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ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के बाहर किसानों का धरना, चेयरमैन से हुई वार्ता - ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी किसान प्रदर्शन

लीजबैक मामले की एसआईटी रिपोर्ट के खिलाफ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाहर किसानों का धरना जारी है. इसी बीच बुधवार को प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ किसानों की बैठक हुई.

farmers protest outside greater noida authority
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के बाहर किसानों का धरना, चेयरमैन से हुई वार्ता
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Published : Dec 31, 2020, 2:51 AM IST

नई दिल्ली ग्रे.नोएडाः ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की लीजबैक घोटाले मामले में एसआईटी की जांच रिपोर्ट से नाराज किसानों का ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाहर धरना जारी है. वहीं प्राधिकरण के अधिकारी धरना समाप्त कराने के लिए किसानों के साथ बुधवार को भी बैठक की. लगभग दो-तीन घंटे चली बैठक में 51 किसानों का प्रतिनिधि मंडल शामिल हुए.

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के बाहर किसानों का धरना जारी

बैठक के दौरान प्राधिकरण के चेयरमैन आलोक टंडन और जिलाधिकारी भू मौजूद रहे. किसानों ने एसआईटी की जांच पर सवाल उठाते हुए रद्द करने की मांग की. वहीं अधिकारियों ने किसानों से धरना समाप्त करने की अपील की. किसानों का कहना है कि जब तक एसआईटी की जांच रिपोर्ट रद्द नहीं की जाएगी, तब तक किसान आंदोलन करते रहेंगे.

ये है मामला

बता दें कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में 2011 में हुए लीजबैक घोटाले की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी, जिसमें एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. किसानों का आरोप है कि लगभग 2300 मामलों की जांच हुई थी, जिसमें से लगभग 1600 सो किसानों की लीजबैक को गलत ठहराया गया है और किसानों को 6 परसेंट प्लॉट का लाभ ना देने की सिफारिश की गई है. किसानों का आरोप है कि जांच में अनदेखी की गई है. बाहरी लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से मूल किसानों की लीजबैक को एसआईटी की रिपोर्ट में गलत ठहराया है.

नई दिल्ली ग्रे.नोएडाः ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की लीजबैक घोटाले मामले में एसआईटी की जांच रिपोर्ट से नाराज किसानों का ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाहर धरना जारी है. वहीं प्राधिकरण के अधिकारी धरना समाप्त कराने के लिए किसानों के साथ बुधवार को भी बैठक की. लगभग दो-तीन घंटे चली बैठक में 51 किसानों का प्रतिनिधि मंडल शामिल हुए.

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के बाहर किसानों का धरना जारी

बैठक के दौरान प्राधिकरण के चेयरमैन आलोक टंडन और जिलाधिकारी भू मौजूद रहे. किसानों ने एसआईटी की जांच पर सवाल उठाते हुए रद्द करने की मांग की. वहीं अधिकारियों ने किसानों से धरना समाप्त करने की अपील की. किसानों का कहना है कि जब तक एसआईटी की जांच रिपोर्ट रद्द नहीं की जाएगी, तब तक किसान आंदोलन करते रहेंगे.

ये है मामला

बता दें कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में 2011 में हुए लीजबैक घोटाले की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी, जिसमें एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. किसानों का आरोप है कि लगभग 2300 मामलों की जांच हुई थी, जिसमें से लगभग 1600 सो किसानों की लीजबैक को गलत ठहराया गया है और किसानों को 6 परसेंट प्लॉट का लाभ ना देने की सिफारिश की गई है. किसानों का आरोप है कि जांच में अनदेखी की गई है. बाहरी लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से मूल किसानों की लीजबैक को एसआईटी की रिपोर्ट में गलत ठहराया है.

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