नई दिल्ली/नोएडा : नोएडा स्थित गौतमबुद्धनगर जिला अस्पताल की फाल्स सीलिंग हादसों को दावत दे रही है. रख-रखाव के अभाव के चलते फाल्स सीलिंग जगह-जगह से गिरने लगी है. हद तो ये है कि प्रतीक्षालय और लैब के साथ ही ओपीडी में कई जगह फाल्स सीलिंग गिर रही है, लेकिन इस ओर अस्पताल प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है.
जिले के स्वास्थ्य प्रशासन का पूरा अमला यहीं बैठता है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी से लेकर तमाम प्रशासनिक अफसर यहीं रहते हैं. लेकिन किसी का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है. किसी दिन कोई अनहोनी होने के बाद पूरा अमला अफरा-तफरी में उलझकर रह जाएगा.
नोएडा का जिला अस्पताल तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट था. जिसका उन्होंने 2011 में लोकार्पण किया था. तब से लेकर अब तक सरकारें लगातार बदलीं तो इसकी दशा लगातार दुर्दशा में तब्दील होती चली गई है. मरीजों को जहां अच्छी व्यवस्थाएं और सुविधाएं मिलनी चाहिए थीं. वहां अब बदहाली और दुर्व्यवस्था ही सुविधाओं का दूसरा नाम बन गया है.
नोएडा स्थित गौतमबुद्धनगर जिला अस्पताल अब खुद बीमार नजर आने लगा है. अस्पताल का मेंटेनेंस 2018 तक नोएडा प्राधिकरण देख रहा था. जिसे 2018 में तत्कालीन अस्पताल प्रशासन ने अपने हाथ में ले लिया. जिसके बाद से बदहाली का दौर जो चला तो आज तक थमा ही नहीं.
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अस्पताल के कर्मचारी जितेंद्र ने सीलिंग के गिरने के संबंध में बताया कि सिर्फ लैब के आस-पास ही सीलिंग नहीं गिर रही है, बल्कि सर्जिकल वार्ड और गॉयनी वार्ड के साथ ही अन्य जगहों पर भी सीलिंग टूटकर गिर रही है. तमाम अफसरों के नॉलेज में होने के बावजूद भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है.