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चिल्ला बॉर्डर पर बारिश के बावजूद डटे रहे किसान

चिल्ला बॉर्डर पर 12 दिनों से लगातार धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन भानु के किसानों ने बारिश के बावजूद भी हिम्मत नहीं हारी. टेंट पूरी तरह से भीग गया और जमीन पर बिछाई गई कालीन भी भीग गई, लेकिन किसान डटे रहे.

the farmers stayed Despite the rain on the chilla border in noida
चिल्ला बॉर्डर पर बारिश के बावजूद डटे रहे किसान
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Published : Dec 12, 2020, 10:45 AM IST

नई दिल्ली/नोएडा: शनिवार को सुबह-सुबह तेज हवाओं के साथ हुई बारिश ने मौसम को बदल कर रख दिया, 12 दिनों से आज लगातार धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन भानु के किसानों का हाल यह हुआ कि बारिश ने उनके धरने को प्रभावित कर दिया. टेंट पूरी तरह से भीग गया और जमीन पर बिछाई गई कालीन भी भीग गई.

बारिश के बावजूद डटे रहे किसान

किसान किसी तरह अपनी गाड़ियों में बैठकर बारिश बंद होने का इंतजार करते रहे, बारिश बंद होने पर किसान फिर अलाव जलाए और धरने पर बैठ गए. किसानों का कहना है कि बारिश ने उनका स्वागत किया है क्योंकि गेहू की बुवाई के बाद बारिश की जरूरत है, जिसे ऊपर वाले ने पूरा किया है.


बारिश ने प्रभावित किया किसानों का धरना

12 दिनों से लगातार धरने पर नोएडा के सेक्टर 14a स्थित चिल्ला बॉर्डर पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के धरने को आज शनिवार कि सुबह तेज बारिश ने प्रभावित कर दिया. ठंड से बचने के लिए किसानों ने टेंट और कालीन बिछा रखा है, जिसे बारिश ने पूरी तरीके से भीगा दिया है.

बारिश बंद होने के बाद किसानों ने लकड़ियां जलाकर अलाव जलाया और ठंड से बचने का प्रयास शुरू किया. वहीं ज्यादातर किसान अपनी अपनी गाड़ियों में बैठ गए. बारिश के दौरान किसानों ने शनिवार सुबह हुई बारिश का स्वागत किया है और कहा है कि बारिश की आवश्यकता थी. क्योंकि गेहूं की बुवाई हुई है और उसमें पानी की जरूरत है, जिस पर इंद्रदेव खुश होकर बारिश किए हैं. हमारे थाने पर बारिश का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.

यह भी पढ़े- नोएडाः धरने पर बैठे किसानों ने ऐसे रखा शरीर का ध्यान

नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों का कहना है कि बारिश, आंधी, तूफान या बर्फ में पड़े तो भी हमारे धरने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. हम मजबूती के साथ अपने धरने पर अपनी मांगों के साथ बैठे रहेंगे. आज की बारिश किसानों के लिए एक अच्छी बारिश है, क्योंकि हम धरने पर हैं और हमारे गेहूं के खेतों में पानी देने वाला कोई नहीं, जिसे ऊपर वाले ने पूरा किया है और हम इस बारिश का पूरी तरीके से स्वागत करते हैं और अपनी मांगों के साथ धरने पर बने रहेंगे.

नई दिल्ली/नोएडा: शनिवार को सुबह-सुबह तेज हवाओं के साथ हुई बारिश ने मौसम को बदल कर रख दिया, 12 दिनों से आज लगातार धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन भानु के किसानों का हाल यह हुआ कि बारिश ने उनके धरने को प्रभावित कर दिया. टेंट पूरी तरह से भीग गया और जमीन पर बिछाई गई कालीन भी भीग गई.

बारिश के बावजूद डटे रहे किसान

किसान किसी तरह अपनी गाड़ियों में बैठकर बारिश बंद होने का इंतजार करते रहे, बारिश बंद होने पर किसान फिर अलाव जलाए और धरने पर बैठ गए. किसानों का कहना है कि बारिश ने उनका स्वागत किया है क्योंकि गेहू की बुवाई के बाद बारिश की जरूरत है, जिसे ऊपर वाले ने पूरा किया है.


बारिश ने प्रभावित किया किसानों का धरना

12 दिनों से लगातार धरने पर नोएडा के सेक्टर 14a स्थित चिल्ला बॉर्डर पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के धरने को आज शनिवार कि सुबह तेज बारिश ने प्रभावित कर दिया. ठंड से बचने के लिए किसानों ने टेंट और कालीन बिछा रखा है, जिसे बारिश ने पूरी तरीके से भीगा दिया है.

बारिश बंद होने के बाद किसानों ने लकड़ियां जलाकर अलाव जलाया और ठंड से बचने का प्रयास शुरू किया. वहीं ज्यादातर किसान अपनी अपनी गाड़ियों में बैठ गए. बारिश के दौरान किसानों ने शनिवार सुबह हुई बारिश का स्वागत किया है और कहा है कि बारिश की आवश्यकता थी. क्योंकि गेहूं की बुवाई हुई है और उसमें पानी की जरूरत है, जिस पर इंद्रदेव खुश होकर बारिश किए हैं. हमारे थाने पर बारिश का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.

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नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों का कहना है कि बारिश, आंधी, तूफान या बर्फ में पड़े तो भी हमारे धरने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. हम मजबूती के साथ अपने धरने पर अपनी मांगों के साथ बैठे रहेंगे. आज की बारिश किसानों के लिए एक अच्छी बारिश है, क्योंकि हम धरने पर हैं और हमारे गेहूं के खेतों में पानी देने वाला कोई नहीं, जिसे ऊपर वाले ने पूरा किया है और हम इस बारिश का पूरी तरीके से स्वागत करते हैं और अपनी मांगों के साथ धरने पर बने रहेंगे.

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