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नोएडाः सरकारी गोदाम पर क्षेत्र के किसानों ने किया हंगामा, खाद के साथ जबरन दिया जा रहा है केमिकल

नोएडा के दनकौर कस्बे में स्थित सरकारी खाद गोदाम पर किसानों ने सोमवार को जमकर हंगामा (Farmers ruckus at government fertilizer warehouse) किया. किसानों का आरोप है कि उनको जबरन डीएपी (खाद) के साथ अन्य केमिकल की बोतल दी जा रही है, जबकि उस बोतल का किसानों के लिए कोई काम नहीं है.

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Published : Oct 17, 2022, 10:38 PM IST

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडाः नोएडा के दनकौर कस्बे में स्थित सरकारी खाद गोदाम पर किसानों ने सोमवार को जमकर हंगामा (Farmers ruckus at government fertilizer warehouse) किया. किसानों का आरोप है कि उनको जबरन डीएपी (खाद) के साथ अन्य केमिकल की बोतल दी जा रही है, जबकि उस बोतल का किसानों के लिए कोई काम नहीं है. इसको लेकर वहां पर मौजूद कर्मचारियों और किसानों के बीच झड़प भी हुई. किसानों ने मामले की शिकायत संबंधित विभाग के अधिकारियों से करने की बात कही है.

दनकौर में बस अड्डा रोड पर सरकारी खाद गोदाम है. कुछ दिन बाद किसानों की गेहूं की फसल की बुवाई होनी वाली है, जिसको लेकर किसान अभी से खाद और बीज को सहकारी गोदाम से लेकर घर पर रख रहे हैं. सोमवार को क्षेत्र के जुनेदपुर, दनकौर और अट्टा गुजरान समेत कई गांवों के किसान वहां पर खाद और बीज लेने के लिए पहुंचे. आरोप है कि जहां खाद के दो बैग के साथ 240 रुपये की केमिकल की बोतल भी कर्मचारियों द्वारा दी गई, तो किसानों ने केमिकल की बोतल लेने से इनकार कर दिया.

किसानों का कहना है कि केमिकल की बोतल की उनके फसल के लिए कोई जरूरत नहीं है. आरोप है कि इसके बावजूद जबरन उनको केमिकल की बोतल दी गई. जिन किसानों ने बोतल लेने से इनकार कर दिया, उनको खाद भी नहीं दिया. जिसके बाद गुस्साए किसानों ने एकत्रित होकर गोदाम के सामने जमकर हंगामा करते हुए विभाग के खिलाफ नारेबाजी भी की.

किसानों का कहना है कि केमिकल की बोतल उनको जबरन दिया जा रहा है. क्योंकि खाद के दो बैग है. वह 2700 रुपये में मिल रहे हैं. जबकि बोलत देकर 240 रुपये का और ज्यादा भार डाला जा रहा है. जिसका किसान विरोध कर रहे है. इसको लेकर वहां कर्मचारियों और किसानों में जमकर कहासुनी भी हुई. इस मौके पर सतीश, हेमन्त शर्मा, राजू, प्रमोद, रामकिशन, रोहित, महाराज, और अनिल समेत कई किसान उपस्थित रहे.

ये भी पढ़ेंः तीनों प्राधिकरण के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन टिकैत ने किया प्रदर्शन, दिल्ली कूच का किया आह्वान

अभी कुछ दिनों में ही गेहूं की फसल की बुवाई शुरू हो जाएगी, जिसके लिए किसानों को डीएपी की आवश्यकता होती है. फसल की बुवाई के समय डीएपी की कमी होने के कारण किसानों को नहीं मिल पाती. इसीलिए किसान अभी से ही डीएपी लेकर अपने घरों पर उसको रख रहे हैं. लेकिन गोदाम के अधिकारियों के द्वारा डीएपी के साथ अतिरिक्त केमिकल की बोतल दी जा रही है जिसका किसान विरोध कर रहे हैं.

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडाः नोएडा के दनकौर कस्बे में स्थित सरकारी खाद गोदाम पर किसानों ने सोमवार को जमकर हंगामा (Farmers ruckus at government fertilizer warehouse) किया. किसानों का आरोप है कि उनको जबरन डीएपी (खाद) के साथ अन्य केमिकल की बोतल दी जा रही है, जबकि उस बोतल का किसानों के लिए कोई काम नहीं है. इसको लेकर वहां पर मौजूद कर्मचारियों और किसानों के बीच झड़प भी हुई. किसानों ने मामले की शिकायत संबंधित विभाग के अधिकारियों से करने की बात कही है.

दनकौर में बस अड्डा रोड पर सरकारी खाद गोदाम है. कुछ दिन बाद किसानों की गेहूं की फसल की बुवाई होनी वाली है, जिसको लेकर किसान अभी से खाद और बीज को सहकारी गोदाम से लेकर घर पर रख रहे हैं. सोमवार को क्षेत्र के जुनेदपुर, दनकौर और अट्टा गुजरान समेत कई गांवों के किसान वहां पर खाद और बीज लेने के लिए पहुंचे. आरोप है कि जहां खाद के दो बैग के साथ 240 रुपये की केमिकल की बोतल भी कर्मचारियों द्वारा दी गई, तो किसानों ने केमिकल की बोतल लेने से इनकार कर दिया.

किसानों का कहना है कि केमिकल की बोतल की उनके फसल के लिए कोई जरूरत नहीं है. आरोप है कि इसके बावजूद जबरन उनको केमिकल की बोतल दी गई. जिन किसानों ने बोतल लेने से इनकार कर दिया, उनको खाद भी नहीं दिया. जिसके बाद गुस्साए किसानों ने एकत्रित होकर गोदाम के सामने जमकर हंगामा करते हुए विभाग के खिलाफ नारेबाजी भी की.

किसानों का कहना है कि केमिकल की बोतल उनको जबरन दिया जा रहा है. क्योंकि खाद के दो बैग है. वह 2700 रुपये में मिल रहे हैं. जबकि बोलत देकर 240 रुपये का और ज्यादा भार डाला जा रहा है. जिसका किसान विरोध कर रहे है. इसको लेकर वहां कर्मचारियों और किसानों में जमकर कहासुनी भी हुई. इस मौके पर सतीश, हेमन्त शर्मा, राजू, प्रमोद, रामकिशन, रोहित, महाराज, और अनिल समेत कई किसान उपस्थित रहे.

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अभी कुछ दिनों में ही गेहूं की फसल की बुवाई शुरू हो जाएगी, जिसके लिए किसानों को डीएपी की आवश्यकता होती है. फसल की बुवाई के समय डीएपी की कमी होने के कारण किसानों को नहीं मिल पाती. इसीलिए किसान अभी से ही डीएपी लेकर अपने घरों पर उसको रख रहे हैं. लेकिन गोदाम के अधिकारियों के द्वारा डीएपी के साथ अतिरिक्त केमिकल की बोतल दी जा रही है जिसका किसान विरोध कर रहे हैं.

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