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नोएडा: कोरोना के डर से परिजनों ने 3 घंटे तक वाहन से नहीं उतारा शव

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक ओहरी ने बताया कि मृतक शरीर महिला का था और परिजनों ने पहले दाह संस्कार करने की बात कही. लेकिन बाद में परिवार ने इंकार कर दिया और पीपीई किट पहनने के बाद भी शव को उठाने से मना कर दिया. बाद में स्वास्थ्य कर्मी को भेजकर बॉडी डिस्पोज ऑफ की है.

Family did not take dead body from vehicle for 3 hours due to fear of corona in Noida
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Published : Jun 19, 2020, 1:47 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही बदस्तूर जारी है. कोरोना के डर से 3 घंटे तक वाहन से शव नहीं उतारा गया. सेक्टर 38 ए स्थित एक कब्रिस्तान के बाहर खड़े शव वाहन से मृतक महिला का शव परिजनों ने करीब तीन घंटे तक नहीं उतारा.

परिजनों ने 3 घंटे तक वाहन से नहीं उतारा शव

परिजन डॉक्टर्स को बुलाने पर अड़े रहे. बाद में एक निजी अस्पताल कर्मी PPE किट पहकर पहुंचे और शव उतारा. इसके बाद शव को दफनाने की प्रक्रिया शुरू की.



मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक ओहरी ने बताया कि मृतक शरीर महिला का था और परिजनों ने पहले दाह संस्कार करने की बात कही. लेकिन बाद में परिवार ने इंकार कर दिया और पीपीई किट पहनने के बाद भी शव को उठाने से मना कर दिया. बाद में स्वास्थ्य कर्मी को भेजकर बॉडी डिस्पोज ऑफ की है.



प्रोटोकॉल की अनदेखी

सेक्टर 38 ए में शव उतारने को लेकर कब्रिस्तान के सामने जद्दोजहद चलती रही. हालांकि प्रोटोकॉल के तहत शव की अंतिम प्रक्रिया के वक्त पीपीई किट पहनकर एक स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहता है. कोरोना अपडेट होने पर स्वास्थ्य कर्मी ध्यान रखते हैं कि परिजन शव के संपर्क में ना आएं.

नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही बदस्तूर जारी है. कोरोना के डर से 3 घंटे तक वाहन से शव नहीं उतारा गया. सेक्टर 38 ए स्थित एक कब्रिस्तान के बाहर खड़े शव वाहन से मृतक महिला का शव परिजनों ने करीब तीन घंटे तक नहीं उतारा.

परिजनों ने 3 घंटे तक वाहन से नहीं उतारा शव

परिजन डॉक्टर्स को बुलाने पर अड़े रहे. बाद में एक निजी अस्पताल कर्मी PPE किट पहकर पहुंचे और शव उतारा. इसके बाद शव को दफनाने की प्रक्रिया शुरू की.



मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक ओहरी ने बताया कि मृतक शरीर महिला का था और परिजनों ने पहले दाह संस्कार करने की बात कही. लेकिन बाद में परिवार ने इंकार कर दिया और पीपीई किट पहनने के बाद भी शव को उठाने से मना कर दिया. बाद में स्वास्थ्य कर्मी को भेजकर बॉडी डिस्पोज ऑफ की है.



प्रोटोकॉल की अनदेखी

सेक्टर 38 ए में शव उतारने को लेकर कब्रिस्तान के सामने जद्दोजहद चलती रही. हालांकि प्रोटोकॉल के तहत शव की अंतिम प्रक्रिया के वक्त पीपीई किट पहनकर एक स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहता है. कोरोना अपडेट होने पर स्वास्थ्य कर्मी ध्यान रखते हैं कि परिजन शव के संपर्क में ना आएं.

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