ग्रेटर नोएडा: कहावत है कि गांव बसा नहीं और लुटेरे पहले आ गए. ये कहावत ग्रेटर नोएडा के जेवर एयरपोर्ट को लेकर चरितार्थ हो रही है. दरअसल, अभी जेवर एयरपोर्ट बना नहीं है, लेकिन ठगी और धोखाधड़ी करने वाले अभी से सक्रिय हो गए हैं. जेवर एयरपोर्ट को लेकर टेंडर देने के नाम पर फर्जी लेटर जारी कर दिया गया.
लेटर के वायरल होने के साथ ही यमुना विकास प्राधिकरण के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. मामले की जब प्राधिकरण के अधिकारियों की ओर से विभागीय स्तर पर जांच की गई तो लेटर फर्जी पाया गया. इस संबंध में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने पत्र जारी करके मुकदमा दर्ज करने के लिए पुलिस से निवेदन किया है और मामले की सच्चाई को सामने लाने की बात कही जा रही है.
यमुना एक्सप्रेस-वे विकास प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी रविंद्र सिंह ने ग्रेटर नोएडा पुलिस को पत्र लिखा है. इसमें बताया गया है कि टेंडर देने के नाम पर फर्जी लेटर जारी किया गया है. प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुण वीर सिंह ने बताया कि यह पूरी तरीके से फर्जी है. इस तरह का कोई वेलकम लेटर किसी भी कंपनी को जारी नहीं किया गया है. इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के नाम से फर्जी पत्र जारी कर टेंडर देने के मामले को पूरी तरह से खारिज किया गया है.
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अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी रविंद्र सिंह ने पुलिस को लिखे पत्र में कहा है कि प्राथमिकी दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाए. इस संबंध में जिसने भी लेटर जारी किया है, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कार्य करने के लिए फर्जी वेलकम लेटर जारी किए जाने के संबंध में यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया कि किसी भी तरह का कोई टेंडर देने के नाम पर वेलकम लेटर जारी नहीं किया गया है. यह लेटर पूरी तरह से फर्जी है, फर्जी लेटर के झांसे में आम लोग ना आए, एयरपोर्ट के काम को पूरी तरीके से पारदर्शी करके आवंटित किया जाएगा. एयरपोर्ट के कार्य को बाधित करने के लिए कुछ असामाजिक लोगों ने इस तरह का लेटर वायरल किया है.
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उन्होंने बताया कि 20 मार्च 2021 को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जुड़ी जमीन पर कार्य आवंटन किए जाने से संबंधित एक लेटर संज्ञान में आया है, जबकि यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने ऐसा कोई भी पत्र किसी को नहीं भेजा है और ना ही वेलकम लेटर जारी किया है. वेलकम लेटर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड और उत्तर प्रदेश सरकार का जिक्र कर फर्जी ढंग से जमीन से जुड़े कार्यों के लिए 5 हजार एकड़ में 500 करोड़ रुपये के टेंडर का अप्रूवल दिखाया जा रहा है. कंपनी के नाम पर किसी का नाम नहीं है, वहीं ऑफिस के पते में अनूपपुर मध्य प्रदेश लिखा हुआ है. मामले में पुलिस की ओर से पूरी पारदर्शिता के साथ जांच कराई जाएगी.