ETV Bharat / city

बिना तैयारी पत्थर मार्केट को गिराने पहुंचा प्राधिकरण, किसानों ने किया जबरदस्त विरोध - Farmers

नोएडा विकास प्राधिकरण अतिक्रमण दस्ते और भारी पुलिस फोर्स के साथ पत्थर मार्केट को ढहाने पहुंचा, लेकिन अथॉरिटी के अधिकारियों के बीच तालमेल और पेपर वर्क नहीं होने के कारण उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा.

अतिक्रमण
author img

By

Published : Jun 18, 2019, 5:27 PM IST

Updated : Jun 18, 2019, 11:19 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: सेक्टर-49 बरौला के पत्थर मार्केट को अतिक्रमण बता ढहाने पहुंचे नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों को खाली हाथ लौटना पड़ा. जानकारी के मुताबिक भूलेख विभाग और वर्क सर्किल के बीच समन्वय नहीं होने के चलते अधिकारियों को खाली हाथ लौटना पड़ा.

पत्थर मार्केट ढहाने पहुंचे अधिकारी खाली हाथ लौटे

मांगों को लेकर धरने पर बैठे लोग
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि बरौला गांव के बाहर पत्थर मार्केट का अधिग्रहण हो चुका है. किसान इस बात को मानने को तैयार नहीं है और अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं.

People on strike
धरने पर बैठे किसान

अधिकारियों में आपसी तालमेल नहीं
नोएडा विकास प्राधिकरण अतिक्रमण दस्ते और भारी पुलिस फोर्स के साथ पत्थर मार्केट को ढहाने पहुंचा, लेकिन अथॉरिटी के अधिकारियों के बीच आपस में तालमेल और पेपर वर्क नहीं होने के चलते उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा.

'किसानों को बेसहारा करने की कोशिश'
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि प्राधिकरण किसानों की जमीन को कब्जे में लेकर उन्हें बेसहारा करने की कोशिश कर रहा है. साल 2009 में अथॉरिटी ने माना कि उनसे गलती हुई है लेकिन अब एनजीटी की आड़ में किसानों की जमीन पर जबरन कब्जा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वो ऐसा बिल्कुल नहीं होने देंगे, अगर जरूत पड़ी तो किसी भी हद तक जाएंगे.

Indian farmers union
राष्ट्रीय महासचिव, भारतीय किसान यूनियन भानू

धरने पर बैठे हैं स्थानीय लोग
धरने पर बैठी मधु नाम की महिला ने कहा कि हमने अपने जीवन भर की पूंजी यहां लगा दी. पुरखों से हम यहां रहते आ रहे हैं और अब अचानक से प्राधिकरण इन्हें तोड़ना चाहता है. उन्होंने कहा कि अगर हमारी छत ही हमसे छीन ली जाएगी तो हम कहां जाएंगे.

नई दिल्ली/नोएडा: सेक्टर-49 बरौला के पत्थर मार्केट को अतिक्रमण बता ढहाने पहुंचे नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों को खाली हाथ लौटना पड़ा. जानकारी के मुताबिक भूलेख विभाग और वर्क सर्किल के बीच समन्वय नहीं होने के चलते अधिकारियों को खाली हाथ लौटना पड़ा.

पत्थर मार्केट ढहाने पहुंचे अधिकारी खाली हाथ लौटे

मांगों को लेकर धरने पर बैठे लोग
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि बरौला गांव के बाहर पत्थर मार्केट का अधिग्रहण हो चुका है. किसान इस बात को मानने को तैयार नहीं है और अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं.

People on strike
धरने पर बैठे किसान

अधिकारियों में आपसी तालमेल नहीं
नोएडा विकास प्राधिकरण अतिक्रमण दस्ते और भारी पुलिस फोर्स के साथ पत्थर मार्केट को ढहाने पहुंचा, लेकिन अथॉरिटी के अधिकारियों के बीच आपस में तालमेल और पेपर वर्क नहीं होने के चलते उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा.

'किसानों को बेसहारा करने की कोशिश'
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि प्राधिकरण किसानों की जमीन को कब्जे में लेकर उन्हें बेसहारा करने की कोशिश कर रहा है. साल 2009 में अथॉरिटी ने माना कि उनसे गलती हुई है लेकिन अब एनजीटी की आड़ में किसानों की जमीन पर जबरन कब्जा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वो ऐसा बिल्कुल नहीं होने देंगे, अगर जरूत पड़ी तो किसी भी हद तक जाएंगे.

Indian farmers union
राष्ट्रीय महासचिव, भारतीय किसान यूनियन भानू

धरने पर बैठे हैं स्थानीय लोग
धरने पर बैठी मधु नाम की महिला ने कहा कि हमने अपने जीवन भर की पूंजी यहां लगा दी. पुरखों से हम यहां रहते आ रहे हैं और अब अचानक से प्राधिकरण इन्हें तोड़ना चाहता है. उन्होंने कहा कि अगर हमारी छत ही हमसे छीन ली जाएगी तो हम कहां जाएंगे.

Intro:नोएडा के सेक्टर 49 बरौला के पत्थर मार्केट को अतिक्रमण बता ढहाने पहुंचे नोएडा अथॉरिटी के अधिकारी बैरंग हाथ लौटें। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भूलेख विभाग और वर्क सर्किल के बीच समन्वय नहीं होने के चलते अधिकारियों को खाली हाथ लौटना पड़ा।

नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि बरौला गांव के बाहरी बनी पत्थर मार्केट का अधिग्रहण हो चुका है जबकि किसान इस बात को मानने को तैयार नहीं है और अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं।




Body:नोएडा प्राधिकरण अतिक्रमण दस्ते और भारी पुलिस फोर्स के साथ पत्थर मार्केट को ढहाने पहुंचा। लेकिन अथॉरिटी के अधिकारियों में आपस में तालमेल और पेपर वर्क नहीं होने के चलते उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।

भारतीय किसान यूनियन भानू के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि प्राधिकरण किसानों की जमीन को कब्जे में लेकर किसानों को बेसहाय करने कि कोशिश कर रहा है। साल 2009 में अथॉरिटी ने माना कि उनसे गलती हुई है लेकिन अब NGT कि आड़ में किसानों की जमीन जबरन हथिया रहा है। उन्होंने कहा कि वो ऐसा बिल्कुल नहीं होने देंगे अगर जरूत पड़ी तो किसी भी हद तक जाएंगे।



Conclusion:माई धरने पर बैठी एक महिला ने बताया कि उन्होंने जीवन भर की पूंजी यहां पर लगा दी है अगर अथॉरिटी उसे उखाड़ कर फेंके देती तो वह कहां जाएंगे?
Last Updated : Jun 18, 2019, 11:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.