्स सहित सभी सुविधाओं से फिल्म सिटी लैस होगी. एजेंसी ने कई डेवेलपमेंट और फाइनेंशियल मॉडल दिए गए. मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों पर काम किया जाएगा, रिपोर्ट भेज दी गई है.
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तीन चरण में तैयार होगी फिल्म सिटी
पहले चरण में 230 एकड़, दूसरे चरण में 285 एकड़ और तीसरे चरण में 345 एकड़ में फिल्म सिटी को बचाने की तैयारी की जा रही है. डीपीआर तैयार कर शासन को भेज दी गई है. आखिरी फैसला शासन स्तर पर ही लिया जाएगा. इसके बाद सिटी को विकसित करने की प्रक्रिया आगे शुरू होगी.
पीपीपी मॉडल क्या है?
इसमें दो या दो से अधिक सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच एक सहकारी व्यवस्था है, जो आमतौर पर दीर्घकालिक प्रकृति की होती है. पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत सरकार निजी कंपनियों के साथ अपनी परियोजनाओं को पूरा करती है. देश के कई हाईवे इसी मॉडल पर बने हैं.
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